गांधीजी और शास्त्री जी सम्बन्धित महिला सुरक्षा, सम्मान एवं स्वालंबन विषयक संगोष्ठी

 लखनऊ : डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्व विद्यालय के भारतीय भाषा एवं कला प्रकोष्ठ तथा अंतर्राष्ट्रीय छात्र प्रकोष्ठ ने गांधीजी और शास्त्री जीके विशेष संदर्भ में महिला सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन विषयक एक चर्चा एवं काव्यपाठ संगोष्ठी का आयोजन किया।


कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एवं अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रोफेसर अलका पाण्डे और दी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से राज्य ब्यूरो संवाददाता प्रशांत श्रीवास्तव रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भटनागर ने गांधी जी और शास्त्री जी सम्बन्धित अनेक राष्ट्र भावनाएं एवं उनके ऐतिहासिक जीवन शैली के प्रेरणा स्त्रोत विचारों को स्पष्ट करते हुए "महिला सम्मान एवं स्वालंबन"की चर्चा को राष्ट्र निर्माण की इकाई बताया। भाषा प्रकोष्ठ की अध्यक्षा डॉ अलका सिंह ने विषय वस्तु की पृष्ठभूमि को विस्तृत रूप देते हुए अपनी कविता" उड़ गई है फफूंद, हो गए हैं हम दाखिल" का पाठ करते हुए कहा कि " उठे सोच मानस में ऐसी, वह रूपक पाए गाँधी को। दो अक्टूबर इतिहास नहीं, हम फिर से जानें गांधी को"।प्रोफेसर अलका पण्डे ने महिलाओं का समाज में प्रतिभागी होने का आवाहन किया।

उन्होने गांधी जी द्वारा महिलाओं के विषय में गांधी जी के विचारों को रखा जहां गांधी जी का यह मानना था कि पुरुष महिलाओं को भोग की वस्तु ना समझें और महिलाएं भी पुरुषों के लिए विशेषकर ना सजे संवरे। दी प्रिंट मीडिया से आए अतिथि वक्ता प्रशांत श्रीवास्तव जी ने भी यंग इंडिया में 1921 में छपे एक आलेख का उल्लेख करते हुए बताया कि गांधी जी महिलाओं के लिए अबला शब्द के प्रयोग के सख्त खिलाफ़ थे। उन्होने गांधी जी और शास्त्री जी के दर्शन का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और कहा कि भारत के युवा को उन्हें समझने हेतु सम्बन्धित ज्ञानकोषों को पढ़ना होगा। इस चर्चा में लोहिया विश्वविद्यालय की प्रथम वर्ष की छात्रा सना ने अपनी कविता 'ए लेटर टू माई मदर' से सबको मंत्रमुग्ध किया ।

तृतीय वर्ष के छात्र एवं कवि अनिरुद्ध त्यागी ने इस अवसर पर सशक्त काव्य पाठ कर सबका मन मोह लिया। प्रश्न सत्र के दौरान वक्ता प्रशांत श्रीवास्तव ने एक सारगर्भित समीक्षा भी की। विश्वविद्यालय से डॉ राजनीश यादव, डॉ प्रसेनजीत कुंडू समेत अन्य शिक्षक उपस्थित रहे । कार्यक्रम की औपचारिक समाप्ति की घोषणा करते हुए भाषा प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ अमनदीप सिंह ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया और पुनः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन करते हुए लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के पंचम वर्षीय छात्र भारत भूषण ने भी काव्यपाठ किया।

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