कोविड-19 का संक्रमण रोकने में कारगर है दो मास्क का इस्तेमाल

प्रयागराज: लॉकडाउन के चलते कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है, लेकिन कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट वैरिएंट बेहद खतरनाक है। यह समझना होगा कि वायरस सिर्फ ड्रॉपलेट नहीं बल्कि यह एयरोसोल भी है। वायरस के यह अणु पांच माइक्रॉन कटऑफ से भी छोटे हो सकते हैं जो ज़्यादा वक़्त तक हवा में मौजूद रह सकते हैं। इसलिए मास्क ही कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में सबसे कारगर है। इसके मद्देनजर स्वास्थ मंत्रालय ने एक साथ दो मास्क के प्रयोग की सलाह दी है। इसका पालन करने से काफी हद तक संक्रमण से बचा जा सकता है।

चेहरे पर पहला मास्क सर्जिकल मास्क होना जरूरी है। इसके ऊपर घर का बना या बाज़ारों में उपलब्ध दो या तीन परत वाले सूती कपड़े के मास्क का प्रयोग किया जा सकता है। एक ही प्रकार के दो मास्क बिल्कुल न इस्तेमाल करें। N-95 मास्क का इस्तेमाल करें तो उसके साथ दूसरा मास्क न लगाएँ। मास्क का प्रयोग पॉजिटिव व्यक्ति से वायरस के फैलाव को रोकता है बल्कि स्वस्थ लोगों को इसके चपेट में आने से बचाता भी है। मास्क ही मात्र एक ऐसा विकल्प है जो कोरोना के साथ-साथ अन्य संक्रमण से भी हमें सुरक्षा देता है।

मास्क का चेहरे पर फिट बैठना बेहद जरूरी

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ए.के.तिवारी ने बताया कि चेहरे पर लगे ढ़ीले मास्क का प्रयोग या सार्वजनिक स्थानों पर एक मास्क का प्रयोग सुरक्षित नहीं है। मास्क का प्रयोग बेहद अहतियात से करें, जरा सी लापरवाही से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। मास्क पहनने के सही तरीकों की बात करें तो इसके लिए पहले सर्जिकल मास्क लें व उसके दोनों किनारों की इलास्टिक पर दोनों ओर एक-एक छोटी गांठें लगा दें, उसे दोनों कान के सिरे में फंसाएँ फिर मास्क को नाक के ऊपरी हिस्से यानी आंखों के ठीक नीचे से चढ़ाते हुए ठोड़ी के नीचे तक फैलाएं। इसे चेहरे पर चढ़ाते समय ध्यान रखें की क्या वह आपके चेहरे पर चुस्त चढ़ा हुआ है, इसके लिए नाक व मुंह का पूरा ढ़का रहना जरूरी है। अब इसे चेक करने के लिए एक गहरी सांस लें व छोड़ें अलग मास्क के अगल-बगल या ऊपर से हवा अंदर आ रही है तो अभी भी मास्क को सही ढंग से लगाना बाकी है। इसलिए इसे ठीक से फिट करें जल्दबाज़ी न करें। फिट हो जान पर अब इस पर लगभग समान चौड़ाई वाला एक कपड़े का मास्क लगा लें।

मास्क का प्रयोग मजबूरी नहीं बल्कि आज की जरूरत -

डॉ. तिवारी ने कहा कि मास्क के इस्तेमाल को मजबूरी की तरह न लें उसे जीवनशैली का सबसे अहम हिस्सा बनाएँ। आज मास्क के इस्तेमाल के कारण ही टीबी जैसी गंभीर बीमारी पर भी लगाम लग रही है। जब घर में बिल्कुल अकेले रहें तो मास्क का प्रयोग बहुत जरूरी नहीं है। अगर घर में कोई पॉज़िटिव मरीज है तो मास्क का इस्तेमाल पूरा परिवार करें। यदि कार में अकेले हैं तो भी मास्क के लगातार देरी तक प्रयोग करने से बचें। किसी के संपर्क में आएँ तो उससे भौतिक दूरी बनाकर बातचीत करें व बिना दो मास्क लगाए किसी से न मिलें। अपने पास दो मास्क लगाने के अलावा दो मास्क अलग से रखें। सार्वजनिक स्थानों से आने के बाद मास्क को सेनीटाइज़ करें व कागज के थैले में रखकर उसे कूड़ेदान में डाल दें या उसे गरम पानी का प्रयोग कर तुरंत साबुन से धुलें। ध्यान रहे सर्जिकल मास्क का प्रयोग एक बार ही किया जा सकता है। अपने मास्क को एहतियात के साथ उतारें व लगाएँ। ज्यादा समय तक एक ही मास्क का इस्तेमाल न करें।

वैक्सीन लग जाने के बाद भी मास्क लगाएँ

वैक्सीन की पहली डोज़ लगने से आप कोविड-19 वायरस के संक्रमण से सुरक्षित नहीं हो जाते। इसके लिए जरूरी है वैक्सीन का दूसरी डोज़, दूसरी डोज़ लगने के करीब दो हफ्ते बाद आपके शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। समझने वाली बात यह है कि वैक्सीन लग जाने का मतलब यह बिलकुल नहीं कि आप कभी वायरस के संक्रमण में नहीं आएंगे, बल्कि संक्रमण से केवल आपको एहतियात, मास्क का प्रयोग व बार-बार साबुन से हाथ धुलने की आदत बचा सकती है। इसलिए अगर आपने वैक्सीन लगवा भी ली है तो मास्क आपके लिए भी उतना ही जरूरी है जितना अन्य लोगों के लिए।

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