कोरोना के बदलते स्वरूप से रहें सावधान व जागरूक

 प्रयागराज : कोरोना की दूसरी लहर का असर अब कम होने लगा है। हल्के या बिना लक्षण वाले कोविड मरीज घर पर रहकर स्वस्थ हो रहे हैं, लेकिन खतरा अभी तक तला नहीं है। ज़रा सी लापरवाही भी भरी पड़ सकती है। इसलिए अब भी सावधान रहने की ज़रूरत है।


मोती लाल नेहरु मण्डलीय चिकित्सालय (कॉल्विन) की मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. सुषमा श्रीवास्तव कहती हैं कि लॉकडाउन ख़त्म हो चुका है और सभी लोग अब घरों से बाहर आने जाने लगे हैं। इसलिए कोरोना के संक्रमण का खतरा भी फिर से बढ़ गया है। आने वाले समय में कोरोना किस रूप में आयेगा यह किसी को भी नही पता है। इसलिए इससे बचने का सबसे बेहतर उपाय है सावधानी और जागरूकता। इसके साथ ही शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान देना भी आवश्यक है। इसको लेकर बीते कुछ समय से पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर एवं थर्मल गन का उपयोग घरों में भी होने लगा है। यह ऐसे उपकरण हैं जो कोरोना काल में हर घर की आवश्यकता बन गए हैं।

पल्स ऑक्सिमीटर एवं थर्मल गन से ऐसे लें सही रीडिंग -

डॉ. सुषमा श्रीवास्तव कहती हैं कि घर पर उपचार करने वाले रोगियों को शरीर के तापमान एवं ऑक्सीजन लेवल की जानकारी रखना बेहद जरुरी माना गया है। इसके लिए घर में पल्स ऑक्सिमीटर एवं थर्मल गन रखने की सलाह दी गयी है। यह सुनिश्चित करें कि स्क्रीन पर संख्या दिख रही हो। हाथ के बीच वाली ऊँगली को ऑक्सिमीटर में सही तरीके से डालें। फिर पल्स ऑक्सिमीटर को चालू कैसे करें। पल्स का पता लगाने एवं स्क्रीन पर ऑक्सीजन के स्तर की सही रीडिंग के लिए कुछ सेकंड इंतजार करें। लगभग दस सेकंड बाद जब रीडिंग बदलना रुक जाये तो उसे ही फाइनल रीडिंग मानते हैं। यदि ऑक्सीजन का स्तर 95 से कम होता है तो व्यक्ति को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। गलत रीडिंग से बचने के लिए नेल पॉलिश लगी ऊँगली से जाँच न करें। थर्मल गन से तापमान मापने के लिए इसे हथेली से पकड़कर 6 इंच की दूरी पर रखें और तापमान को रिकॉर्ड करने के लिए निर्धारित बटन को दबाएं। यदि तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट है या इससे अधिक है तो इसे बुखार माना जाता है। किसी दूसरे व्यक्ति को थर्मल गन देने से पहले इसे सेनेटाइज जरुर करें।

कोविड रोगी एवं देखभालकर्ता रखें ध्यान -

होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है। मरीज दिन में दो बार गर्म पानी से गरारे एवं भाप ले सकते हैं। रेमेडेसीवीर या इस तरह की अन्य अनुसंधान्तामक थेरेपी को लेने से पहले किसी चिकित्सक की सलाह लेना जरुरी बताया गया है। साथ ही ऐसी दवाओं को खरीदकर घर में रखने एवं खुद से इंजेक्शन लेने से मना किया गया है।

इन परिस्थितियों में चिकित्सकीय सलाह जरुरी -

• सांस लेने में तकलीफ़ होने पर
• ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर
• छाती में लगातार दर्द का बने रहना या अचानक बढ़ जाना
• मानसिक रूप से अधिक परेशान होने पर

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