हिंदू कर्मचारी का जबरन धर्मांतरण कर बनाया गया ईसाई, मामला दर्ज

 *डायसिस ऑफ लखनउ के बिशॅप व उसके बेटे पर लगा धर्मपरिवर्तन का आरोप*

*कटरा चर्च के पादरी अजीत फ़्रांसिस, महिला पादरी एवं मिशनरी स्कूल की प्रिंसिपल विनीता इशुबियस ने कराया धर्म परिवर्तन !

*ईसाई धर्म का प्रचार न करने पर युवक को मिल रही धमकी!*

*पीड़ित ने एक माह बाद की हिंदू धर्म में वापसी, अब मिल रही धमकियां

*मामला सिविल लाइंस थाने में दर्ज, जांच में जुटी जनपद पुलिस

*वीएचपी संगठन के कार्यकर्ता व अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोला

प्रयागराज 3 सितंबर 2024: जनपद में स्थित डायसिस ऑफ़ लखनऊ एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार संस्था धर्मांतरण मामले में घिर गई है। यहां नौकरी पर तैनात कर्मचारी आकाश त्रिपाठी ने डायसिस ऑफ़ लखनऊ के बिशॅप मारिश एडगर दान और उनके बेटे एलन दान, पादरी अजीत फ़्रांसिस, महिला पादरी विनीता इशुबियस पर जबरन धर्मपरिवर्तन का आरोप लगाया है। युवक पर ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार करने का जबरन दबाव बनाया जा रहा है! पीड़ित ने मामले की तहरीर सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराई है। वहीं धर्मांतरण की जानकारी मिलते ही हिंदू संगठन व अधिवक्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है।

इसके अलावा सोशल मीडिया में भी लोग कड़ी कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं आम लोगों में भी आरोपियों के खिलाफ गुस्सा है

थाने में दी गई तहरीर के अनुसार पीड़ित ने  डायसिस ऑफ़ लखनऊ के बिशॅप मारिश एडगर दान और उनके बेटे एलन दान को मुख्य आरोपी बनाते हुए डायसिस के कर्मचारियों की मौजूदगी में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है। 

पीड़ित ने बताया कि "डायसिस के कर्मचारी कई माह से मुझ पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहे थे। इसके लिए उन्होंने मुझे संस्था में स्थाई नौकरी का प्रलोभन व मोटी रकम देने को कहा। इसका विरोध करने पर मुझे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाने लगी। 24 जुलाई को बिशॅप ने मुझे कार्यालय बुलाया। जैसे ही मैं उनके केबिन में गया वहां पर बिशॅप के अलावा एलन दान, कटरा चर्च के पादरी अजीत फ्रांसिस, अमर मोसेस, विनीता इसुबियस, आर्ची तिमोथी सहित कई लोग मौजूद थे। वहां उन्होंने मेरे ऊपर जल छिडका और कहा कि अब तुम ईसाई बन गये हो। इस दौरान मौजूद बिशॅप ने कहा कि अब प्रभु ईशू का प्रचार प्रसार करोगे, हिन्दू देवी देवताओं की पूजा नहीं करोगे। अब तुम्हे स्थाई नौकरी और बीस हजार की राशि दी जाएगी। उन्होंने मुझे अन्य लोगों को धर्मांतरण कराने पर प्रति व्यक्ति दस हजार की राशि देने का भी लालच दिया। घटना की जानकारी मैने अपने रिश्तेदारों को दी तो उन्होंने मेरा विरोध किया और 10 अगस्त को मैंने गंगा स्नान कर हिंदू धर्म में वापसी कर ली। इसके दूसरे दिन जब मैं तिलक लगाकर डायसिस कार्यालय पहुंचा तो मेरे साथ बदसलूकी की कई और मुझे कार्यालय के बाहर रोक दिया गया। अब मेरा कार्यालय में जाना प्रतिबंधित कर दिया गया है।  मेरे हिंदू धर्म में वापसी के कारण मुझे नौकरी से निकाले जाने की धमकी व जान से मारने की धमकी लगातार दी जा रही है।" 

दूसरी ओर धर्मपरिवर्तन का यह मामला सामने आते ही विश्वहिन्दू परिषद एवं अधिवक्ताओ सहित आम हिन्दू समाज के लोगों में खासी नाराज़गी है! सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग ईसाई मिशनरियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं! पीड़ित के समर्थन में विहिप के पदाधिकारी अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव अपने समर्थकों के साथ सिविल लाइन थाने पहुंचकर आरोपियों एवं मिशनरियों के ख़िलाफ़ एफ आई आर दर्ज कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। जबरन धर्मपरिर्वतन कराने का विरोध करते हुए ईसाई मिशनरियों के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है! सर्मथन करने वालों में बीएचपी के जिलामंत्री अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव, भाजपा युवा मोर्चा के जिलामंत्री जैव्रत सिंह, अविनाश सिंह,बादल, नवीन श्रीवास्तव सहित बिहिप के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे !

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