पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के अंतर्गत 27 पुरुषों ने कराई नसबंदी

  कौशाम्बी  : परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 22 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलाए गये पुरुष नसबंदी पखवाड़े में समझदारी दिखाते हुए जनपद में 27 पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी की सेवा प्राप्त की । परिवार नियोजन के मामले में महिलाओं ने काफी जागरूकता दिखायी, इस दौरान ही 481 महिलाओं ने आगे आकर स्वेच्छा से नसबंदी करायी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के.सी राय ने बताया-जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन संबंधी स्थाई और अस्थाई सभी सेवाएं रोजाना ब्लॉक स्तर पर उपलब्ध करायी गयीं | उन्होंने कहा – समाज में परिवार नियोजन को लेकर एक आम धारणा है कि यह कार्यक्रम जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाया जाता है, जबकि इस कार्यक्रम का उद्देश्य दो बच्चों के जन्म के बीच सुरक्षित तीन साल का अंतर और अपने संसाधनों के मुताबिक परिवार को नियोजित करने के लिए प्रेरित करना है। दो बच्चों के के जन्म के बीच तीन साल का अंतर मां और बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा – परिवार नियोजन की जिम्मेदारी संभालने में पुरुष पीछे रहते हैं, उन्हें भी बराबर की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. डी०एस०यादव ने बताया – पुरुष नसबंदी मामूली सी शल्य क्रिया है। नसबंदी कराने के बाद कुछ ही देर में लाभार्थी को घर भेज दिया जाता है। नसबंदी कराने के बाद पुरुष अपने सारे कार्य पूर्ववत कर सकता है। इससे उसके वैवाहिक जीवन पर भी कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

उन्होंने कहा परिवार की अधिकतर जिम्मेदारी महिलाओं पर होती है। शासन की मंशा है परिवार की जिम्मेदारी में पुरुषों की भागीदारी हो। परिवार नियोजन को अपनाने के लिए पुरुषों को आगे आना होगा। पुरुषों के सहयोग के बिना परिवार नियोजन कार्यक्रम को वांछित सफलता नहीं मिल सकती। आशा कार्यकर्ता और एएनएम लगातार लाभार्थियों को परिवार नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी देती हैं। इसके अलावा हर माह की आयोजित किए जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस पर परिवार नियोजन की सभी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। उस दिन परिवार नियोजन से संबंधी सलाह भी चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा केंद्र पहुंचने वालों को दी जाती है।

जिला परिवार नियोजन एवं सामग्री प्रबंधक जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़े में 27 पुरुषों ने स्वेच्छा से नसबंदी कराई। इसी दौरान 481 महिलाओं ने भी परिवार नियोजन का स्थाई साधन (नसबंदी) अपनाया। इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में 414 महिलाओं ने आईयूसीडी, 578 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, 647 महिलाओं ने गर्भ निरोधक इंजेक्शन “अंतरा” पर भरोसा जताया है। 4636 महिलाओं को गर्भनिरोधक गोली छाया, और 7601 को माला-एन वितरित की गई। इसके अलावा 2160 ईसीपी और 54107 से अधिक कंडोम वितरित किए गए।

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