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Showing posts from February, 2022

कौशाम्बी :मिशन इन्द्रधनुष -4.0 की तैयारी शुरू

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कौशाम्बी। नियमित टीकाकरण से छूट गए शून्य से दो वर्ष की आयु के बच्चों और गर्भवती को टीडी के टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए विशेष अभियान सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 (आईएमआई-4.0) चलाया जाएगा । यह अभियान जनपद में सात मार्च से शुरू होगा तथा तीन चरणों में संचालित होगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.सी राय ने बताया- कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन एवं अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश शासन से मिले हैं। उन्होंने बताया- सघन मिशन इंद्रधनुष की गतिविधियां संचालित किये जाने के लिए शासन से तिथियां निर्धारित कर दी गयी हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हिन्द प्रकाश मणि ने बताया- तीन चरणों में चलने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 का प्रथम चरण सात मार्च से शुरू होगा। इसका द्वितीय चरण चार अप्रैल और तृतीय चरण दो मई से शुरू होगा। विधानसभा चुनाव की मतगणना होने के कारण 10 मार्च को टीकाकरण कार्यक्रम स्थगित रहेगा। उन्होंने बताया सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 के लिए संचालित होने वाली गतिविधियों के लिए शासन से दिनांक निर्धारित कर दी गयी हैं। 18 फरवरी को राज्य स

गुरु नानक इंग्लिश मीडियम स्कूल में हिजाब पर लगा प्रतिबंध

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  वाराणसी   : शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड का पालन न करने वाले विद्यालय मीडिया की सुर्खियों में बने हुए है। इस बीच प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शिवपुर स्थित गुरु नानक इंग्लिश मीडियम स्कूल में ड्रेस कोड का विवाद अब शांत होता दिख रहा है। आखिरकार स्कूल की प्रधानाचार्या निर्मला राठौर को स्कूल में हिजाब को प्रतिबंधित करना ही पड़ा। स्कूल में हिजाब को प्रतिबंधित करने के लिए धरना प्रदर्शन करने वाले समाजसेवी हिमांशु चतुर्वेदी को न्यायालय ने भी जमानत दे दी है। जानिए क्या है पूरा मामला  ड्रेस कोड का उल्लंघन करते हुए गुरु नानक स्कूल में मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर आ रही थी। इसकी शिकायत स्कूल के छात्रों ने प्रधानाचार्या से की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। छात्र इस सम्बद्ध में अपनी शिकायत लेकर सामाजसेवक हिमांशु चतुर्वेदी के पास गए। हिमांशु ने विद्यालय प्रधानाचार्या निर्मला राठौर से मुलाक़ात की व विद्यालय में हिजाब पहनकर छात्राओं के आने का लिखित जवाब मांगा। प्रधानाचार्या ने कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया। मजबूरन हिमांशु अपने कुछ साथियों के साथ धरने पर बैठ गए। विद्यालय प्रशासन व पुलिसबल न

गुरु नानक विद्यालय में सांप्रदायिक पहनावे का विरोध करने पर हिमांशु चतुर्वेदी को जेल

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  वाराणसी : कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद के बाद से ही हर शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात हो रही है। इसी के मद्देनजर उत्तर-प्रदेश के जनपद वाराणसी में शिवपुर स्थित गुरु नानक स्कूल में मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर आ रही थी। शिक्षण संस्थान में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने एवं हिजाब पहनकर छात्राओं के स्कूल आने के विषय में इसकी शिकायत स्कूल के ही कुछ छात्रों ने प्रधानाचार्या निर्मला राठौर से की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अंत में छात्र इस सम्बद्ध में अपनी शिकायत लेकर युवा सामाजसेवक हिमांशु चतुर्वेदी के पास गए। हिमांशु ने विद्यालय प्रधानाचार्या निर्मला राठौर से मुलाक़ात की व विद्यालय में हिजाब पहनकर छात्राओं के आने का लिखित जवाब मांगा। इस संवेदनशील विषय पर प्रधानाचार्या ने कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया। मजबूरन हिमांशु चतुर्वेदी अपने कुछ समाजसेवी साथियों के साथ विद्यालय परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए।   हिमांशु के धरने पर बैठते ही विद्यालय प्रशासन के हाथ–पैर फूलने लगे। शांतिपूर्ण चल रहे धरने की खबर कुछ ही घंटों में राष्ट्रीय मीडिया चैनल व डिजिटल प्लेटफॉर्म व सोशल मीडिया

खांसी व आवाज़ के नमूने से हो सकेगी टी.बी. की पहचान

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  सुलतानपुर । आज के समय में हर दिन एक नई तकनीक ईजाद हो रही है । यह तकनीक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कमाल दिखा रही है । इसी क्रम में संभावित क्षय या टी.बी. रोगी की पहचान के लिए भी नवीन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है । इसमें संभावित रोगी की आवाज़ के नमूने लेकर उससे टी.बी. की जांच की जा रही है । जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर.के. कन्नौजिया ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग को पूरी तरह ख़त्म करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं । इसी क्रम में क्षय रोग की पहचान के लिए एक नई तकनीक का प्रयोग भी किया जा रहा है । इसमें फील्डी नामक एप का इस्तेमाल कर संभावित टी.बी. रोगी की आवाज़ के नमूने लेकर जांच की जा रही हैं । आवाज़ के कई प्रकार के नमूने लेकर सभी को जाँचा जाता है । अभी इस तकनीक का ट्रायल किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि जिले में 60 से अधिक लोगों की आवाज़ का नमूना लिया गया है । क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक विवेक मिश्र ने बताया कि इस एप के माध्यम से आवाज़ का सैंपल लेने में कई अलग-अलग संभावित टी.बी. रोगी की आवाज़ के नमूने लिए गए हैं । इसमें - माइक्रोस्कोपी में पॉजिटिव पाए गए, माइ

जिले में कुष्ठ रोगियों की तादाद में आई कमी

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  सुलतानपुर । जिले में 31 जनवरी से 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया गया । अभियान के दौरान  रोग के प्रति जागरूकता लाने के साथ ही कुष्ठ से ग्रसित रोगियों की पहचान भी की गई । इसके साथ ही यह भी खबर है कि अब जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या में कमी आई है । कुष्ठ नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. आर.के.कन्नौजिया ने बताया कि स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के अन्तर्गत सभी 2522 आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया था । सभी ने कुष्ठ रोग पर सन्देश और प्रश्नावली के माध्यम से अपने क्षेत्रों में घर-घर जा कर कुष्ठ रोगियों की पहचान की । उन्होंने बताया कि आयोजित पखवाड़े में चार नए कुष्ठ के मरीज़ चिन्हित किये गए हैं, जिनका उपचार भी शुरू हो गया है । वर्तमान में जिले में कुष्ठ के रोगियों की संख्या में कमी आई है । वर्ष 2021-22 में अब तक 40 रोगी चिन्हित किये गए थें । इनमें से 30 उपचार के बाद पूरी तरह ठीक भी हो चुके हैं ।  कुष्ठ के मरीजों की संख्या में कमी लाने में पहले से आयोजित होने वाले सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान एवं नियमित निगरानी बहुत मददगार रहे हैं । कुष्ठ रोग टी.बी. रोग की भांति ही फैलता है । कु

नंगे पाँव में चप्पल पाकर मासूमों के खिल उठे चेहरे

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  प्रयागराज  : घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूं कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए, निदा फ़ाज़ली जी की यह पंक्तियाँ तब सच साबित हो गईं जब मुफ़लसी के कारण नंगे पैर चलने वाले मासूम बच्चों के चेहरे नया चप्पल पाकर खुशी से खिल उठे। जनपद के मिंटो पार्क में स्माइल फ़ॉर आल संस्था ने जरूरतमन्द बच्चों के लिए चप्पल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें कुल 101 बच्चों को चप्पल वितरित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आस्था द्विवेदी उपस्थित रहीं। यह संस्था मलिन बस्तियों में शिक्षा से वंचित बच्चों का बचपन संवार रही है। 190 जरूरतमन्द बच्चों का विद्यालय में कराया दाखिला स्माइल फॉर ऑल के वाईस चीफ कोऑर्डिनेटर अमित पांडेय ने बताया कि ‘ठंड के मौसम में हम बच्चों के लिए कपड़ों और ऊनी वस्त्रों की व्यवस्था लगातार कर रहे हैं। इसी क्रम में आज चप्पल वितरण किया गया। जिससे बच्चे नंगे पैर न रहें व उनके स्वास्थ्य को भी सुरक्षा मिले। हमने जनपद में 190 जरूरतमन्द बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया है। एसएफए की टीम द्वारा 89 बच्चों का आर्य कन्या इन्टर कॉलेज, मुट्ठीगंज 92 बच्चों का डॉ. कैलाशनाथ काटजू इन्टर कॉलेज,की

प्रयागराज : मिशन इन्द्रधनुष -4.0 की तैयारी शुरू

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  प्रयागराज  । नियमित टीकाकरण से छूट गए शून्य से दो वर्ष की आयु के बच्चों और गर्भवती को टीडी के टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए विशेष अभियान सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 (आईएमआई-4.0) चलाया जाएगा । यह अभियान जनपद में सात मार्च से शुरू होगा तथा तीन चरणों में संचालित होगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नानक सरन ने बताया- कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन एवं अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश शासन से मिले हैं। उन्होंने बताया- सघन मिशन इंद्रधनुष की गतिविधियां संचालित किये जाने के लिए शासन से तिथियां निर्धारित कर दी गयी हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तीरथ लाल ने बताया- तीन चरणों में चलने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 का प्रथम चरण सात मार्च से शुरू होगा। इसका द्वितीय चरण चार अप्रैल और तृतीय चरण दो मई से शुरू होगा। विधानसभा चुनाव की मतगणना होने के कारण 10 मार्च को टीकाकरण कार्यक्रम स्थगित रहेगा। उन्होंने बताया सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 के लिए संचालित होने वाली गतिविधियों के लिए शासन से दिनांक निर्धारित कर दी गयी हैं। 18 फरवरी को राज्य स्तरी

दुआ से दवा’ तक का सफर दिलाएगा मनोविकार से छुटकारा

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  प्रयागराज, 18 फरवरी 2022 : जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जनपद के नखास कोना स्थित पीर बाबा मजार पर चल रहे उर्स मेला में गुरुवार को मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। ‘दुआ से दवा तक’ कार्यक्रम के तहत मजार पर आए हुए श्रद्धालुओं को मनोचिकित्सक डॉ राकेश कुमार पासवान व नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ ईशान्या राज ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के इलाज में दवाओं एवं मनोवैज्ञानिक थेरेपी की उपयोगिता बतायी। कार्यक्रम का उद्देश्य झाड़फूँक व अन्धविश्वास को दूर करना था | कार्यक्रम में मन:चिकित्सीय सामाजिक कार्यकर्ता जय शंकर पटेल एवं शैलेश कुमार साइकाइट्रिक नर्स की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में श्रद्धालुओं से अपील की गई कि किसी भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से निदान पाने के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम से सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को काल्विन अस्पताल के कमरा नंबर 13 में संपर्क कर सकते हैं | अस्पताल परिसर में दवा, मनोवैज्ञानिक परीक्षण व मनोचिकित्सीय काउंसलिंग की नि:शुल्क व्यवस्था है। मनोचिकित्सक डॉ राकेश कुमार पासवान ने श्रद्धालुओं से बातचीत में बताया कि म

सभी सतर्क रहे और मिलकर एनीमिया को हराए

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   कौशाम्बी 16 फ़रवरी 2022: खून की कमी से महिलाओं में कई तरह की समस्या जन्म ले सकती है। जागरूकता के अभाव में अक्सर यह देखा गया है कि एनीमिया के गंभीर लक्षण होने के बाद महिला इलाज के लिए जाती है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आयरन युक्त आहार का सेवन करें व हर छः माह पर खून की जांच कराएं। डॉ विजेता सिंह महिला विशेषज्ञ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा ने कहा कि प्रतिदिन की की ओ.पी.डी में लगभग 20 से 30 मरीज (किशोरी गर्भवती) ऐसे आ जाते हैं जो एनीमिया से ग्रसित होती हैं जिन्हें खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती हैं | उन्होंने बताया कि ‘एनीमिया का अर्थ है शरीर में खून की कमी होना, हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 ग्राम प्रतिलीटर व महिलाओं में 11 से 14 ग्राम प्रतिलीटर के बीच होनी चाहिए। इसलिए समय-समय पर अपने हीमोग्लोबिन की जांच कराते रहना चाहिए। किशोरियों व महिलाओं के लिए हर छः माह में एक बार खून की जांच करवाना बहुत जरूरी है। • पीरियड्स में रक्तस्राव कम या अनियमित होना एनीमिया का लक्षण। • गर्भावस्था के दौरान एनीमि

यौन संक्रमण को न करिए नजर अंदाज हाथ मिलाइए साथिया दीदी के साथ

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  प्रयागराज :किशोरावस्था में किशोर किशोरियों के शरीर में शारीरिक परिवर्तन के साथ कुछ ऐसी समस्या होने लगती है, जिसकी सही जानकारी और जागरूकता के साथ उबरा जा सकता है। इन समस्या में से एक है प्रजनन मार्ग (आरटीआई) एवं यौन संचारी (एसटीआई) संबंधी संक्रमण जो की किशोरावस्था में होने पर विचारधीन हो जाते हैं । जनपद में स्थापित साथिया क्लीनिक के काउन्सलर के अनुसार बहुत से किशोर किशोरी क्लीनिक पर इस समस्या के साथ आते है। हालांकि उनको यह पता नहीं होता कि यह समस्या क्या है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित किशोरी स्वास्थ्य क्लीनिक की काउंसलर अंजली जादौन बताती है कि हर माह करीब 50-60 किशोरियाँ आरटीआई/एसटीआई संबंधी समस्या को लेकर क्लीनिक पर आती हैं .  काउन्सलर बताते हैं कि आरटीआई/एसटीआई संबंधी समस्या का मुख्य कारण साफ़ सफाई, असुरक्षित यौन संबंध और जागरूकता की कमी है। जैसे लड़कियां अक्सर महावारी के समय गन्दा कपडा इस्तेमाल करती हैं और उचित सफाई भी नहीं रखती हैं। जिस कारण वह प्रजनन मार्ग संक्रमण जैसी समस्या से गुजरती है। प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य पर खुलकर बात करने की है आवश्यकता जिला अ

इन तीन महिला चिकित्सकों के हौंसलों से हर किसी को मिलेगी प्रेरणा

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  प्रयागराज : देश की पहली महिला राज्यपाल व 'नाइटेंगल ऑफ इंडिया' और 'भारत कोकिला' कही जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी व कवयित्री सरोजिनी नायडू की जयंती 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस पर जनपद की तीन ऐसी कोरोना योद्धाओं के जज्बे को सालाम जिन्होने फ्रंट लाइन पर रहकर कोरोना संक्रमितों की सेवा में तत्पर रहीं। नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ॰ ईशान्या राज, एनेस्थैटिक डॉ॰नीलम सिंह व सेवानिवृत्त सीएमएस डॉ० सुषमा श्रीवास्तव की जिनके अनुभव व हौसले से जनपद की हर महिला को प्रेरणा मिलेगी।   शिक्षा व साहस हर महिला के उत्थान का मुख्य आधार : डॉ॰ ईशान्या राज मण्डलीय चिकित्सालय काल्विन में कार्यरत डॉ. ईशान्या राज मनोविज्ञान के क्षेत्र से विगत 10 वर्षों से जुड़ी हैं। इन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई नए कार्यक्रम शुरू किए जो कि प्रदेश स्तर तक लागू हुए जैसे जिला अस्पताल में मोबाइल डीएडिक्शन सेंटर, स्क्रीन डिपेंडेंसी ट्रीटमेंट सेंटर, सुसाइड प्रीवेंशन सेल आदि। कोरोनाकाल में कोविड वार्ड में इन्होंने 1000 से ज्यादा पोस्ट कोविड के लक्षणों से जूझ रहे लोगों की मनो

सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत उच्च जोख़िम गर्भावस्था की महिलाओं को मिलेगा अतिरिक्त लाभ

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सुलतानपुर। उच्च जोख़िम गर्भावस्था (एच.आर.पी.) वाली महिलाओं को चिन्हित कर मातृ और शिशु मृत्युदर में और कमी लायी जा सकती है । इसलिए उच्च जोखिम की गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित करना बहुत ही आवश्यक होता है । इसके लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत गर्भवती को प्रसव पूर्व जाँच और संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.के. त्रिपाठी का । डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि एच.आर.पी. के रूप में चिन्हित प्रत्येक गर्भवती  की एम.बी.बी.एस. चिकित्सक या स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की देख-रेख में तीन अतिरिक्त ए.एन.सी. जांच कराना आशा व ए.एन.एम. की ज़िम्मेदारी है । चिन्हित  उच्च जोखिम युक्त (एच.आर.पी.) गर्भवती  की एम.बी.बी.एस. चिकित्सक या स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ द्वारा जांच करने पर लाभार्थी और उसे जाँच के लिए लाने वाली आशा कार्यकर्त्ता दोनों को ही प्रति विज़िट 100-100 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी । उन्होंने बताया कि चिन्हित एच.आर.पी. गर्भवती महिला के सुरक्षित संस्थागत प्रसव एवं प्रसव के बाद भी 45 दिन तक माँ एवं नवजात शिशु की देखभाल कर

सही समय पर उपचार से कुष्ठ रोग से मुक्ति संभव : डॉ. कन्नौजिया

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  सुलतानपुर । जिले में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है । इसका मुख्य उद्देश्य समाज को कुष्ठ रोग से मुक्त करना है । 13 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान के साथ ही सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान एवं नियमित निगरानी का कार्य भी किया जा रहा है । अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कुष्ठ नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. आर.के.कन्नौजिया ने कहा कि सही समय पर कुष्ठ की पहचान और उपचार शुरू कर दिया जाये तो कुष्ठ रोग से मुक्ति संभव है। उन्होंने बताया कि जिले में चल रहे स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के अन्तर्गत सभी 2522 आशा कार्यकर्ताओं को कुष्ठ रोग पर सन्देश और प्रश्नावली दी गई है । इसके माध्यम से सभी कार्यकर्ता अपने क्षेत्रों में घर-घर जा कर कुष्ठ रोगियों की पहचान कर रही हैं । उन्होंने बताया कि स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान में अब तक तीन नए रोगी चिन्हित किये गए हैं, जिनका उपचार भी शुरू हो गया है । डॉ. कन्नौजिया ने बताया कि वर्ष 2021-22 में अब तक 40 रोगी चिन्हित किये गए हैं जिनमें से 30 उपचार के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं । पिछले वर्षों के मरीजों को मिलाकर वर्तमान में 36 एक्टिव मरीज़ हैं, इन

कोरोना की गति को रोकने के लिए टीकाकरण जरूरी .: डॉ यश अग्रवाल

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  कौशाम्बी : टीकाकरण से छूटे हुए व्यक्तियों के चिन्हाकंन करने के लिए जनपद में 24 जनवरी से 29 जनवरी तक अभियान चला। अभियान के दौरान 60 वर्ष से ऊपर उम्र के 7914 पाये गये जिन लोगों को कोरोना टीकाकरण की कोई भी डोज नही लगी है। इस बात की जानकारी सर्विलांस अधिकारी डॉ यश अग्रवाल ने दी। सर्विलांस अधिकारी डॉ यश अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की गति को रोकने के लिए टीकाकरण को जल्द से जल्द पूर्ण करना अत्यन्त आवश्यक है इसी के लिए विभाग द्वारा 24 जनवरी से 29 जनवरी तक टीकाकरण से छूटे व्यक्तियों के चिन्हाकंन व नियमित टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया गया जिसमें 7914 व्यक्तियों का चिन्हाकंन किया गया जिन्हें कोविड टीकाकरण की प्रथम डोज नही लगी थी । अभियान के दौरान चिन्हाकंन करने के लिए विभाग की ओर से 2692 टीमों ने घर घर सर्वे का कार्य किया । जिन्होने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका टीकाकरण करने व चिन्हाकंन के कार्य में दर्ज कराया है । इसके साथ ही लोगों से जल्द और नियत तिथि में टीकाकरण करवाने की अपील की जा रही है। उन्होंने बताया कि जनपद में टीकाकरण का कार्य सात सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आठ ब्लाक स्तरीय प्राथमिक स्वा

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से टीबी के मरीज खोजने की होगी स्टडी

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  प्रयागराज : देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने को लेकर लगातार हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए टीबी की जांच के लिए एक सरल-सहज और आधुनिक तरीका अपनाने की कोशिश चल रही है। इसके तहत अब महज खाँसने की आवाज से टीबी रोग  की पहचान की जा सकेगी।   इसके लिए सेंट्रल टीबी डिविजन की ओर से एक रिसर्च शुरू किया गया है। जनपद में ‘फील्डी’ एप की सहायता से घर-घर जाकर टीबी के बिना लक्षण वाले, लक्षण सहित व्यक्तियों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों या रिश्तेदारों की आवाज के सैंपल एकत्रित किए जा रहें हैं। कार्य को पूर्ण किया जा सके |   जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि दो  हफ्ते से ज्यादा किसी को खांसी रहने पर उसे टीबी संभावित माना जाता है पर जरूरी नहीं है कि दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आने पर भी व्यक्ति टीबी की जांच कराने पहुंचे। संबंधित व्यक्ति को टीबी है या नहीं यह बगैर बलगम की जांच के पता नहीं लग सकता। इसलिए सेंट्रल टीबी डिविजन ने खांसी के तरीके से संभावित मरीज की पहचान के लिए स्टडी शुरू की है। कफ साउंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड सोल्यूशन टू डिटेक्ट टी

9 उप स्वास्थ्य और 3 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रसव सेवा शुरू करने की तैयारी

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सुलतानपुर।  प्रसव के समय जच्चा और बच्चा दोनों के जीवन की डोर प्रसव सेवा प्रदाता के हाथ में होती है। इसलिए सेवा प्रदाता का अपने कार्य में कुशल होना बहुत ही आवश्यक है। इसी क्रम में प्रसव सेवाओं को और बेहतर बनाने के मकसद से प्रसव सेवा से जुड़ी ए.एन.एम और स्टाफ नर्स को प्रशिक्षण देकर उनका क्षमता वर्धन किया जा रहा है। यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने कुशल प्रसव सेवा प्रदाताओं के प्रशिक्षण में कही। जिला महिला चिकित्सालय में बुद्धवार से शुरू हुए प्रशिक्षण में विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों की ए.एन.एम. व स्टाफ नर्स का प्रसव सेवा में क्षमता वर्धन करने के लिए प्रशिक्षण शुरू हुआ। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में पहले से प्रसव सेवा में कार्य कर रहे सेवा प्रदाताओं के साथ ही नवीन ए.एन.एम. व स्टाफ नर्स को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के 12 स्वास्थ्य केन्द्रों पर जहाँ अभी प्रसव सेवाएं नहीं हैं उन सभी केन्द्रों में प्रसव सेवा शुरू की जाएगी । इसके लिए 21 दिन के इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित ए.एन.एम व स्टाफ नर्स को उन सभी केन्द्रों पर भी लगाया ज

खुशहाल जीवन के लिए आगे आकर अपनाएं परिवार नियोजन – डॉ. त्रिपाठी

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  सुलतानपुर । परिवार नियोजन के माध्यम से पारिवारिक जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है।इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार सेवाएं दी जा रही हैं। इसी क्रम में पूरे फरवरी माह में जिला चिकित्सालयों सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन अन्तर्गत नसबंदी सेवाएं दी जा रही है। इसके लिए नियत सेवा दिवस तय कर दिए गए हैं पात्र व इच्छुक लाभार्थी इस दिवसों में नज़दीकी केन्द्र पर जा कर नसबंदी सेवाएं प्राप्त करें।यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी का। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि आयोजित होने वाले नियत सेवा दिवसों में चिन्हित केन्द्रों पर पुरुष व महिला नसबंदी की सेवाएं दी जायेंगी। इसके साथ ही परिवार नियोजन के अन्य साधन व सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी। पात्र व इच्छुक लाभार्थी सेवाओं के लिए अपने क्षेत्र की आशा, ए.एन.एम. से संपर्क कर सकते हैं या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी संपर्क कर सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नियत सेवा दिवसों में बेहतर उपलब्धि के लिए सभी आशा व ए.एन.एम. को निर्देशित किया गया है कि वह लाभार्थियों कों परिवार नियोजन पर जागरूक करें

माघ-मेले में अहतियात अपनाएं व खूबसूरत याद लेकर जाएँ : डॉ॰ अरुण कुमार तिवारी

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  प्रयागराज : जिला क्षय रोग अधिकारी व जिला सर्विलान्स अधिकारी के नोडल डॉ॰ अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि ‘कोरोना संक्रमण के मामले दुनिया भर में लगातार बढ़ना चिंता का विषय है। कोविड-19 प्रोटोकाल के मद्देनजर अहतियात के हर छोटे-बड़े पहलुओं पर प्रशासन की नजर है। माघ मेले में दुनियाभर से लोग पहुँच रहे हैं। मेले में आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज से खूबसूरत याद लेकर जाएँ व स्वस्थ एवं कुशल अपने गाँव, घर, परिवार तक पहुंचे। इसके लिए मेले में मौजूद व आने वाले सभी श्रद्धालुओं को अहतियात के इन छः मंत्र को अपनी आस्था की यात्रा से जोड़े रखना होगा। पहला मंत्र : अस्वस्थ होने पर यात्रा न करें। घर से निकलने से पहले ध्यान दें कि आपका स्वास्थ कैसा है। अपने साथ चलने वाले संबंधियों के स्वास्थ की पुख्ता जानकारी ले लें। कोशिश करें बच्चों व बुजुर्गों के सभी उपयोगी सामान जैसे की दवाई आदि रख लें। अस्वस्थ होने पर घर से न निकलें और न ही अस्वस्थ व्यक्ति के साथ यात्रा करें। बुखार, खांसी या कोरोना के किसी भी लक्षण की आशंका महसूस हो तो अपने साथ आए संबंधियों से भौतिक दूरी बना लें। इसके बाद मेले में ही लगे स्वास्थ शिविर में