लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय के संयुक्त कुलसचिव संजय दिवाकर ने आखिरकार दांव पेंच लगा कर विश्वविद्यालय पर दबाव बना पुरानी पेंशन पाने का आदेश पारित कराया

लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय के संयुक्त कुलसचिव संजय दिवाकर ने आखिरकार दांव पेंच लगा कर विश्वविद्यालय पर दबाव बना पुरानी पेंशन पाने का आदेश पारित कराया 

डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय लखनऊ में कुछ एक आद शिक्षकों समेत कुल सचिव संजय दिवाकर ने भी दांव पेंच लगा अपने आप को पुरानी पेंशन का हकदार बना लिया। सूत्रों की मानें तो शासन द्वारा जारी पत्र के अनुसार यदि स्थाई पद के सापेक्ष 2005 की नियुक्ति है तो ऐसे राज्य कर्मचारी अथवा अधिकारी और शिक्षक पुरानी पेंशन का लाभ ले सकते हैं। संजय दिवाकर ने अपनी इन्फॉर्मेशन साइंटिस्ट की अस्थाई सेवाएं जुड़वाकर पुरानी पेंशन का लाभ लिया है। यहां तक कि उन्होंने लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविधालय लखनऊ में नियुक्ति हेतु अपने फॉर्म में गलत तथ्य भी बता नौकरी में पद प्रमोशन भी लिया है।

संयुक्त कुलसचिव की नियुक्ति विश्वविद्यालय में सहायक कुलसचिव के पद पर हुई थी, जहां डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कमेटी ने इन्हें इस पद के समक्ष अपात्र घोषित किया था।

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