क्षय रोग से मुक्त करने में निजी चिकित्सालय भी दिखा रहे दम
प्रयागराज: भारत को टी.बी. मुक्त करने के लिए भारत सरकर ने 2025 का लक्ष्य रखा है।इसके लिए सरकारी तथा गैरसरकारी दोनों ही स्तर पर कार्य किया जा रहा है।इसी क्रम में जिले में सरकारी चिकित्सा संस्थानों के साथ ही प्राइवेट संसथान भी इस अभियान में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।साथ ही क्षय रोग पर जागरूकता के लिए टी.बी. चैंपियन, ट्रीटमेंट सपोर्टर के साथ सामाजिक संस्थाएं भी कार्य कर रही हैं। सरकारी चिकित्सालयों में सुविधाएँ उपलब्ध हैं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रभाकर राय ने बताया कि क्षय रोग एक ऐसी बीमारी है जो बहुत तेज़ी से फ़ैलती है।जितनी जल्दी इस रोग की पहचान होती है उतनी जल्दी मरीज का उपचार शुरू हो जाता है। यदि टी.बी. का उपचार समय से शुरू किया जाये और उपचार पूरा किया जाये तो मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है। टी.बी. को जड़ से ख़त्म करने के लिए हम सभी मिल कर प्रयास कर रहे हैं।टी.बी. मरीजों की जाँच व उपचार के लिए सरकारी चिकित्सालयों में सुविधाएँ उपलब्ध हैं।साथ ही टी.बी. मरीजों की पहचान के लिए प्राइवेट फार्मेसी, लैब्स, क्लिनिक, डायग्नोस्टिक सेंटर्स और चिकित्सलयों से सहयोग किया जा रहा है। घर क...