फ़ाइलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हुए सम्मानित

 

फाइलेरिया मोरबिडिटी मैनेजमेंट पर हुई कार्यशाला

फ़ाइलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले हुए सम्मानित 

 

कौशाम्बी  : फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत बृहस्पतिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में जनपद के अधीक्षक, बीसीपीएम एवं आशा को फ़ाइलेरिया के मरीजों की देखभाल व कार्यक्रम के बारे में प्रशिक्षित किया गया। साथ ही फाइलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं डब्लूएचओ, पाथ, सीफार, पीसीआई के प्रतिनिधियों व स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मे विभाग की ओर से 20 फ़ाईलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ सुष्पेंद्र कुमार ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है और एक बार हो जाने के बाद यह ठीक नही होता है इसलिए बचाव ही एकमात्र उपाय है।  उन्होने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में जिला मलेरिया विभाग व सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से हम समुदाय में फाइलेरिया को लेकर जन जागरूकता बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं। इसके लिए सभी सहयोगी संस्थाओं का सहयोग सराहनीय है।

जिला मलेरिया अधिकारी अनुपमा मिश्रा ने बताया कि जनपद मे फ़ाईलेरिया रोगियों को किट का वितरण सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से भी किया जा रहा है। तथा उन्हे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर फाइलेरिया रोगियों को स्वयं की देखरेख करने के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

 

कार्यशाला में डबल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ॰ राहुल, पाथ संस्था के प्रतिनिधि डॉ॰ शाश्वत ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी तथा फाइलेरिया रोगियों को सेल्फ केयर के बारे में विस्तार से बताया उन्होने प्रशिक्षण के दौरान  फाइलेरिया रोगी राजरानी के साथ सेल्फ केयर कि प्रक्रिया को प्रदशित कर तथा उपस्थित अन्य रोगियों को अपनी केयर के लिए डेमो दिखाकार प्रशिक्षित किया गया । फाइलेरिया रोगियों की देखभाल का यह प्रशिक्षण आशा कार्यकर्ता व फाइलेरिया रोगी को दिया गया है। जनसमुदाय में फ़ाइलेरिया का विस्तार न हो इसके लिए विभाग निरंतर स्वयं व सहयोगी संस्थाओं एवं मीडिया के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने में प्रयासरत है। 

 

स्वास्थ्य विभाग की ओर से फाइलेरिया रोगियों को किट ( टब, बाल्टी, मग तौलिया, क्रीम) का वितरण किया। कार्यशाला में पाथ संस्था , सीफार, डबल्यूएचओ के प्रतिनिधि व समस्त सहायक मलेरिया अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के बीसीपीएम, आशा व जिला मलेरिया विभाग के समस्त स्टाफ ने प्रतिभाग किया।

 

कार्यशाला में मौजूद राजरानी 60 वर्ष गाँव नौगिरा  हिजामपुर सिराथु ने बताया कि मुझे पिछले 25 वर्ष से फाइलेरिया रोग से पीड़ित हूं और जब पता चला तो मर्ज काफी बढ़ गया था लेकिन अब मैं लगातार दवा ले रही हूं | मैं फाइलेरिया की दवा खाने के लिए सभी से विनती करती हूं। ताकि कोई भी इस भयानक बीमारी से ग्रसित न हो

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