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Showing posts from June, 2021

दिवंगत पुलिस कर्मचारियों के आश्रितों को नहीं मिली नियुक्ति,  लखनऊ में शुरू हुआ प्रदर्शन

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   शहीद व दिवंगत पुलिस कर्मचारियों के आश्रितों ने किया लखनऊ में किया शांतिपूर्ण प्रदर्शन। जानिए सेवाकाल में दिवंगत पुलिस कर्मचारियों के आश्रितों ने नियुक्ति को लेकर सरकार के सामने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साझा की अपनी राय।                                                                                                                                           प्रेस विज्ञप्ति उ०प्र० पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की सूचना/विज्ञप्ति संख्या: पीआरपीबी – एक-1-मृ० आ०( 17)/2019 दि० -अक्टूबर 11, 2019 मृतक आश्रित (नयी नियमावली से आच्छादित) 456 अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित कर मात्र 29 पद पर भर्ती प्रचलित कर दी गयी । और जब पुलिस मुख्यालय से इसी भर्ती से सम्बंधित सूचना के अधिकार के तहत प्रश्न किया गया कि कितने पदों पर भर्ती प्रचलित है ? तो जवाब में 456 पद बताया गया है । इस 456 पदों पर हमारी भर्ती होनी चाहिए। लेकिन विभाग हमारे साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार करते हुए मात्र 29 पद दे रहा है । नोट:- (संलग्न RTI के प्रश्न 1 के उत्तर में उ०नि० ना०पु० पदों का विवरण प्रस्तुत है)   जबकि इससे पूर्व के बैच को

कोरोना कॉल में बच्चों को गलत हाथों में जाने से बचाएं – जी पी श्रीवास्तव

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  प्रयागराज: कोरोना काल में दिहाड़ी मजदूरों व कमजोर वर्ग के परिवार मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं | इसका सीधा असर उनके बच्चों पर भी पड़ सकता है । ऐसे बच्चे, परिवार की मर्जी या नादानी में घर से पलायन कर सकते हैं । आपकी जरा सी सतर्कता ऐसे बच्चों के बिगड़ते भविष्य को सुधार सकती है । ऐसे बच्चों की जानकारी श्रम विभाग के ‘पेंसिल’ पोर्टल पर या चाइल्ड लाइन के टोल फ्री हेल्पलाइन 1098 पर दी जा सकती है । बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण पहली प्राथमिकता - चाइल्ड लाइन के निदेशक जी पी श्रीवास्तव का कहना है- '' बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण हमारी प्राथमिकता है।” कोरोना काल में बच्चों को शहर का चकाचौंध बाल-श्रम की ओर आसानी से आकर्षित कर सकता है । कानूनन 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी रूप में काम पर नहीं रखा जा सकता है । इसलिए अपने आस-पास हो रहे बाल श्रम की शिकायत कर बच्चों को मुक्त कराएं। वह कहते हैं - बच्चों का बचपन बचाने में समाज की अहम ज़िम्मेदारी है । जब भी असामान्य स्थिति में कोई बच्चा मंदिर व मस्जिद के बाहर, रेलवे स्टेशन व बस डिपो के आस-पास या कहीं भी घूमता - टहलता या बाल मजदूरी करता दिखे

जिले में खुशहाल परिवार दिवस का हुआ आयोजन

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  प्रयागराज- जिले के सभी सामुदायिक व शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ ही जिला महिला चिकित्सालय में वृहद स्तर पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया। इसमें विविध कार्यक्रम आयोजित किये गए और परिवार नियोजन पर लोगों को परामर्श दिया गया। सोमवार को खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और जिला महिला चिकित्सालय में किया गया। समुदाय में परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता बढ़ाने के मकसद से आयोजित इस कार्यक्रम में लक्षित दम्पत्तियों को परिवार नियोजन से जुड़ी बातों पर जागरूक किया गयाI सी.एम.ओ. डॉ. प्रभाकर राय के निर्देशानुसार खुशहाल परिवार दिवस के वृहद आयोजन और पर्यवेक्षण के लिए सभी केन्द्रों के पर कार्यक्रम आयोजित हुए। पूरे कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्य रूप से नव विवाहित दम्पत्ति, जटिल गर्भावस्था की प्रसूताएँ तथा तीन या तीन से अधिक बच्चों वाले योग्य दम्पत्तियों को परिवार नियोजन के साधनों से जोड़ना है। परिवार कल्याण नोडल व ए.सी.एम.ओ. डॉ. सत्येन राय ने बताया कि कार्यक्रम से पहले ऐसी महिलाओं को चिन्हित किया गया है जिनमें गर्भावस्था की

बच्चों के पोषण स्तर के सुधार के लिए शुरू हुआ वजन सप्ताह

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  कौशांबी  : जनपद में से पोषण स्तर में सुधार करने हेतु कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए वजन सप्ताह मनाया जा रहा है | देश को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने नौनिहालों के पोषण स्तर पर विशेष ध्यान दिया है, जिला कार्यक्रम अधिकारी. सुरेश गुप्ता ने बताया की शासन के दिशा निर्देश के अनुसार जनपद में वजन सप्ताह मनाया जा रहा हैं वजन सप्ताह के अंतर्गत कुपोषण की सबसे गंभीर श्रेणी में सैम, मैम बच्चों को चिन्हित कर चिकित्सीय उपचार, परामर्श और उचित निर्देशन पोषित करना यही हमारा उदेश्य है | जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया जनपद में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सभी केंद्रों पर वजन सप्ताह 24 जून तक मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कोविड गतिविधियों में आंगनवाड़ी की व्यस्तता होने के कारण उनकी कार्य योजना में समन्वय स्थापित कर अलग-अलग दिन जनपद के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वजन सप्ताह मनाया जा रहा हैं । उन्होंने बताया कि संभव पोषण संवर्धन की ओर एक कदम" 17 जून से 2 अक्टूबर के मध्य जनपद में " नाम से यह अभियान चलाया जा रहा है | जिसमे पहले में वजन सप्ताह, गर्भवती पोषण, शिशु स्तनपान

टीकाकरण गति बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधि आ रहे आगे

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  कौशांबी: कोरोना की दूसरी लहर ने जनजीवन को हिला कर रख दिया हैं और बड़े प्रयास के बाद अब जिले में जिस तरह से कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह से काबू पाया जा रहा है, यह कहीं न कहीं जनपदवासियों में इस वायरस से लड़ने में उनकी जागरूकता का ही परिणाम है| ऐसे में अब और भी जरुरी हो गया है, कि यह संक्रमण दोबारा जिले में न फैलने दिया जाएँ | जिसके लिए जनपदवासियों के सहयोग बहुत जरुरी हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी.एन चतुर्वेदी ने कहा कि अगर हमें कोरोना को हराना है तो अपना और अपने सगे सम्बन्धियों को टीकाकरण के प्रति जागरूक कर टीका लगवाना होगा |उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक टीकाकरण किया जा सके इसके लिए गाँव-गाँव जाकर शिविर का आयोजन कर टीकाकरण किया जा रहा हैं | इसी क्रम में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए 18 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के 14164 लोगों का कोरोना से बचने के लिए प्रथम डोज का टीकाकरण किया गया। और 45 वर्ष से ऊपर 78337 लोगों का प्रथम डोज एवं 13266 का द्वितीय डोज का टीकाकरण किया गया | जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ हिन्द प्रकाश मणि ने कोरोना टीकाकरण के बाद होने वाली समस्याओं को लेकर कहा है कि टीकाकरण के ब

टीकाकरण के लिए घर-घर पहुंचेगी ‘बुलावा पर्ची’

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  प्रयागराज : कोविड टीकाकरण की रफ़्तार में तेजी लाने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश में जुटी है । इसी के तहत अब अगले महीने से घर के करीब ही केंद्र बनाकर लोगों के टीकाकरण की तैयारी है । इसके लिए लोगों को उसी तर्ज पर बाकायदा ‘बुलावा पर्ची’ भेजी जायेगी जैसे लोकसभा-विधानसभा व अन्य चुनाव में मतदान के लिए भेजी जाती है, जिसमें टीकाकरण की तिथि और स्थान का उल्लेख होगा । इसमें ग्राम प्रधान, लेखपाल, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, पंचायत सेक्रेटरी और युवक मंगल दल /महिला मंगल दल का भी सहयोग लिया जाएगा । समुदाय के सहयोग से ही प्रदेश में अगले महीने (जुलाई) से हर रोज 10 लाख से अधिक लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य तय किया गया है । प्रदेश के अपर मुख्य सचिव-स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद का कहना है कि जून माह में करीब एक करोड़ लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है और जिस रफ़्तार से टीकाकरण हो रहा है, उससे प्रतीत होता है कि लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा । अब अगले महीने से और अधिक ध्यान देने के साथ विस्तृत कार्ययोजना बनाने की जरूरत है ताकि हर दिन 10 लाख के टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके । इसके तह

कोविड प्रभावित बच्चों की देखभाल एवं सुरक्षा के लिए धर्म गुरु आये आगे

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  प्रयागराज : कोविड 19 से प्रभावित बच्चों की सुरक्षा एवं देखभाल के लिए विभिन्न धर्म गुरुओं ने जनता से अपील की है। शनिवार को महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश एवं यूनिसेफ द्वारा आयोजित धर्म गुरु सम्मेलन में धर्म गुरुओं ने कहा कि कोविड प्रभावित बच्चों के बचपन को बचाने के लिए हर व्यक्ति को अपना कर्तव्य निभाना होगा। धर्म गुरुओं ने बच्चों को बाल श्रम से बचाने पर भी ज़ोर दिया। यूनिसेफ उत्तर प्रदेश की चीफ ऑफ़ फील्ड ऑफिस रूथ लीयनो ने कहा, “कोविड महामारी में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण आदि सब कुछ प्रभावित हुआ है और जिन बच्चों ने महामारी के कारण अपने माता - पिता दोनों अथवा किसी एक को खोया है, उनके लिए यह समय और भी चुनौतीपूर्ण है। ऐसे बच्चों को विशेष देखभाल एवं स्नेह की आवश्यकता है”। उन्होंने धर्म गुरुओं से टीकाकरण को भी बढ़ावा देने का अनुरोध किया ताकि कोविड 19 से होने वाली मृत्यु कम हों और जल्द ही स्थितियाँ सामान्य हो सकें। महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश के निदेशक, मनोज कुमार राय ने कहा,“कोविड प्रभावित बच्चों के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की गई है। हमा

महाराजगंज की खुशहाली अब अभिषेक के हाथ

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  आजमगढ़ - जिले के महाराजगंज ब्लॉक से ब्लाक प्रमुख पद की प्रत्याशी रामा देवी जी के पुत्र अभिषेक यादव चर्चा का विषय बने हुए हैं यह सीट महिला हो जाने के कारण उन्होंने अपनी माता जी को ब्लाक प्रमुख की दौड़ में उतारा है, पर वहां की जनता के व्यवहार से ऐसा लगता है जैसे उन्होंने अभिषेक को ही अपना ब्लाक प्रमुख स्वीकार कर लिया है। अभिषेक एक राजनीतिक घराने से संबंध रखते है उनके पिता वर्तमान समय में आजमगढ़ मऊ विधान परिषद सीट से सदस्य हैं। पिता के रास्ते पर चलते हुए अभिषेक ने खुद का एक मुकाम हासिल कर लिया है। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट लोगों को खूब भाती है भावुक पोस्टों के माध्यम से वह लोगों तक अपनी पकड़ बना रहे हैं, महाराजगंज की जनता का मूड उनके लिए बन चुका है पर आने वाले कुछ दिनों में ब्लाक प्रमुख के चुनाव में उन पर मुहर लगनी बाकी है। अभिषेक की उम्र महज 24 वर्ष है, एक युवा का इतनी तेज से आगे बढ़ना राजनीतिक सलाहकारों के हिसाब से एक लंबी राजनीति पारी की शुरुआत हो सकती है।

महाराजगंज की खुशहाली अब अभिषेक के हाथ

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  आजमगढ़ - जिले के महाराजगंज ब्लॉक से ब्लाक प्रमुख पद की प्रत्याशी रामा देवी जी के पुत्र अभिषेक यादव चर्चा का विषय बने हुए हैं यह सीट महिला हो जाने के कारण उन्होंने अपनी माता जी को ब्लाक प्रमुख की दौड़ में उतारा है, पर वहां की जनता के व्यवहार से ऐसा लगता है जैसे उन्होंने अभिषेक को ही अपना ब्लाक प्रमुख स्वीकार कर लिया है। अभिषेक एक राजनीतिक घराने से संबंध रखते है उनके पिता वर्तमान समय में आजमगढ़ मऊ विधान परिषद सीट से सदस्य हैं। पिता के रास्ते पर चलते हुए अभिषेक ने खुद का एक मुकाम हासिल कर लिया है। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट लोगों को खूब भाती है भावुक पोस्टों के माध्यम से वह लोगों तक अपनी पकड़ बना रहे हैं, महाराजगंज की जनता का मूड उनके लिए बन चुका है पर आने वाले कुछ दिनों में ब्लाक प्रमुख के चुनाव में उन पर मुहर लगनी बाकी है। अभिषेक की उम्र महज 24 वर्ष है, एक युवा का इतनी तेज से आगे बढ़ना राजनीतिक सलाहकारों के हिसाब से एक लंबी राजनीति पारी की शुरुआत हो सकती है।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (12 जून) पर विशेष

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  विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (12 जून) पर विशेष प्रयागराज : शिक्षा जीवन का आलोकिक और उसके उन्नयन का सर्वोत्तम साधन है। इसलिए शिक्षा की अनिवार्य आवश्यकता निर्विवाद है। जीवन में शिक्षा की महत्ता को समझते हुये ही 6-14 आयु वर्ग के समस्त बच्चों को नि:शुल्क प्रारंभिक शिक्षा सुलभ कराने का संकल्प संविधान में है। संविधान के निर्देशों के अनुपालन में प्रारंभिक शिक्षा के प्रचार प्रचार तथा सार्वजनीकरण के लिए व्यापक योजनाएं एवं नीतियां बनाई गयीं। विभिन्न कारणों से शिक्षा से विमुख होकर बाल श्रम की ओर भागते बच्चों की समस्या पर सम्पूर्ण-जगत का ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल 'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस' मनाया जाता है। संविधान में मूल अधिकारों के अनुच्छेसद 24 के अंतर्गत बाल श्रम प्रतिबंधित है। शिक्षा या अन्य कारणवश किसी भी अभाव में बाल-मजदूरी की ओर बढ़ते बच्चों को कैसे रोका जाए आज यह अत्यंत चिन्तनीय विषय बन गया है। शहरी क्षेत्रों में कोरोनाकाल में जहां ऑनलाइन माध्यम से बच्चे स्कूल से जुड़े रहे हैं। पर वहीं ग्रामीण अंचल में नेटवर्क नहीं होने से ऑनलाइन पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इस वजह से ग्रा

समय से कराएं जांच, जोखिम से बचें गर्भवती

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  कौशाम्बी : गर्भवती महिलाओं की उचित देख-रेख को सुनिश्चित करने एवं उन्हें उचित समय पर स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं| इसी क्रम में “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस ” का आयोजन किया है| जिसके तहत पूरे जनपद में गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत कर उन्हें प्रसव पूर्व सेवाएं प्रदान की गयी | डॉ. विजेता सिंह मेडिकल ऑफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवादा उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र पर आई गर्भवती महिलाओं की जाँच की गयी जिसमे जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं जिसका हिमोग्लोबिन 7 पॉइंट निकला या फिर किसी और प्रकार का जोखिम जैसे कई बार गर्भपात, शुगर कम न होना ऐसी गर्भवतियों को जिला महिला अस्पताल रिफर किया तथा जिन महिलाओं का बी.पी अधिक था उसे सही खान पान तथा अन्य जानकारी दी गयी | स्वस्थ्य सुरक्षित माँ ही स्वस्थ्य बच्चे को जन्म देती हैं और इसके लिए लोगो को इसकी जानकारी होना बहुत जरुरी हैं| महिलाओं की जाँच कर उचित सलाह देना ताकि समय से गर्भवती महिला अपना और आने बच्चे का पूरा ख्याल रखे | उन्होंने बताया कि अभियान में 120 गर्भवती महिलाओं ने केंद्र प

कोरोना के बदलते स्वरूप से रहें सावधान व जागरूक

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  प्रयागराज : कोरोना की दूसरी लहर का असर अब कम होने लगा है। हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड मरीज घर पर रहकर स्वस्थ हो रहे हैं, लेकिन खतरा अभी तक तला नहीं है। ज़रा सी लापरवाही भी भरी पड़ सकती है। इसलिए अब भी सावधान रहने की ज़रूरत है। मोती लाल नेहरु मण्डलीय चिकित्सालय (कॉल्विन) की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुषमा श्रीवास्तव कहती हैं कि लॉकडाउन ख़त्म हो चुका है और सभी लोग अब घरों से बाहर आने जाने लगे हैं। इसलिए कोरोना के संक्रमण का खतरा भी फिर से बढ़ गया है। आने वाले समय में कोरोना किस रूप में आयेगा यह किसी को भी नही पता है। इसलिए इससे बचने का सबसे बेहतर उपाय है सावधानी और जागरूकता। इसके साथ ही शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान देना भी आवश्यक है। इसको लेकर बीते कुछ समय से पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर एवं थर्मल गन का उपयोग घरों में भी होने लगा है। यह ऐसे उपकरण हैं जो कोरोना काल में हर घर की आवश्यकता बन गए हैं। पल्स ऑक्सिमीटर एवं थर्मल गन से ऐसे लें सही रीडिंग - डॉ. सुषमा श्रीवास्तव कहती हैं कि घर पर उपचार करने वाले रोगियों को शरीर के तापमान एवं ऑक्सीजन लेवल की जानकारी रखना बेहद जरुरी माना गया

शवों को जलाने में हो रहा बच्चों का इस्तेमाल बीबीए ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

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वाराणसी: जनपद के हरिश्चंद्र घाट पर कोरोना महामारी में मरे लोगों को जलाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) ने पाया कि डोम समुदाय श्मशान घाट पर शवों को जलाने के लिए बच्चों का इस्तेमाल लकड़ी, अन्य सामग्री आदि को ढुलवाने में कर रहा है। गौरतलब है कि इस संबंध में सूर्य प्रताप मिश्रा (स्टेट कोऑर्डिनेट BBA- उत्तर प्रदेश) ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) को पत्र लिखकरे इन बच्चों के तत्काल पुनर्वास की मांग करते हुए इनके कोरोना से भी संक्रमित होने की आशंका जताई थी। बीबीए ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 2(14) के तहत डोम समुदाय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। सूर्य प्रताप मिश्रा ( स्ट्रेट कोऑर्डिनेट- बीबीए) ने उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (यूपीएससीपीसीआर) को भी एक प्रति संलग्न कर दी थी। एक सप्ताह से अधिक गुजर जाने के बाद भी जब DCPO का कोई जवाब नहीं आया तो सूर्य प्रताप मिश्रा ने आयोग से संज्ञान लेने का आग्रह किया है। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए जय सिंह (माननीय सदस्य राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने वरिष्ठ

युवाओं में दिख रहा उत्साह भारी संख्या में पहुँच रहे केंद्र

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  कौशाबी : टीका लगवाने के लिए लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ महसूस हो रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पी.एन चतुर्वेदी ने बताया कि लोग टीकाकरण को लेकर उत्साहित दिख रहे हैं । जिले में आज वृहस्पतिवार को 12 केंद्रों पर 18 साल से 44 साल के 2,960 लोगो को टीके की पहली डोज दी गयी किया गया | साथ ही 40 केंद्रों पर सत्र लगाकर जिले के 45 वर्ष से अधिक आयु के 69,265 लोगो का टीकाकरण किया गया । (आकड़ा प्राप्त शाम 5 बजे तक का ) उन्होंने बताया कि टीकाकरण के लिए आरोग्य सेतु एप एवं ऑनलाइन कोविन पोर्टल 2.0 पर अपना रजिस्ट्रेशन करके लाभार्थी इच्छुक दिनांक के लिए टीकाकरण की अपॉइंटमेंट ले सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी पात्र लाभार्थियों से अपील की है की कोरोना की दूसरी लहर से खुद को व समाज को सुरक्षित रखने के लिए अपने पास के टीकाकरण केन्द्र पर जाकर जल्द से जल्द अपना कोरोना टीकाकरण करवा लें | सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना टीकाकरण पूरी तरह नि:शुल्क है।उन्होंने बताया कि टीकाकरण की दोनों डोज़ लें और कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिएकि कोरोना के नियमों का पालन करते रहे | मास्क, सैनीटाइज़र, सामाजिक

सीरो सर्विलांस – कोरोना से लड़ाई में रोग प्रतिरोधक क्षमता जांचने को सर्वे शुरू

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  प्रयागराज, 04 जून 2021 : कोविड -19 के प्रसार को ध्यान में रखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग एक बार पुनः जनपदवासियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का आंकलन करने के लिए सीरो - सर्विलांस कर रहा है । इसके लिए वृहस्पतिवार को विभागीय प्रशिक्षण भी दिया गया । जिला क्षय रोग अधिकारी व सीरो सर्विलांस के नोडल अधिकारी डॉ. अरुण कु. तिवारी ने बताया कि सी.एम.ओ. डॉ. प्रभाकर राय के निर्देशानुसार वायरस कोविड- 19 के प्रति उत्पन्न हो रही प्रतिरोधक क्षमता के स्तर को परखने के लिए सीरो सर्विलांस किया जा रहा है । इसके परिणाम से कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए भविष्य की योजनायें बनाई जायेंगी । उन्होंने बताया कि इसके लिए जनपद में 10 टीमों का गठन किया गया है । प्रत्येक टीम में चिकित्साधिकारी, लैब टेकनीशियन, ए.एन.एम. और एक आशा कार्यकर्ता को शामिल किया गया है । इसमें ए.एन.एम. डॉक्यूमेंटेशन और आशा मोबिलाइजेशन का काम , लैब टेक्नीशियन सैंपल कलेक्शन का काम कर रहे हैं, साथ ही चिकित्साधिकारी पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहे हैं । इस सर्वे में कोविड पॉजिटिव रह चुके और कोविड से मुक्त दोनों ही व्यक्तियों का रक्त सैंपल लिया जा रहा

कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों की पहचान सार्वजनिक करने पर बाल आयोग गंभीर

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  प्रयागराज : कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए बच्चों के नाम बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड होने के बाद उसे मीडिया के जरिए सार्वजनिक किये जाने पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है । राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन डॉ.विशेष गुप्ता ने इस संबंध में समस्त जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर इस पर तत्काल रोक लगाने के साथ ही संबंधित परिवारों की काउंसलिंग करने व इससे संबंधित रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर बाल आयोग को प्रेषित करने के लिए कहा है । जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में डॉ विशेष गुप्ता ने कहा है कि आयोग के संज्ञान में आया है कि बाल स्वराज पोर्टल पर डाटा अपलोड होने के पश्चात इलेक्ट्रानिक मीडिया / प्रेस मीडिया व अन्य समूहों के द्वारा कोविड-19 के दौरान प्रभावित / अनाथ हुए बच्चों की पहचान एकत्र कर अपने-अपने पोर्टल पर अपलोड व व्हाट्सएप ग्रुप में सार्वजनिक किया जा रहा है। इस प्रकार से पहचान सार्वजनिक होने से अनाथ हुए बच्चों को उपेक्षित करने के साथ-साथ जे०जे० एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है। असामाजिक लोगों, बाल तस्करी करने वाले समूहों, भिक्षावृत्ति समूहों व अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना धरातल पर उतरने को तैयार

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  प्रयागराज: कोविड काल (मार्च 2020 से) में अपने माता पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों के जीवन को संवारने के लिए तैयार उ. प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के साथ ही उसे धरातल पर उतारने में महिला एवं बाल विकास विभाग पूरी मुस्तैदी से जुट गया है। इसके तहत चिन्हित बच्चों की लिस्टिंग समेत पात्रता की शर्तों और जिलों में योजना को अमलीजामा पहनाने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गयी है। इस तत्परता का मूल उद्देश्य परेशान बच्चों को तत्काल मदद पहुंचाना और उनको गलत हाथों में जाने से बचाना है। इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण,पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है । पात्रता की शर्तें: महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है, उनकी श्रेणी तय कर दी गयी है: -योजना में शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे शामिल किये जायेंगे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड काल में हो गयी हो - माता-पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2020 से पहले हो गयी थी और दूसरे

खुश मन, स्वास्थ्य चित से और पोषण से रहेगा स्वास्थ्य गर्भस्थ शिशु: डॉ. रीना प्रसाद

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  प्रतापगढ़ : संक्रमण लगातार फ़ैल रहा हैं और जिससे बचाव रखना बहुत जरुरी हैं जिसमे बच्चे बुजुर्ग और खास ख्याल गर्भवती महिला को रखना हैं इन अवस्था में शरीर कमजोर होने लगता हैं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में गर्भवती का शारीरिक रूप के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए यह दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हैं । गर्भवती किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव न लें | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में संक्रमण दौर में भी लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएँ दी जा रही हैं गर्भवती महिलाओं की जाँच परामर्श दवा सम्बन्धी जानकारी तथा हर सुविधा के इंतजाम विभाग द्वारा रहते हैं | डॉ रीना प्रसाद अधीक्षिका जिला महिला अस्पताल प्रतापगढ़ का कहना है कि कोरोना संक्रमण से गर्भवती को ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है | संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी भी चिंता बढ़ना स्वाभाविक है, जो गर्भवती हैं । ऐसी महिलाओं को कोविड से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है ।वह कोविड-19 को लेकर बिल्कुल भी मानसिक तनाव न लें, बस स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। बाहर

सकारात्मक सोच कोरोना से लड़ने में सहायक सिद्ध हुई : डॉ. मिश्रा

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  प्रयागराज: कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल पर रविवार को ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया । इसमें विशिष्ट वक्ताओं के रूप में एडिशनल सीएमओ एवं नोडल अधिकारी एनसीडी सेल, प्रयागराज डॉ. वी.के. मिश्रा, नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशान्या राज और डॉ. इरा त्रिपाठी ने अपने अनुभव वेबिनारके समस्त प्रतिभागियों को लाभान्वित किया । जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज की टीम और दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करने वाले राष्ट्रीय संगठन नासेर्प ने संयुक्त रूप से ऑनलाइन वेबिनारका आयोजन किया । इसमें कोरोना के नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव को कम करने के लिए स्वास्थ्य के अभिरक्षण, अनुरक्षण हेतु मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. वी.के. मिश्रा (कोरोना चैंपियन) ने अपने अनुभव को साझा किये। कोविड विषय पर व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वह खुद दो-दो बार कोरोना पॉजिटिव हुए, इसके बावजूद स्वयं को इस दशा से उबरने की मानसिक कटिबद्धता ने उन्हें स्वस्थ किया । उन्होंने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता का जन्म मस्तिष्क में होता है जो समस्त शरीर को संचारित करता है , जो समस्त शरीर को संच