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Showing posts from November, 2021

हम सबकी जिम्मेदारी, कोविड टीकाकरण पूर्ण हो हमारी

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 हम सबकी जिम्मेदारी, कोविड टीकाकरण पूर्ण हो हमारी  टीकाकरण जरुर कराएँ जनपद के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं : सीएमओ   कौशंबी 24 नवंबर 2021:  भारत ने 100 करोड़ डोज़ टीका लगाकर दुनिया के सामने कोविड-19 के प्रति अपनी सक्रियता को साबित किया है। विभाग ने 18 वर्ष से ऊपर के 1145985 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा था। इसमें जनपद में 23 नवंबर तक प्रथम 893648 डोज़ यानि 78 प्रतिशत व सेकेंड डोज़ 302706 यानि 34 प्रतिशत टीकाकरण के पूरे किए जा चुके हैं। इसके चलते कोविड टीकाकरण में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए यू.पी में जनपद कौशांबी छटवे स्थान है। छूटे हुए लोगों को टीकाकरण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए जागरूकता कैंप किए जा रहे हैं। साथ ही दस्तक अभियान के माध्यम से इन्हें चिन्हित कर प्रधान व आशा के जरिए टीकाकरण की उपयोगिता समझायी जा रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. के सी राय ने बताया कि ऐसा देखा गया है कि गर्भवती या धात्री महिलायें व बुजुर्ग टीकाकरण के लिए परिवार के सदस्यों पर निर्भर रहते हैं। उनके परिवार के मुखिया से यह निवेदन है कि जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए बिना देरी किये टीकाकरण करवाएं और घर

थैलेसीमिया पीड़ित प्रत्येक बच्चे को हर महीने खून की आवश्यकता 28 नवंबर

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 गर्भ में पल रहे बच्चे का कराएं थैलेसीमिया परिक्षण : सुशील तिवारी थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए स्वैच्छिक रक्तदान करें  थैलेसीमिया पीड़ित प्रत्येक बच्चे को हर महीने खून की आवश्यकता 28 नवंबर को रामलीला पार्क में स्वैच्छिक रक्तदान हेतु समस्त जनों अपील : डॉ. ईशान्या राज प्रयागराज 25 नवंबर : थैलेसीमिया के प्रति जागरूक रहना व इसके साथ जीने के तरीके जानना ही इसका बचाव है। प्रति वर्ष अनेक शिशुओं की जान इस बीमारी से जाती है। इस बीमारी के वाहक इस रोग को और अधिक न फैला सके इसके लिए हमें हर तीसरे महीने रक्त की जांच करवानी चाहिए। इससे पीड़ित बच्चे को प्रत्येक वर्ष लगभग 10 यूनिट खून की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान जरूर करना चाहिए। एक यूनिट रक्तदान से बचती है चार जान  काल्विन चिकित्सालय ब्लड बैंक के परामर्श-दाता सुशील तिवारी ने बताया कि थैलीसीमिया मरीजों के लिए ब्लड बैंक में खून नि:शुल्क व बिना डोनेट किए प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए मरीज कि रिपोर्ट ब्लड बैंक में जमा करना होता है। अगर कोई भी व्यक्ति स्वस्थ है वह हर 3 महीने के अंतराल पर स्वैच्छिक रक्तदान करें। एक व्यक

सीमित शिक्षित परिवार ही, देता हैं बेहतर भविष्य : डॉ. प्रभाकर राय

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 परिवार कल्याण कार्यक्रम पर हुई चर्चा  सीमित शिक्षित परिवार ही, देता हैं बेहतर भविष्य : डॉ. प्रभाकर राय  प्रयागराज 29 नवम्बर 2021 : जनपद एवं मंडल प्रयागराज के  शहरी क्षेत्रो में हो रहे परिवार कल्याण कार्यक्रम की प्रगति एवं भविष्य की रणनीति पर पीएसआई इंडिया द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ग्रान्ड कॉन्टिनेंटल सिविल लाइन में संपन्न हुई | प्रयागराज मंडल के सभी जिलों प्रतापगढ़, कौशाम्बी , फतेहपुर के प्रतिनिधि ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया | कार्यशाला का उद्देश्य परिवार कल्याण कार्यक्रम के कार्यों को और बेहतर बनाने की रणनीति पर चर्चा करना रहा | डॉ. प्रभाकर राय अपर निर्देशक परिवार कल्याण स्वास्थ्य प्रयागराज ने कार्यशाला को दीप प्रज्वल्लित करते हुए कार्यशाला का शुभारम्भ किया |  डॉ. प्रभाकर राय अपर निर्देशक परिवार कल्याण स्वास्थ्य प्रयागराज ने कहा कि परिवार कल्याण कार्यक्रम में जनजागरूकता का होना बहुत जरुरी हैं एक आम इन्सान को जानकारी की आभाव में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं उन्होंने कहा कि आमजन को जानकारी देना ड्यूटी नही बल्कि धर्म समझे और सहयोगी भाव से कार्य करें | डॉ. प्रभाक

प्रो रवीन्द्र प्रताप सिंह डॉ 'बाल नाटक सम्मान 2020' से हुए पुरस्कृत

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  लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर डॉ रवीन्द्र प्रताप सिंह को हिंदी बाल नाटक विधा में सतत योगदान देने हेतु उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा वर्ष 2020 का डॉ राम कुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान प्रदान किया गया। जलवायु परिवर्तन , पर्यावरण असंतुलन एवं इसके द्वारा मानव संसाधनों की क्षति , सांसारिक गतिविधियों में छिपे रहस्य और बाल मन के अनगिनत प्रश्नो की श्रृंखला , उनके उलझे मन के विकसित उपादानों हेतु शैक्षणिक एवं सृजनात्मक रंगों के सफल प्रयास रवीन्द्र प्रताप सिंह के नाटकों में परिलक्षित हैं। 'एक था बच्चा चिड़िया का', 'खुशियां' , ‘गर्मी से बेहाल’,‘छोटी चिड़िया’,‘जंगल में गीत’ ,‘नदी बह रही धीरे धीरे’ ‘नीला पानी’,‘पिराना गीत’,‘पॉलिथीन को न हरियाली को हाँ’,‘बच्चे लाएंगे बदलाव’,‘बदलाव राग’,‘हम मानेंगे बात ‘‘हवा हमारी नदी हमारी’,‘गायब होती छाया’, ‘जंगल सबका’ ,‘प्रकृति राग’,‘जंगल के कट रहे सहारे’,‘डाबे और सिन्ना’, ‘कितनी दुनिया कितने तारे’, ‘आओ करें नया सा कुछ’ ,‘मेरा सागर’ , ‘चलता रहे निरंतर’ , 'पेंग ' ,' पिंजरा', 'कवि के साथ' उनके लोकप्रिय बाल

महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी बहुत आसान- डॉ. सिंह

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  कानपुर। गुणवत्तापरक प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच जन समुदाय तक बनाये रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। इसी क्रम में 22 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत पुरुष लाभार्थियों का परिवार नियोजन पर संवेदीकरण के साथ गुणवत्तापूर्ण नसबंदी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एस.के.सिंह ने बताया कि ‘पुरुषों ने परिवार नियोजन अपनाया, सुखी परिवार का आधार बनाया’ थीम के साथ मनाए जा रहे पुरुष नसबंदी पखवाड़े के प्रथम चरण में 22 से 28 नवम्बर तक लक्षित दंपति को परिवार नियोजन के प्रति संवेदीकृत किया जा रहा है। द्वितीय चरण में 29 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक सेवा प्रदायगी सप्ताह के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा और स्वास्थ्य केन्द्रों पर पुरुष नसबंदी की सेवाएं दी जायेंगी। डॉ. सिंह ने बताया कि शारीरिक बनावट के आधार पर महिलाओं की अपेक्षा पुरुष नसबंदी बहुत ही सरल और आसान होती है। पखवाड़े के प्रथम सप्ताह में आशा व ए.एन.एम. परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता, परिवार नियोजन के उपलब्ध सा

नसंबदी कराने वालों में प्रयागराज के पुरुष आगे

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  प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में पुरुष नसंबदी कराने वालों में प्रयागराज के पुरुष सबसे आगे हैं। यहां पिछले पांच सालों से पुरुष नसबंदी के लिए प्रयागराज टॉप पर रहता है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से प्रयागराज की टीम को सम्मानित भी किया जा चुका है। 22 नवंबर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबंधित स्वास्थ्यकर्मियों को इसमें ज्यादा से ज्यादा पुरुष नसबंदी कराने का निर्देश भी दिया गया है। यह पखवाड़ा चार दिसंबर तक चलाया जाएगा। इसमें जनपद की 4447 आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों को नसबंदी कराने के फायदे बताएंगी और इसके लिए प्रेरित करेंगी। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नानक सरन ने प्रत्येक ब्लाक स्तर से 10-10 व प्रत्येक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को पांच-पांच पुरुष नसबंदी कराने का लक्ष्य दिया है। यानि 325 नसंबदी करने का लक्ष्य टीम को शासन दिया गया है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सत्येन राय ने बताया कि पखवाड़े की सफलता हेतु जिला स्तरीय बैठक कर सभी ब्लाक के प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं बी.सी.पी.एम, बी.पी.एम, को निर्देशित किया गया हैं ताकि शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति हो |

दिव्यांग बच्चों को जोड़ें समावेशी शिक्षा से तभी लगेंगे इन सपनों को पंख : सविता जयसवाल

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  प्रयागराज : जनपद के दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग कि ओर से संचालित ‘बचपन डे केयर सेन्टर्स’ दिव्यांग बच्चों की प्री प्राथमिक पाठशाला है। यह स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के निकट स्थित है। विद्यालय में तीन से सात वर्ष के श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित व मानसिक अक्षम प्रभावित कुल 60 बच्चे पढ़ते हैं। पेशे से बतौर शिक्षिका (एचआई) सविता जयसवाल (उम्र-38) बीते पंद्रह वर्ष से विद्यालय में कर्तव्य का निर्वहन कर रही हैं। सविता ईमानदार व लगनशील अध्यापिका जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी नंद किशोर यागिक ने बताया कि इस विशेष पाठशाला में शिक्षक बड़ी मेहनत और लगन से अध्यनरत दिव्यांग बच्चों को शिक्षण प्रशिक्षण देने का कार्य करते हैं। किसी बच्चे के भविष्य को संवारने के लिए शिक्षा सबसे जरूरी मार्ग है। विशेष शिक्षिका सविता जयसवाल बेहद ईमानदार व लगनशील अध्यापिका हैं। उनका इन बच्चों के साथ कार्य करने का लंबा व सफल अनुभव रहा है। दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग में बचपन डे सेंटर के अतिरिक्त श्रवण दिव्यांग बच्चों के लिए संकेत विद्यालय, दृष्टि दिव्यांग बच्चों के लिए स्पर्श व बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के लिये ममता विद्यालय संचा

नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. इशान्य राज ने बताया डिजिटल क्रांति से बच्चो की मानसिक स्वास्थ्य पर कैसे हो रहा हानिकारक असर

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  प्रयागराज : कोरोना काल ने जिस तरीके से डिजिटल क्रांति की एक लहर लाई है, उसमें ज्यादा से ज्यादा मानवीय कार्य टेक्नोलॉजी द्वारा संपादित किए जा रहे हैं और भविष्य में भी मानव टेक्नोलॉजी के ऊपर निर्भरता रहकर सारे आयाम ढूंढ रहा हैं | डिजिटल क्रांति ने हमारे बच्चों को भी टेक्नोक्रेट्स बना दिया है| उनकी पढ़ाई, उनका मनोरंजन, उनका सामाजिकरण, ज्ञान वर्धन आदि टेक्नोलॉजी द्वारा हो रहा है| जिसकी वजह से उनका शारीरिक विकास एवं मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर देखने को मिल रहा हैं | क्या ऐसे में माता-पिता टेक्नोलॉजी की खूबियों के साथ क्या इसके दुरुपयोग पर भी विचार करते है ? बच्चे क्या देख रहे हैं सुन रहे हैं सीख रहे हैं और व्यवहार में शामिल कर रहे हैं इनका अंदाजा माता-पिता को है? ऐसे कई सारे प्रश्नों और दुविधा के साथ लोग मिल रहे हैं |  नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. इशान्य राज ने बताया कि काल्विन अस्पताल में जिला मानसिक स्वास्थ्य टीम प्रतिदिन इन जैसे कई समस्याओं के निकारण के लिए परामर्श एवं सही ट्रीटमेंट कर रही हैं |ओ.पी.डी के दौरान रोज कई मरीज आ रहे जो डिजिटल जिंदगी के प्रभाव में गलत दिशा में फस रहे हैं उन्ह

विश्व सीओपीडी दिवस : कोरोना ने समझाई फेफड़ों की अहमियत

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  प्रयागराज :  क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सी.ओ.पी.डी.) फेफड़े की एक प्रमुख बीमारी है, जिसे आम भाषा में क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस भी कहते हैं। प्रतिवर्ष नवम्बर के तीसरे बुधवार को विश्व सी.ओ.पी.डी. दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के सी.ओ.पी.डी. दिवस की थीम है- स्वस्थ फेफड़ेः कभी अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहे (हेल्दी लंग्सः नेवर मोर इम्पोवर्टेन्ट) किन्तु इस कोरोना काल ने हमें हमारे एक जोड़ी फेफड़ों की अहमियत बता दी है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि विश्व सी.ओ.पी.डी. दिवस का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (गोल्ड) द्वारा दुनिया भर में सांस रोग विशेषज्ञों और सी.ओ.पी.डी. रोगियों के सहयोग से किया जाता है। इसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, विचार साझा करना और दुनिया भर में सी.ओ.पी.डी. के बोझ को कम करने के तरीकों पर चर्चा करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सी.ओ.पी.डी. दुनिया भर में होने वाली बीमारियों से मौत का तीसरा प्रमुख कारण है। वर्ष 2019 में विश्व में 32 लाख लोगों की मृत्यु इस बीमारी की व

एक ऐसा काव्य संग्रह जहां दर्ज है झंझावातों में उलझे मानव के हर सवाल का जवाब

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  कानपुर : छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के डिपार्टमेंट ऑफ़ हायर स्टडीज इन इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज द्वारा आयोजित व्याख्यान में लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ के अंग्रेजी के प्रोफेसर आर पी सिंह ने इफेक्टिव कम्युनिकेशन विषय पर व्याख्यान दिया । उन्होंने प्रभावशाली संचार में प्रसंग और श्रोता के सम्यक आकलन की चर्चा की। इसी कार्यक्रम में सामाजिक , आर्थिक एवं राजनैतिक झंझावातों में उलझे मानव शरीर और आत्मा , सुख और दुःख , चुनौतियां एवं समाधान का वैश्विक आमेलन दर्शाते प्रो आर पी सिंह के काव्य संग्रह "प्रोजेक्ट पेनल्टीमेट" का विमोचन भी हुआ। अंग्रेजी काव्य संग्रह "प्रोजेक्टपेनल्टीमेट" जहाँ एक ओर शोकगीतों की एक झलक प्रस्तुत करता है , वहीँ जीवन , मृत्यु , यथार्थ , आत्मा , परमात्मा जैसे विषयों पर विवेचन भी प्रस्तुत करता है। स्कूल ऑफ़ लैंग्वेजेज के डीन प्रोफ संजय कुमार स्वर्णकार की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में डिपार्टमेंट ऑफ़ हायर स्टडीज इन इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज एवं डिपार्टमेंट ऑफ़ एजुकेशन के विद्यार्थी एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे। डिपार्टमेंट ऑफ़ एजुकेशन के विभागाध्

कोरोना ने समझाई फेफड़ों की अहमियत : डॉ. सूर्यकान्त

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   कानपुर।  क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सी.ओ.पी.डी.) फेफड़े की एक प्रमुख बीमारी है, जिसे आम भाषा में क्रॉनिक ब्रोन्काइटिस भी कहते हैं। प्रतिवर्ष नवम्बर के तीसरे बुधवार को विश्व सी.ओ.पी.डी. दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष के सी.ओ.पी.डी. दिवस की थीम है- स्वस्थ फेफड़ेः कभी अधिक महत्वपूर्ण नहीं रहे (हेल्दी लंग्सः नेवर मोर इम्पोवर्टेन्ट) किन्तु इस कोरोना काल ने हमें हमारे एक जोड़ी फेफड़ों की अहमियत बता दी है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि विश्व सी.ओ.पी.डी. दिवस का आयोजन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज (गोल्ड) द्वारा दुनिया भर में सांस रोग विशेषज्ञों और सी.ओ.पी.डी. रोगियों के सहयोग से किया जाता है। इसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, विचार साझा करना और दुनिया भर में सी.ओ.पी.डी. के बोझ को कम करने के तरीकों पर चर्चा करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार सी.ओ.पी.डी. दुनिया भर में होने वाली बीमारियों से मौत का तीसरा प्रमुख कारण है। वर्ष 2019 में विश्व में 32 लाख लोगों की मृत्यु इस बीमारी की वजह स

16 से 20 नवम्बर तक चलेगा ‘बाल सुरक्षा सप्ताह’

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  प्रयागराज । बच्चों एवं किशोरों के यौन शोषण को रोकने के लिए ‘राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम' के तहत जनपद में 16 से 20 नवम्बर तक ‘बाल सुरक्षा सप्ताह’ का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर बाल यौन शोषण के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डा. वेद प्रकाश ने इस सम्बंध में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यक्रमों के आयोजन का निर्देश दिया है जो बाल यौन शोषण के मुददे पर लोगों को संवेदनशील बनाने के साथ ही बच्चों के लिए और सुरक्षित माहौल दे सके। साथिया समूह के साथ होंगी गतिविधियां उन्होने बताया कि ‘बाल सुरक्षा सप्ताह’ में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत पीयर एजुकेटर द्वारा साथिया समूह के साथ तथा विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के साथ विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों जैसे क्विज प्रतियोगिता, पोस्टर चार्ट, जिंगल मेकिंग प्रतियोगिता आदि आयोजित कर इससे सम्बंधित जानकारी प्रदान करने और उन्हें जागरूक बनाने के साथ-साथ प्रोत्साहित करेंगे। बच्चों व किशोरों को मिलेगा प्

बाल सुरक्षा सप्ताह : बाल यौन शोषण के खिलाफ आयोजित होंगे जागरुकता कार्यक्रम

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  कानपुर। बच्चों एवं किशोरों के यौन शोषण को रोकने के लिए ‘राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम' के तहत 14 से 20 नवम्बर तक प्रदेश के सभी जिलों में ‘बाल सुरक्षा सप्ताह’ का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर बाल यौन शोषण के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबंधक डा. वेद प्रकाश ने इस सम्बंध में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यक्रमों के आयोजन का निर्देश दिया है जो बाल यौन शोषण के मुददे पर लोगों को संवेदनशील बनाने के साथ ही बच्चों के लिए और सुरक्षित माहौल दे सके। ‘बाल सुरक्षा सप्ताह’ में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत पीयर एजुकेटर द्वारा साथिया समूह के साथ तथा विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के साथ विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों जैसे क्विज प्रतियोगिता, पोस्टर चार्ट, जिंगल मेकिंग प्रतियोगिता आदि आयोजित कर इससे सम्बंधित जानकारी प्रदान करने और उन्हें जागरूक बनाने के साथ-साथ प्रोत्साहित करेंगे। इन प्रतियोगिताओं में विजेता बच्चों व किशोरों को प्रमाणपत्र के साथ सम्मा

डॉ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में मिलेनियम फेलोज़ की ग्रेजुएशन सेरेमनी 17 नवंबर को

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  लखनऊ : डॉ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र मिलेनियम फेलोशिप हासिल की है, जिससे वे दुनिया भर में चुने गए 120 परिसरों में शामिल हो गए हैं। संस्थागत प्रमुख के रूप में, कुलपति प्रोफेसर सुबीर भटनागर ने, तीर्थराज चौधरी और दीक्षा शर्मा(कैंपस निदेशक) तथा अन्य साथी छात्रों द्वारा किए गए मौलिक योगदान के प्रति खुशी और आशा व्यक्त की है। कुलपति प्रो भटनागर ने कहा, "व्यापार, पर्यावरण, आर्थिक विकास, और सामाजिक कल्याण का अध्ययन और समर्थन करते हुए व्यापार कानूनों और व्यापार को एकीकृत करने से एक तरफ ऊर्जा, पानी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने वाली नई प्रौद्योगिकियों तक पहुंने में सुधार होगा और दूसरी ओर मानव अधिकारों की आकांक्षा के लिए समझ में सुधार होगा। " मिलेनियम फेलोज की फैकल्टी सलाहकार डॉ अलका सिंह का कहना है कि "इन छात्रों और भविष्य के वैश्विक नेताओं ने विवेकपूर्ण ग्रंथों और चुनिंदा कानूनों को चुना है, और संसाधनों के विकृत उपयोग को कम करने के लिए सतत विकास का समर्थन करने के लिए रणनीतियों का चयन किया है। यह स्वस्थ पर्यावरण के व

कायाकल्प की उम्मीद में क्षय रोग चिकित्सालय

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  प्रयागराज: राज्य के सभी जनपदों में स्थित जनपद व मण्डल स्तर के चिकित्सालयों का राज्य सरकार द्वारा असेसमेंट किया जा रहा है। कायाकल्प अवार्ड योजना के अन्तर्गत शुक्रवार को जनपद के जिला क्षय रोग अस्पताल का असेसमेंट पूरा हुआ। शासन की ओर से आए जाँचकर्ताओं ने अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सा सेवा के मानकों को परखा। निरीक्षण में जाँचकर्ता के तौर पर प्रोफेसर राजेश, डॉ सीमा निगार अलवी मंडलीय सलाहकार व जितेंद्र पांडे रहे। विभागों का किया निरीक्षण एसीएमओ डॉ सत्येन राय ने बताया कि कायाकल्प अवार्ड योजना के अन्तर्गत जांचकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, किचन, बीएमडबल्यू, ऑक्सीज़न प्लांट, महिला एवं पुरुष वार्ड विभाग का निरीक्षण किया। जिला क्षय रोग अस्पताल योजना के मानकों पर फिट बैठता दिख रहा है। कोरोनाकाल से लेकर अब अब व उससे पहले अस्पताल की उपलब्धियां इसका मुख्य कारण हैं। इसकी प्रशंसा जांचकर्ताओं ने भी की है। उन्होने अस्पताल व्यवस्था प्रबंधन व सुलभ चिकित्सा सुविधा एवं सफाई व सुरक्षा व पुरुष वार्ड की विशेष तौर पर तारीफ की। इसलिए यह कायाकल्प अवार्ड योजना के असेसमेंट के बाद जनपद का जिला क्ष

हर घर दस्तक अभियान चला कर शत-प्रतिशत कोविड टीकाकरण का लक्ष्य

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प्रयागराज  : कोविड टीकाकरण की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रारंभ किये गये अभियान में हर घर दस्तक नामक एक नये अभियान को शामिल किया गया है. कोविड टीकाकरण को गति प्रदान करने के लिए 3 नवम्बर से हर घर दस्तक अभियान की शुरुआत कि गयी है जो 30 नवम्बर तक चलेगी. यह अभियान काफ़ी महत्वपूर्ण साबित हो रही है. इस अभियान की मदद से स्वास्थ्यकर्मी सुदूरवर्ती तथा दुर्गम क्षेत्रों में घर—घर जाकर आमजन, महिला, वृद्ध, दिव्यांग आदि का कोविड टीकाकरण कर रहे हैं. कोविड टीकाकरण के लिए तैयार सेशन साइट तक नहीं पहुंच पाने वाले लोगों के लिए भी हर घर दस्तक अभियान मददगार बन रही है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को पत्र लिखकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किया है. हर घर दस्तक अभियान चला कर घर -घर हो वैक्सीनेशन: जारी पत्र में कहा गया है कि हर घर दस्तक अभियान के तहत कोविड टीकाकरण के पहले तथा दूसरे डोज देने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर -घर जाकर कोविड टीकाकरण किया जा रहा है. राज्यों को निर्देश दिया गया है कि टीकाकरण को गति प्रदान करने के लिए 50 से 100 की संख्या में वैक्सीनेशन टीम या टो

हाथ, आंख व चेहरा सुरक्षित रखकर ही पटाखे छुड़ाएँ, कोविड प्रोटोकाल न भूलें

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  प्रयागराज : खासकर बच्चों को आतिशबाजी के दौरान अपनी सख्त निगरानी बनाए रखिए। यह कहना है पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक के विभागाध्यक्ष डॉ अजय सिंह का। डॉ सिंह ने छोटी दीपवाली की सुबह ही इस बारे में जागरूकता के लिए खास संदेश दिया है। डॉ अजय सिंह ने बताया कि आतिशबाजी के दौरान यदि जल जाएं तो सबसे पहले जले हुए हिस्से को बहते हुए पानी से साफ कर लें। तत्काल नजदीकी सरकारी या निजी अस्पताल में परामर्श लें। ध्यान रखें जले हुए भाग को ठंडे पानी या बर्फ से नहीं धोना है और जले हुए हिस्से पर टूथपेस्ट या हल्दी भी न लगानी है। उन्होंने बताया कि आतिशबाजी का प्रदूषण आंखों, नाक और गले के अलावा फेफड़ों को भी प्रभावित करता है। प्रदूषण से सांस और एलर्जी की समस्या होती है। डॉ सिंह ने बताया कि बच्चों को पटाखों से दूर रखें। यदि आतिशबाजी करना ही है तो अपनी ही देखरेख में ही पटाखे जलाएं। कैसे करें आतिशबाजी • वैध दुकान से ही पटाखे खरीदें और आतिशबाजी के दौरान बच्चों को सख्त निगरानी में रखें • आतिशबाजी स्थल पर एक बाल्टी पानी और प्राथमिक उपचार किट साथ में रखें • एक समय में एक व्यक्ति और एक पटाखा ही जलाएं • जला चुके पटाखे को न

 बदलते मौसम में अपना और बच्चो का रखे खाश ख्याल  

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  प्रयागराज : जिले में बदलते मौसम में बुखार, खांसी, सर्दी जुकाम और डेंगू जैसे अन्य संक्रामक बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसलिए इस मौसम में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नानक सरन का कहना है कि बदलते मौसम में खानपान और सफाई पर ध्यान देकर बीमारियों से बच सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नानक सरन ने बताया कि कुछ इलाकों में बुखार के मरीज मिल रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों में निगरानी समिति एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी निरीक्षण कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजित किया जा रहा है। सीएमओ ने लोगों से अपील की है कि कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करें। भीड़ में जाने से बचें, मास्क का प्रयोग करें और हाथ निरंतर धोते रहें क्योंकि कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है।   जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने जनसमुदाय से अपील की है कि मच्छरों से बचने के लिए अपने आस पास साफ-सफाई रखे, तथा जलभराव वाली जगह पर बेहद सावधानी बरते जैसे पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें एवं सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। बुखार होने पर निकट के स्वास्थ्य केन्द्र पर रक्त की जांच

साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वालों को डेंगू का ज्यादा खतरा

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  प्रयागराज  :  जनपद में डेंगू के बुखार से रोगियों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। 28 अक्टूबर तक डेंगू के 642 मामले दर्ज किए गए हैं। इन मरीजों का सैम्पल लेकर मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजे जा रहे हैं। इसमें से 605 मरीज़ स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। एक्टिव केस वाले मरीजों का उपचार जारी है। स्वास्थ्य विभाग का जिला मलेरिया कार्यालय अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ लार्वानाशक छिड़काव, फॉगिंग व सोर्स रिडक्शन डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में कर रहा है। वहीं जानकारों की मानें तो बारिश व बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जल जमाव से डेंगू के मच्छर तेजी से पनप रहे हैं।  डेंगू मच्छर की पहचान- चीते जैसी धारियां  डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से काफी अलग होता है। यह बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता इसे एडीज मच्छर के नाम से जानते हैं। यह दिखने में सामान्य मच्छरों से थोड़ा होता है। इसके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है। यह दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं। इसके काटने के करीब 3-5 दिनों के भीतर मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं।   जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि डेंगू

संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा का लिया जायजा

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  प्रयागराज : जिले में 19 अक्टूबर से संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा चल रहा है। कार्यक्रम की गति को जानने के लिए राज्य मुख्यालय से आए संयुक्त निदेशक डॉ आशु पांडे ने जनपद में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का सर्वेक्षण किया। उन्होंने सर्वप्रथम नगर के झूसी क्षेत्र में नगर निगम तथा स्वास्थ्य विभाग की संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम संबंधी संयुक्त जन जागरूकता रैली में हिस्सा लिया। रैली में भाग लेने के बाद डॉ. आशु पांडे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा बनी पहुंचे तथा उन्होंने संचारी एवम दस्तक अभियान से संबंधित गतिविधियों की जानकारी कोटवा अधीक्षक से ली। उसके बाद उन्होंने ग्राम गोतवा का भ्रमण किया जहां कार्य कर रही संबंधित आशा, आशा संगिनी एवं आंगनवाडी कर्मचारी मौजूद मिले जिनसे उन्होंने संचारी एवं दस्तक अभियान से संबंधित कार्य एवम उनके क्षेत्र में डेंगू की स्थिति की जानकारी ली |उन्होंने नजदीक के ही एक घर का भ्रमण किया जहां परिवार के मुखिया ने फ्रंटलाइन वर्करों के आने की जानकारी दी एवं बताया कि वर्करों ने संचारी रोगों एवम दस्तक अभियान के बारे में हम लोगों को अ