युवाओं की आकांक्षाएं हों पूरी ताकि शिक्षा न रहे अधूरी
प्रयागराज: भारत 25.3 करोड़ आबादी के साथ दुनिया का सबसे अधिक किशोर आबादी (10 – 19 वर्ष की आयु ) वाला देश है । वर्तमान में प्रजनन दर में गिरावट के कारण जहाँ एक ओर कुल जनसँख्या में कामकाजी उम्र के युवाओं का प्रतिशत बढ़ रहा है वहीँ बच्चों का प्रतिशत कम हो रहा है । हालाँकि यह ‘जनसांख्यिकीय लाभांश’ इस युवा जनसँख्या को अपनी शिक्षा और कैरियर से जुड़ी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सही अवसरों में तत्काल निवेश पर निर्भर है । युवा वयस्कों के जीवन को समझना उदया ( किशोरों और युवा वयस्कों के जीवन को समझना ) अध्ययन के अनुसार शिक्षा से रोज़गार की ओर बढ़ते हुए युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रयास से भारत को अपने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पाने और सतत आर्थिक विकास करने में मदद मिल सकती है । यह अध्ययन पापुलेशन काउंसिल द्वारा उत्तर प्रदेश और बिहार में 10-19 वर्ष की आयु के लगभग 20,000 किशोर/ किशोरियों पर किया गया था । चयनित उत्तरदाताओं के साथ वर्ष 2015-16 और 2018-19 में दो बार सर्वे किया गया और किशोरावस्था से वयस्क होने के दौरान उनकी प्रगति को ट्रैक किया गया । रिसर्च जानिए क्या कहता है भारत की कुल