त्योहारों में भी याद रहे, दो-गज की दूरी कोविड संक्रमण दूर रखने के लिए जरुरी : मुख्य चिकित्सा अधिकारी

 कौशांबी  : सी.एम.ओ डॉ के.सी राय ने बताया कि डेल्टा व ओमिक्रोन का संक्रमण एक साथ बढ़ रहा है। नया वेरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित हुए लोगों की संख्या देश में 200 से ऊपर पहुंच चुकी है। कोविड 19 से संक्रमित हुए लोगों को भी यह अपनी चपेट में ले रहा है। इसका ट्रांसमिशन रेट पिछले सभी वेरिएंट से बहुत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि यह वेरिएंट अब तक के सभी स्ट्रेन से बिलकुल अलग है। अफ्रीका से चला ओमिक्रोन लगभग एक माह में दुनिया के 91 देशों में फैल चुका है। इसलिए कोविड प्रोटोकाल के साथ रहें और सतर्क रहें। | 

दो डोज़ लगा चुके लोग ज्यादा सुरक्षित

सर्विलांस ऑफिसर डॉ यश अग्रवाल  ने बताया कि कौशांबी में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ न लगवाने वालों की संख्या 9 प्रतिशत है। एक लाख 80 हजार ऐसे लोग हैं जिनके दूसरी डोज़ का नंबर आ गया है लेकिन वह जानकारी के बाद भी टीकाकरण केंद्र पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। ऐसे लोगों से स्वास्थ्य विभाग यह आग्रह करता है कि अगर आप जनपद में नहीं हैं तो किसी दूसरे जनपद में भी रहकर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से नजदीकी ,कोविड टीकाकरण स्वास्थ्य केंद्र में जाकर दूसरे डोज़ का टीका लगवाएँ। टीकाकरण निःशुल्क है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट टीकाकरण न करवाने वाले लोगों पर ज्यादा असर डाल रहा है। दो डोज़ लगा चुके लोग इससे ज्यादा सुरक्षित माने जा रहे हैं। हालांकि कई मामलों में उनके भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। 

सावधानी और सतर्कता आज की आवश्यकता

हिन्द प्रकाश मणि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि देश में लगभग 60 प्रतिशत लोगों ने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा ली है।  जिन लोगों ने वैक्सीन की अभी एक भी डोज़ नहीं लगवायी है वह अपने साथ अन्य सभी के जीवन को खतरे में डाल सकते हैं। इसलिए घर के बच्चों व बुजुर्गों को भीड़-भाड़ वाले स्थान पर ना जाने दें। बच्चों को कोरोना से सतर्क रहने हेतु अहतियात के तरीके समझाएँ व उन्हें जागरूक करें। पान मसालों का उपयोग ना करें व सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें। दो गज की दूरी व मास्क जरूरी की समझ हम सभी के जीवनशैली में रच-बस जाना चाहिए। सेनिटाइजर, बार-बार हाथ घोने और गुनगुने पानी के सेवन जैसी सावधानियां हर किसी के लिए रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन जाना चाहिए। सावधानी और सतर्कता आज की आवश्यकता है और यह हमें ध्यान रखना ही होगा।

पूर्ण टीकाकरण एवं कोविड अनुपूरक व्यहार बचा रहा कोविड संक्रमण से जान 

ओमिक्रोन व डेल्टा से बचने के लिए टीके से ज्यादा कारगर है मास्क का उपयोग। बिना मास्क के बाज़ारों में भटकते लोग संक्रमण को हल्के में लेकर खुद के साथ पूरे समाज के लिए खतरा बन गए हैं। जिसके भयावह परिणाम के संकेत को समय रहते समझना जरूरी है। नासमझी से बढ़ रही संक्रमण के प्रति लापरवाही जनपद की जनता को संकट में डालने के लिए पर्याप्त है।

गंभीर बीमारी वाले ज्यादा रहे सतर्क 

बच्चे, बुजुर्ग या हों गर्भवती इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इन्हें खास ख्याल रखने की आवश्यकता बनी रहती है। ऐसे में इन्हें या किसी भी उम्र के व्यक्ति में बंद नाक, गले में खराश व दर्द, मांसपेशियों में दर्द व दस्त के लक्षण दिखे तो इसे नजरंदाज न करें। खराब इम्यूनिटी इसका प्रमुख कारण हो सकती है। इससे सतर्क होने की आवश्यकता है। ओमिक्रोन का संक्रमण खराब इम्यूनिटी वालों को ज्यादा और जल्दी अपनी चपेट लेता है। यह सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। इसके साथ ही एक स्वस्थ व्यक्ति के संक्रमित होने पर भले उसे कोई विशेष समस्या न हो, लेकिन वह किसी बीमार व बुजुर्ग व बच्चों तक संक्रमण फैलाकर उनके लिए समस्या जरूर खड़ी कर सकता है।

Comments

Popular posts from this blog

बिशप मॉरिस दान और राकेश चतरी के ख़िलाफ़ हिंदूवादी संगठनों से जुड़े अधिवक्ताओं और छात्रों का प्रदर्शन

अम्बेडकर जयंती के अवसर पर वार्ड नं० 36 में हुआ पूजा, भजन व भंडारा

त्रिवेंद्र सिंह रावत के समर्थन में हुआ महिला जागरुकता कार्यक्रम