मानसून शुरू, मच्छर जनित रोगों का खतरा बढ़ा रहे सावधान : सीएमओ

 मानसून शुरू, मच्छर जनित रोगों का खतरा बढ़ा रहे सावधान : सीएमओ 

साफ़ सफाई का रखे खास ख्याल : जिला मलेरिया अधिकारी


डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता ही सुरक्षा

इलाज में मनमानी वसूली पर रहेगी नजर

मच्छरदानी का प्रयोग करें

आस-पास पानी न एकत्र होने दें 


कौशाम्बी 27 जुलाई 2022: सावधान रहें, मानसून शुरू हो गया है। इससे जलजनित बीमारियां डेंगू व मलेरिया के फैलने की आशंका बढ़ गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए स्वच्छता  सबसे बेहतर उपाय है। स्वास्थ्य विभाग की टीम एंटी लार्वा एक्टिविटी अभियान चलाने के साथ-साथ प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को मलेरिया-डेंगू के प्रभाव व बचाव के विषय में जागरूक कर कर रही है ऐसा कहना हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुष्पेंद्र कुमार का |


तैयारी पूरी, जांच व इलाज निःशुल्क

जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा ने कहा कि पर मानसून की शुरुआत यानी डेंगू की शुरुआत मानी जाती है। इसलिए विभाग सचेत है, डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए कार्य किया जा रहा है। इस बार जिले में अभी तक डेंगू के छह मामले मिले थे। जो पूरी तरह से स्वस्थ्य हो चुके हैं |  उन्होंने कहा जनपद के सभी सामुदायिक एवं अर्बन के प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों पर फीवर हेल्प डेस्क की बनाया गया है। जहां मलेरिया व डेंगू की जांच व इलाज निःशुल्क है। सभी आशा एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता घर घर जा जाकर लोंगो को हाईजीन के बारे में जागरूक कर रहीं हैं। डेंगू मरीजों के इलाज के लिए जनपद के शहरी क्षेत्र में इलाज की व्यवस्था के अंतर्गत जिला चिकित्सालय  में 10  बेड आरक्षित किए गए हैं। एलाइजा टेस्ट के बाद ही डेंगू की पहचान होती है। डेंगू की जांच के लिए एलाइजा जांच प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलॉजी विभाग में उपलब्ध है। 


जिले में कुल 34 स्थान बने हाई रिस्क क्षेत्र 

बीते डेंगू केस व विभाग के सर्वे के मुताबित जनपद में मुख्य रूप से कुल 34, स्थान चिन्हित किए गए हैं। इन क्षेत्रों में साफ-सफाई व एंटीलार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। इनमें  कड़ा, दारानगर, कनवार, गनपा (गुलामीपुर), देवभीटा, मंझनपुर रोड सिराथू, मलाक सद्दी, कादीपुर, 142 मेहता नगर भरवारी, टेंगाई गोविंदपुर गोरियों, मवई केवट, टेंवा, उमरा टेंवा चक नगर सिराथू रोड, नट का डेरा, गोराजू, अर्का महावीरपुर, वटबंधुरी चंदूपुर म्योहर, खपरा ख्न्देवरा, बरियावां पोस्ट खपरा ख्न्देवरा, इछना सराय अकिल, खोंपा सराय अकिल,  फकीराबाद सराय अकिल, कसेंदा चौराडीह, केसी का पूरा, रमैया देवमासी चरवा, चंद्रशेखर नगर शेरगढ़, कुडापुर, पट्टी परवेजाबाद (बड़े गावं) कयामुद्दीनपुर (तेरामील) महगांव, सुखदा मोड़, इमामगंज, चिकवन का पूरा, वार्ड-13 चिटकहना, मुजाहिदपुर पल्हना रोड के स्थान हाई रिस्क क्षेत्र के तौर पर चिन्हित किए गए हैं। 


डेंगू से बचाव की कोई वैक्सीन नहीं, बचाव ही सुरक्षा 

अनुपमा मिश्रा ने बताया कि ‘एडीज मच्छर डेंगू रोग का वाहक है जो दिन में काटता है। मच्छर डेंगू मरीज को काटने के बाद अगर स्वस्थ मनुष्य को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। डेंगू से बचाव की कोई वैक्सीन नहीं है। मलेरिया का मच्छर सामान्यतः शाम और सुबह के बीच काटता है। अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति को मलेरिया का संक्रमित मच्छर काटता है तो वह स्वयं तो संक्रमित होगा ही, दूसरे को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें। 


डेंगू मलेरिया के मुख्य लक्षण

मलेरिया - ठंड के साथ तेज बुखार जो 103-104 तक जा सकता है। यह बुखार बार-बार चढ़ता-उतरता रहता है। इसके अलावा सिर दर्द और दो बार से अधिक उल्टी भी इसके लक्षण हैं। डेंगू - बुखार मलेरिया के मुकाबले कम रहता है। इससे जोड़ों में दर्द रहेगा। शरीर में जगह-जगह चकते आ जाते हैं। शरीर में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। दरअसल, डेंगू का वायरस शरीर में प्रवेश कर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचा देता है।

  

बचाव के उपाय

गड्ढों को मिट्टी से ढक दें।

नीम के पत्ते जलाकर धुआं करें।

पूरी आस्तीन के कपड़े पहने।

मच्छरदानी का प्रयोग करें।  

तेल में कूपर मिलाकर दिया जलाएं। 

कूलर का पानी रोज बदलें व उसे रगड़कर साफ करें।  

छत व घर में किसी पात्र में बारिश का पानी न एकत्र होने दें।

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