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Showing posts from January, 2022

आज विश्व में मनाया जा रहा तीसरा विश्व एनटीडी दिवस

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  प्रयागराज :   प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को पूरे विश्व में एनटीडी दिवस मनाया जाता है । इस दिन को मनाने का अभिप्राय यह है कि विश्व के सारे लोग एनटीडी (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीजेज़) के उन्मूलन के प्रति पूरी प्रतिबद्धता से जनांदोलन के रूप में कार्य करें । एनटीडी दिवस, वर्ष 2012 में लंदन की ऐतिहासिक घोषणा की वर्षगांठ को चिह्नित करता है, जो कि एनटीडी पर अधिक निवेश और कार्रवाई के लिए और अधिक सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए क्षेत्रों, देशों और समुदायों की भागीदारों को एकीकृत करता है। वर्ष 2020 में विश्व को इन बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए पहली बार विश्व एनटीडी दिवस मनाया गया था । एनटीडी जीवन को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने वाले रोगों का एक समूह है, जो अधिकतर सबसे गरीब, सबसे कमजोर आबादी को प्रभावित करता है। एनटीडी में लिम्फैटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) विसेरल लीशमैनियासिस (कालाजार), लेप्रोसी (कुष्ठरोग), डेंगू, चिकुनगुनिया, सर्पदंश, रेबीज़ जैसे रोग शामिल होते हैं, जिनकी रोकथाम संभव है; मगर फिर भी पूरी दुनिया में हर साल बहुत सारे लोग इन रोगों से प्रभावित हो जाते हैं । भारत में भी हर साल हजारों ल

गर्भवती व धात्री का कोविड टीकाकरण बहुत जरूरी

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  सुल्तानपुर : कोविड टीकाकरण आम लोगों की तरह ही गर्भवती व धात्री माताओं के लिए भी बहुत ही जरूरी है । गर्भवती के लिए तो यह इसलिए भी अधिक जरूरी है क्योंकि उनके खुद के साथ गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा भी जो उनसे जुड़ी है । गर्भवती व धात्री माताओं की बेहतर देखभाल के लिए घर-परिवार के सदस्य भी बराबर उनके निकट संपर्क में होते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए भी गर्भवती का कोविड टीकाकरण जरूरी है । प्रसव पूर्व जांच व अन्य गतिविधियों और प्रसव के दौरान चिकित्सक, एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी उनके संपर्क में आते हैं । इस लिहाज से गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ ही कई अन्य की भी कोविड से सुरक्षा की दृष्टि से गर्भवती का टीकाकरण बहुत जरूरी हो जाता है। कोविड का टीका गर्भवती व गर्भ में पल रहे बच्चे क लिए पूरी तरह सुरक्षित व कारगर है, इसके लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन भी आ चुकी है । इसलिए कोविड टीके को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में न पड़ें । गर्भवती को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने में घर-परिवार के बड़े बुजुर्ग समेत मातृ स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियां सहायक बन सकतीं हैं । गर्भधारण क

जनपद की 66 हज़ार से अधिक गर्भवती महिलाओं को मिला प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ

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  सुलतानपुर । कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद स्वास्थ्य विभाग लाभार्थियों को योजनाओ का लाभ पहुँचाने का पूरा प्रयास कर रहा है । इसी क्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में ऑनलाइन फॉर्म भी भरे जा रहे हैं । योजना के लाभार्थी स्वयं भी ऑनलाइन फॉर्म भर कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.के.त्रिपाठी ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को अच्छा स्वास्थ्य और पोषण देने के लिए तीन किश्तों में 5000 रुपए दिए जाते हैं । योजना के अंतर्गत आशा कार्यकर्त्ता के माध्यम से फॉर्म भरे जाते हैं । लेकिन वर्तमान में कोविड संक्रमण को देखते हुए ज्यादातर काम ऑनलाइन के माध्यम से करने की कोशिश है । मातृ वंदना योजना के लाभार्थी स्वयं भी ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं, इससे बेवजह अन्य लोगों के संपर्क में आने से भी बचा जा सकता है । डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वह लाभार्थियों को प्रेरित कर योजना में ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए जानकारी दें । उन्होंने कहा कि यह योजना पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं व आने वाले शिशु के स्व

प्रयागराज : 15-17 वर्ष के 36.14 % का हुआ कोविड टीकाकरण

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प्रयागराज :  जनपद में कोविड टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में स्कूलों में शिविर लगाएं जा रहे हैं वहीं युवाओं के बीच कोविड टीके के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र, युवक मंगल, बाल सुधार गृह और चाइल्ड लाइन जैसे संस्थानों से मदद ली जा रही हैं। इसी बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बुधवार को अपील की है कि युवा वर्ग निःसंकोच टीकाकरण के लिए आगे आएं। साथ ही अपने आसपास के लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनपद में 36.14 % युवाओं को कोविड टीका से प्रतिरक्षित किया जा चुका है।   जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ तीरथ लाल ने कहा कि जिन ब्लॉक में कोविड टीकाकरण की संख्या अच्छी है वहां यही तेजी बनाए रखना होगा। जहां कम है वहां और काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 15-17 आयु वर्ग के युवा कोविड टीके की दूसरी डोज की नियत तारीख पर लगवा लें तभी पूरी सुरक्षा मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान व अन्य विभागों की मदद और सत्र विभाजन जैसे फार्मूले भी इस टीकाकरण को बढ़ाने में सार्थक भूमिका निभा रहे हैं। सभ

कोविड टीकाकरण में आगे आए युवा वर्ग, प्रदेश में आठवे स्थान पर जनपद कौशाम्बी : सीएमओ

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  कौशंबी: जनपद में कोविड टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में स्कूलों में शिविर लगाएं जा रहे हैं वहीं युवाओं के बीच कोविड टीके के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र, युवक मंगल, चाइल्ड लाइन जैसे संस्थानों से मदद ली जा रही हैं। इसी बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बुधवार को अपील की है कि युवा वर्ग निःसंकोच टीकाकरण के लिए आगे आएं। साथ ही अपने आसपास के लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जनपद में 57.09 % युवाओं को कोविड टीका से प्रतिरक्षित किया जा चुका है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ हिन्द प्रकाश मणि ने कहा कि जिन ब्लॉक में कोविड टीकाकरण की संख्या अच्छी है वहां यही तेजी बनाए रखना होगा। जहां कम है वहां और काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि 15-18 आयु वर्ग के युवा कोविड टीके की दूसरी डोज की नियत तारीख पर लगवा लें तभी पूरी सुरक्षा मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान व अन्य विभागों की मदद और सत्र विभाजन जैसे फार्मूले भी इस टीकाकरण को बढ़ाने में सार्थक भूमिका निभा रहे हैं। सभी के प्रयास स

जरूरी नहीं,कोरोना ग्रस्त मां का शिशु भी पॉजिटिव हो

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  प्रयागराज : यह कोई जरूरी नहीं कि कोविड पॉजिटिव गर्भवती के शिशु को भी कोविड होगा। खासकर जब तक वह पेट में है। ज्यादा सुरक्षित है। हां, प्रसव के बाद प्रोटोकाल का पालन नहीं करने पर कोविड होने की पूरी आशंका रहती है। यह कहना है क्वीन मैरी की हेड डॉ एसपी जसवार का। डॉ जसवार ने बताया कि कोविड संक्रमण आजकल बहुत तेजी बढ़ रहा है। यदि आप गर्भवती हैं और कोविड पॉजिटिव हैं या रह चुकी तो कोविड को लेकर कतई न घबराएं। कोविड जैसी संक्रामक बीमारी से बचने के लिए बस जागरूक, सचेत और सतर्क रहें। सदैव अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें और उनके सुझाओं का पालन करें। उन्होंने स्पष्ट किया है कि गर्भवती माहिलाएं अनावश्यक अस्पताल में न आएं। कोशिश करें चिकित्सक से ऑनलाइन परामर्श लें। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य के मुकाबले कम होती है। इसलिए गर्भवती महिलाएं अपने व बच्चे के भविष्य के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान दें। कुछ भी छूने के बाद 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धो लें और मास्क लगाए रखें। डॉ जसवार ने बताया कि यदि मां कोविड पॉजिटिव है या रह चुकी है तब भी उसको स्तनपान कराना है। बस साफ-सफाई का ध्यान देते हुए मास्क

90 प्रतिशत से ऊपर ब्लॉक में टीकाकरण के लिए आशा व प्रधान हुए सम्मानित

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प्रयागराज :  कलेक्ट्रेट परिसर के संगम सभागार में मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरी ने 90 प्रतिशत से ऊपर कोविड-19 टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने वाली आशा व ग्राम प्रधानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होने कहा कि ‘मैं उन्हें बधाई देता हूँ जिन आशा व ग्राम प्रधानों ने अपने कार्य क्षेत्र में टीकाकरण के उत्कृष्ट लक्ष्य को प्राप्त किया है। इनके दृढ़ परिश्रम को प्रोत्साहित करना इनके हौसले को बढ़ाना है। ताकि हमारा जनपद शत प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को जल्द से जल्द प्राप्त कर सके। सभी आशा, ग्राम प्रधान अपने क्षेत्र के लोगों को पूर्ण टीकाकरण के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहें ताकि कोरोना की तीसरी लहर में सभी का जीवन सुरक्षित रहे। आशा व प्रधानों के परिश्रम से हम जीतेंगे कोरोना की तीसरी लहर में।' इनका विशेष ख्याल रखें आशा व प्रधान : डीसीपीएम    जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर अशफाक अहमद ने आशा व ग्राम प्रधानों को अपने कार्यक्षेत्र में ऐसे लोगों को विशेष तौर पर जागरूक करने के लिए कहा जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होने कहा कि टीके की दोनों डोज़ लग जाने के ब

टीकाकरण के साथ एहतियात का यह पांच मंत्र अपनाएं, कोरोना से समुदाय को सुरक्षित बनाएं

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  कौशांबी। कोविड टीकाकरण के एक साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एंबेस्डर व केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने अपना अनुभव साझा किया । उन्होंने कहा कि साल भर के अनुभव और दुनिया के आ रहे अध्ययन से यह साफ पता चलता है कि कोविड-19 के संक्रमण से अगर खुद के साथ घर-परिवार व समुदाय को सुरक्षित रखना है तो कोविड टीकाकरण कराना सभी पात्र लोगों के लिए बहुत जरूरी है । टीकाकरण के साथ जरूरी प्रोटोकाल (पाँच मंत्र) का पालन भी सभी की भलाई के लिए आवश्यक है । ज्ञात हो कि 16 जनवरी 2021 से शुरू हुए कोविड टीकाकरण के पहले दिन पहला टीका डॉ. सूर्यकान्त ने लगवाया था । डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि कोविड की पहली लहर में तो बचाव का कोई टीका था ही नहीं लेकिन दूसरी लहर में ज्यादातर वही लोग गंभीर रूप से कोरोना की चपेट में आए जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था । देश में इसबीच कोरोना एक बार फिर तेजी से पाँव पसार रहा है । ऐसे में अभी हाल ही में मुंबई के एक अस्पताल से आए आँकड़े बताते हैं कि अस्पताल में भर्ती होने वाले 95 फीसद कोरोना संक्रमित ने टीके क

आशाओं और ग्राम प्रधानों को किया गया सम्मानित

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  प्रयागराज :   कोविड-19 टीकाकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ठ उपलब्धि प्राप्त करने वाली आशा व ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह जनपद के संगम सभागार में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरी ने किया।  जनपद में ब्लाकवार ऐसे ग्राम पंचायतों का चयन किया गया जहां क्षेत्र की जनसंख्या का टीकाकरण 80 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य प्राप्त कर चुका है। इन ग्राम पंचायतों में नियुक्त आशा व ग्राम प्रधान को टीकाकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ठ उपलब्धि प्राप्त करने पर उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सीपू गिरी ने प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया।  संक्रमण के सबसे नजदीक होने के बाद भी एतियात का रखा ख्याल उन्होने कहा कि कोरोनाकाल में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए आशा व ग्राम प्रधानों का योगदान अतुलनीय है। आशा बहुओं ने अपनी मेहनत व लगन से यह साबित कर दिखाया है कि संक्रमण के सबसे नजदीक होने के बाद भी  एतियात का ख्याल रखते हुए उन्होंने हर स्वास्थ्य सेवाओं को जनता तक सरल माध्यम से पहुंचाया है। चाहे दस्तक अभियान में संचारी रोगों पर नियंत्रण पाना हो या कोविड-19 टीकाकर

रोजगार के लिए सरकार का डंडा खाया अब यह मिलकर खुद सरकार बनायेंगे : आम जनता पार्टी-इंडिया

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लखनऊ : आम जनता पार्टी-इंडिया के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हैं। यह सभी युवा उम्मीदवार उत्तर प्रदेश का भविष्य हैं। इन्होंने रोजगार के लिए सरकार का डंडा खाया अब यह मिलकर खुद सरकार बनायेंगे। इसके साथ दूसरी सूची दिनाँक : 18/01/2022 को शाम 4.00 बजे की जायेगी। आप भी हमसे जुड़े।      

संक्रमण रोकने को टीकाकरण के साथ पांच जरूरी मंत्र भी अपनाएं :डॉ. सूर्यकान्त

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  प्रयागराज ।  कोविड टीकाकरण के एक साल पूरे होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एंबेस्डर व केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने अपना अनुभव साझा किया । उन्होंने कहा कि साल भर के अनुभव और दुनिया के आ रहे अध्ययन से यह साफ पता चलता है कि कोविड-19 के संक्रमण से अगर खुद के साथ घर-परिवार व समुदाय को सुरक्षित रखना है तो कोविड टीकाकरण कराना सभी पात्र लोगों के लिए बहुत जरूरी है । टीकाकरण के साथ जरूरी प्रोटोकाल (पाँच मंत्र) का पालन भी सभी की भलाई के लिए आवश्यक है । ज्ञात हो कि 16 जनवरी 2021 से शुरू हुए कोविड टीकाकरण के पहले दिन पहला टीका डॉ. सूर्यकान्त ने लगवाया था ।    डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि कोविड की पहली लहर में तो बचाव का कोई टीका था ही नहीं लेकिन दूसरी लहर में ज्यादातर वही लोग गंभीर रूप से कोरोना की चपेट में आए जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था । देश में इसबीच कोरोना एक बार फिर तेजी से पाँव पसार रहा है । ऐसे में अभी हाल ही में मुंबई के एक अस्पताल से आए आँकड़े बताते हैं कि अस्पताल में भर्ती होने वाले 95 फीसद कोरोना संक्रमित ने

महिलाओं में सात से कम हीमोग्लोबिन अतिगंभीर एनीमिया : डॉ भावना शर्मा

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  प्रयागराज :   खून की कमी से महिलाओं में कई तरह की समस्या जन्म ले सकती है। जागरूकता के अभाव में अक्सर यह देखा गया है कि एनीमिया के गंभीर लक्षण होने के बाद महिला इलाज के लिए जाती है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आयरन युक्त आहार का सेवन करें व हर छः माह पर खून की जांच कराएं।  जनपद के बेली अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ भावना शर्मा ने कहा कि ‘एनीमिया का अर्थ है शरीर में खून की कमी होना, हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 ग्राम प्रतिलीटर व महिलाओं में 11 से 14 ग्राम प्रतिलीटर के बीच होनी चाहिए। इसलिए समय-समय पर अपने हीमोग्लोबिन की जांच कराते रहना चाहिए। किशोरियों व महिलाओं के लिए हर छः माह में एक बार खून की जांच करवाना बहुत जरूरी है।  गर्भावस्था के दौरान एनीमिया गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने पर महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भवती को सामान्य से अधिक आयरन की जरूरत होती है, ताकि बढ़ते गर्भ में शिशु के लिए शरीर में खून बनता रहे। आयरन की गोलियों के नियमित सेवन के साथ ही आयरन युक्त भोजन करें व भोजन

बच्चों का रखें ख्याल, खांसी आए-पसली चले तो डाक्टर से मिलें

 प्रयागराज :कड़ाके की सर्दी के बीच कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वक्त छोटे बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना सभी के लिए बहुत ही जरूरी है । एक साल तक के बच्चे को अधिक खांसी आ रही हो, पसली चल रही हो, बच्चा दूध व खुराक लेना बंद कर दे, तेज बुखार हो और दस्त न रुके तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक से जरूर संपर्क करें । इसके साथ ही दिन में तीन-चार बार बच्चे के सांस लेने की दर (रेस्परेटरी रेट) और आक्सीजन सेचुरेशन (पल्स आक्सीमीटर से) जरूर नापें, आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद व उससे अधिक ही होना चाहिए । इससे कम होने पर चिकित्सक से सलाह ली जानी चाहिए । जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. अरुण कुमार तिवारी ने बताया शासन के निर्देशनुसार कोविड पाजिटिव व्यक्ति के लिए किट प्राप्त हैं जिसका वितरण पाजिटिव व्यक्ति को किया जा रहा हैं जो कोविड पाजिटिव व्यक्ति घर पर आइसोलेट किया गया हैं उन्हें किट दी जा रही हैं | मेडिकल किट में शामिल दवाएं : शून्य से 12 माह तक के शिशुओं के लिए निर्धारित दवाएं :                 लक्षण युक्त शिशु (जिनका कोविड टेस्ट रिजल्ट अभी ज्ञात नहीं है या टेस्ट नहीं हुआ है) तथा पाजिट

कोरोनाकाल में अस्पताल जाने वाले जागरूक व सतर्क रहें

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प्रयागराज : जिला क्षय रोग अधिकारी व सीरो सर्विलान्स के नोडल डॉ.ए.के. तिवारी ने बताया कि कोरोना की तीसरी शुरू हो चुकी है संक्रमण अपने पैर तेजी से पसार रहा है। ऐसे में ज्यादातर चिकित्सक टेली-कंसल्टेशन को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके बावजूद यदि आपको अस्पताल जाना पड़े तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें। ताकि आप व आपका परिवार कोरोना की इस तीसरी लहर में संक्रमण से सुरक्षित रहे। अपॉइंटमेंट लेकर जाएं बदलते मौसम के चलते अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए पहले घर पर ही मरीज के स्वास्थ्य का आंकलन करें। बीमारी के हल्के लक्षण दिखने पर टेली-कंसल्टेशन का माध्यम चुनें व चिकित्सक से मरीज की स्थिति साझा करें। अतिआवश्यक पड़ने पर ही अस्पताल जाएँ व मरीज को अस्पताल ले जाने से पहले चिकित्सक से अपॉइंटमेंट लें व निर्धारित समय पर पहुंचे। इससे समय पर चिकित्सा सेवा मिलेगी व आपके समय की बचत भी होगी। मेडिकल हिस्ट्री से जुड़ी रिपोर्ट्स साथ रखें अस्पताल जाते समय मरीज के इलाज से जुड़े सभी रिपोर्ट्स व प्रयोग की जा रही दवाएं अपने साथ लेकर जाएँ। अपनी स्वास्थ्य संबन्धित समस्याओं को बताने में मरीज सक्षम नहीं है तो ऐसी स्थि

कौशांबी में फ्रंट लाइन वर्कर्स, स्वास्थ्य कर्मियों व बुजुर्गों को आज से लगेगा प्रिकॉशन डोज़

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  कौशांबी: स्वास्थ्य विभाग ने प्रिकॉशन डोज़ पर जारी संशय अब साफ कर दिया है। 10 जनवरी से लगनी शुरू हो जाएगी। प्रिकॉशन डोज़ के लिए टीकाकरण प्रक्रिया 8 जनवरी से शुरू हो चुकी है। जबकि ऑनसाइट अपॉइंटमेंट के साथ सभी टीकाकरण केंद्रों पर प्रिकॉशन डोज़ का टीकाकरण 10 जनवरी से शुरू होगा। जिन्हें कोरोनारोधी टीके की दूसरी दो डोज लगे हुए 39 सप्ताह पूरे हो गए हैं, उन्हें ही प्रिकॉशन डोज़ लगायी जाएगी। लाभार्थी अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर बताकर प्रिकॉशन डोज़ लगवा सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर के॰ सी॰ राय ने बताया कि कोरोना योद्धा संक्रमण के सबसे करीब रहते हैं। वहीं बुजुर्गों कि प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण इन्हें भी संक्रमण का जोखिम ज्यादा रहता है। इसलिए फ्रंट लाइन वर्कर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही 60 वर्ष से अधिक उम्र के गंभीर बीमार लोगों को उनके चिकित्सक की सलाह पर ही प्रिकॉशन डोज़ लगाने हेतु शासन से निर्देश प्राप्त हुआ है। इसके अनुसार जिसने वैक्सीन की दोनों डोज़ ली है उसे उसकी दूसरी डोज़ की तारीख से 39 सप्ताह पूरे होने पर ही उसी वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज़ लगायी जाएगी। जैसे कि अगर किसी

फ्रंट लाइन वर्कर्स, स्वास्थ्य कर्मियों व बुजुर्गों को लगेगी प्रिकॉशन डोज़

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प्रयागराज : स्वास्थ्य विभाग ने प्रिकॉशन डोज़ पर जारी संशय अब साफ कर दिया है। 10 जनवरी से लगनी शुरू हो जाएगी। प्रिकॉशन डोज़ के लिए टीकाकरण प्रक्रिया 8 जनवरी से शुरू हो चुकी है। जबकि आन लाइन पंजीकरण के साथ ऑनसाइट अपॉइंटमेंट के साथ सभी टीकाकरण केंद्रों पर प्रिकॉशन डोज़ का टीकाकरण 10 जनवरी से शुरू होगा।  जिन्हें कोरोनारोधी टीके की दूसरी दो डोज लगे हुए 39 सप्ताह पूरे हो गए हैं, उन्हें ही प्रिकॉशन डोज़ लगायी जाएगी। लाभार्थी अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर बताकर प्रिकॉशन डोज़ लगवा सकते हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉक्टर तीरथ लाल ने बताया कि कोरोना योद्धा संक्रमण के सबसे करीब रहते हैं। वहीं बुजुर्गों कि प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण इन्हें भी संक्रमण का जोखिम ज्यादा रहता है। इसलिए फ्रंट लाइन वर्कर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही 60 वर्ष से अधिक उम्र के ग लोगों को  प्रिकॉशन डोज़ लगाने हेतु शासन से निर्देश प्राप्त हुआ है।  इसके अनुसार जिसने वैक्सीन की दोनों डोज़ ली है उसे उसकी दूसरी डोज़ की तारीख से 39 सप्ताह पूरे होने पर ही उसी वैक्सीन की प्रिकॉशन डोज़ लगायी जाएगी।

साइलेंट किलर 'हाइपोक्सिया' चुपके से निगल रहा जिंदगी

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  प्रयागराज : शीतलहर चलने के कारण तापमान में दिन-प्रतिदिन गिरावट दर्ज हो रही है। ऐसे में अलाव का प्रयोग ठंड में राहत का सहारा बना हुआ है। पर कोयला, लकड़ी, केरोसिन के जलने से जहरीली गैस कॉर्बन मोनोऑक्साइड निकलती हैं। कार्बन मोनोऑक्साइड से भरे वातावरण में सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। यह गैस नींद के दौरान व्यक्ति को बेहोश कर हाइपोक्सिया का शिकार बना लेती है। इस स्थिति में दम घुटने से मृत्यु तक हो सकती है। इसलिए बिना वेंटिलेशन वाले कमरे में अलाव जलाने से बचें। जिला क्षय रोग अधिकारी व सीरो सर्विलान्स के नोडल डॉ॰ अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि कार्बन-मोनोऑक्साइड केरोसिन, कोयला व लकड़ी के ठीक से न जलने पर ज्यादा मात्रा में निकलती है। जो आक्सीजन को बंद कमरे से रिप्लेस कर देती है। इससे कमरे में कार्बन-मोनोऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ जाती है। यह गैस फिर सांस के माध्यम से व्यक्ति के फेफड़े में पहुँचता है। क्योकि मनुष्य के रक्त में मौजूद आरबीसी, ऑक्सीजन की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से ज्यादा जल्दी जुड़ जाती है। इसलिए धीरे-धीरे व्यक्ति के खून में ऑक्सीजन की जगह कार्बन मोनोऑक्

विश्व ब्रेल दिवस : दृष्टिबाधितों के जीवन में रंग भर रहा है मीत फाउंडेशन

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  लखनऊ : ब्रेल लिपि की सहायता से रोहित कुमार मीत दृष्टिबाधितों के जीवन में रंग भर रहे हैं। लखनऊ चिड़ियाघर में ब्रेल लाइब्रेरी जैसा प्रोजेक्ट हो, लखनऊ मेट्रो में पहला मेट्रो स्मार्ट कार्ड हो या साहित्य को ब्रेल में अनुवाद करना हो, इन सब कार्यों से दृष्टिबबाधितों के लिए वह बेहतरीन काम कर रहे हैं। 2009 में रोहित कुमार मीत ने वायस पब्लिकेशन नाम से खुद का प्रकाशन केंद्र खोला एवं नामचीन शायरों और कवियों की रचनाओं पर किताबें तैयार करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने ब्रेल लिपि में तमाम साहित्यिक रचनाओं का अनुवाद किया। साथ ही रोहित कुमार मीत ने ब्रेल लिपि में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी पठन सामग्री भी तैयार की। वे देख नहीं सकते पर पढ़ेंगे कॉमिक्स मीत वेलफेयर फाउंडेशन ने लखनऊ चिड़ियाघर के साथ मिलकर लखनऊ जू में देश का पहला ब्रेल कॉरिडोर बनाया। रोहित कुमार मीत के मुताबिक इस लाइब्रेरी में गजल, काव्य, साहित्य के साथ ही दूसरी किताबें भी शामिल की गई हैं। मीत फाउंडेशन के इस कार्य को महामहिम राज्यपाल सहित तमाम मूर्धन्य हस्तियों ने सराहा है एवं अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। ब्रेल मेट्रो कार्ड रोहित

मान्यता प्राप्त पत्रकारों एवं उनके आश्रितों को मिलेगा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ

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  प्रयागराज : मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ अब पत्रकारों को भी मिलेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए राज्य स्तरीय व जनपद स्तरीय मान्यता प्राप्त पत्रकारों की जानकारी जुटाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को निर्देश दिए हैं। जन सूचना अधिकारी इंद्रमणि पाण्डेय ने बताया कि जनपद में कुल 103 मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं। शासन से मिले दिशानिर्देश के अनुसार जनपद के सभी मान्यता प्राप्त पत्रकारों को जल्द से जल्द आयुष्मान योजना से जोड़ना है। केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की तर्ज पर चलाये जा रहे मुख्यमंत्री आरोग्य योजना का लाभ अब मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी प्राप्त हो सकेगा। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी शामिल करने की दिशा में कदम उठाया है। मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सामाजिक एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। इसके लिए निदेशक राज्य सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से सभी जिलों के उपनिदेशक / सहायक उपनिदेशक व जिला सूचना अधिकारियों को पत्र लिखा गया है । परिवार के सदस्यों का ब्योरा माँगा ग

आशा बहुओं को मिला स्मार्ट-फोन व बढ़ी मानदेय की राशि

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  प्रयागराज  : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए वर्ष से पहले प्रदेश के सभी जनपदों की 80000 आशा बहुओं को स्मार्टफोन वितरण व उनके मानदेय को बढ़ाने का फैसला लिया है। जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में ऑनलाइन माध्यम से मुख्यमंत्री ने आशा बहुओं के साथ संवाद स्थापित किया। अब आशा बहुओं को 5300 रुपये मानदेय की जगह 6000 रुपये मिलेगा। इसके साथ ही टीकाकरण करने वाली संविदा एएनएम को भी एकमुश्त 10 हजार का मानदेय देने की घोषणा की गई है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केसरी देवी पटेल (सांसद फूलपुर) एवं मुख्य विकास अधिकारी शिपू गिरी आई०ए०एस० की अध्यक्षता व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० नानक सरन के नेतृत्व में जनपद के 16 ब्लाक एवं नगरीय क्षेत्र की कुल 53 आशाओं को प्रतीक स्वरूप स्मार्ट फोन वितरण हेतु सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आशा बहुओं के द्वारा किये गये दैनिक कार्यों की सराहना की गयी। सांसद केसरी देवी पटेल ने कहा कि ‘आशा बहुओं ने कोविड संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए घर-घर जाकर स्वास्थ्य की सूचना का प्रचार-प्रसार कर जन जागरूकता बढ़ाने में अथक प्रयास किया है। आशा ब

जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ 'वृद्ध आश्रम’ में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

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 प्रयागराज  : शनिवार को जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत नैनी स्थित ‘आधारशिला वृद्ध आश्रम’ में मानसिक दिव्यांगता प्रमाणीकरण शिविर व मूवी क्लब का आयोजन हुआ। मूवी क्लब के माध्यम से बुजुर्गों ने पीकू मूवी देखी व मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों पर विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। यह कार्यक्रम डॉ आर.सी.पांडे, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी एनसीडी सेल के निर्देशन में सम्पन्न हुआ।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ वीके मिश्रा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं पूर्व नोडल अधिकारी एनसीडी सेल रहे। जिन्होंने वृद्धावस्था में होने वाली मानसिक परेशानियों व उपचार व पहचान के बारे में सभी बुजुर्गों को विस्तार से बताया व उपचार हेतु उन्हें प्रेरित किया। मानसिक स्वास्थ्य की नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशान्या राज ने कार्यक्रम का संचालन किया व सभी बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य का परीक्षण कर कुल 07 लोगों का ऑन स्पॉट मानसिक दिव्यांगता का प्रमाणीकरण किया गया। इन्हें डॉ वीके मिश्रा ने दिव्यांगता प्रमाण पत्र वितरित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नए वर्ष पर बुजुर्गों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक

कैलाश सत्यार्थी की टीम के द्वारा 2021 में बच्चों के लिए किए गए महत्वशपूर्ण कार्य

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  प्रयागराज : वर्तमान में दुनिया की स्थिति यह है कि जितने भी गरीब नागरिक हैं उसकी आधी से अधिक आबादी बच्‍चों की है। कोरोना महामारी के प्रकोप का दुष्परिणाम यह है कि बच्‍चे अप्रत्‍याशित रूप से गरीबी और बाल श्रम के दलदल में धंसने को मजबूर हुए हैं। लॉकडॉउन और आर्थिक संकट के चलते भारत सहित दुनिया में करोडों लोग बेरोजगार हुए और पलायन के लिए मजबूर हुए हैं। उनके बच्चों का बचपन असुरक्षित हो गया है। ऐसे में नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्‍यार्थी ने बच्‍चों के बचपन को सुरक्षित बनाने के लिए वैश्विक नोताओं और नोबेल पुरस्कार विजेताओं सहित सिविल सोसायटी संगठनों, यूनियनों, छात्र संगठनों और युवाओं को एकजुट कर आंदोलन चलाया।उन्‍होंने महामारी के दौरान आगे बढ़कर देश-दुनिया के बड़े और महत्‍वपूर्ण प्लेटफार्मों पर बच्चों की दुर्दशा कोउजागर किया और उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने पर बल दिया है। जिससे कोविड संकट में बच्चे एक मुद्दा बने। इसके बाद तमाम अंतरराष्ट्रीय एजंसिया और सरकारें सक्रिय हुईं और बच्चों के लिए नीतिया और योजनाएं बनीं। उनके द्वारा बच्चों के हित में कुछ प्रमुख क

शिक्षा से वंचित हुए बच्चों का बचपन संवार रहे अमित पाण्डेय

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यूपी:   प्रयागराज की मलिन बस्तियों में मुफ़लसी के कारण शिक्षा से वंचित बच्चों का बचपन संवारा जा रहा है। यह प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही निजी संस्था स्माइल फॉर ऑल सोयायटी के माध्यम से हो रहा है। उत्तर प्रदेश के 27 शहरों में 265 स्माइल वॉलेन्टियर्स सेवा दे रहे हैं। जनपद के करमा बाजार ,   तहसील करछना के निवासी अमित पाण्डेय संस्था के निर्देशानुसार इन बच्चों के जीवन में शिक्षा की ज्योति व संभावनाओं की अलख जागा रहे हैं। अमित ने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड रूरल टेक्नोलॉजी,प्रयागराज ( IERT)   से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ट्रेड से डिप्लोमा किया है। बचपन को बचाना हमारा प्रयास अमित चाहते तो अपनी शिक्षा व योग्यता से संबन्धित क्षेत्र के किसी प्रतिष्ठित संस्थान में नौकरी करके अपना जीवन अच्छे से गुजार सकते थे ,  पर उन्होने ऐसा नहीं किया। अमित कहते हैं कि  ‘ अगर हम रास्ता जानते हैं तो गुमराह इंसान हमारी ज़िम्मेदारी है। गरीब परिवार व शहर की मलिन बस्तियों के ज़्यादातर बच्चों को यह यकीन दिला दिया जाता है कि इनकी ज़िन्दगी में कुछ नया नहीं हो सकता है। इनके दिन कभी बहुरेंगे ही नहीं ,  जिसकी वजह से ये