सीडीपीओ व आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को सही पोषण पर प्रशिक्षण
प्रयागराज: बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) एवं आंगनबाड़ी सुपरवाइजर का पोषण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रमशुक्रवार को विकास भवन के सरस सभागार में संपन्न हुआ ।
प्रशिक्षण में जनपद के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं आंगनबाड़ी सुपरवाइजर ने प्रतिभाग किया | प्रशिक्षण का उदेश्य आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से लाभार्थियों को समुचित स्वास्थ्य पोषण शिक्षा की जानकारी एवं सुविधा से लाभान्वित करना था | पोषण में गुणवत्ता का विशेष महत्त्व होता है, जिससे बच्चे का विकास हो और महिलाओं में पोषण की कमी न हो |
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज राव ने बताया कि जनपद में आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती,धात्री एवं शिशु को बेहतर स्वास्थ्य की जानकारी एवं सुविधा दी जाती हैं जिसे हमारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा ग्राम स्तर एवं समय समय पर घर-घर जाकर भी दिया जाता हैं | उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ महिला ही स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं और उसका पोषित होना भी बहुत आवश्यक हैं | गर्भधारण से 1000 दिन यानि बच्चे के दो साल का होने तक पोषण पर विशेष रूप से ध्यान देने आवश्यकता होती है| गोद भराई, अन्नप्राशन जैसे कार्यक्रम के माध्यम से भी लोगों को पोषण की जानकारी से जोड़ा जाता है |
प्रशिक्षक अनुराग सिंह रामा फाउंडेशन (यूनिसेफ) ने प्रशिक्षण में आये सभी लोगों को पोषण के मानक और उसकी गुणवक्ता के विषय में जानकारी दी | उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान सही पोषण के फायदे एवं पोषण की कमी से होने वाले नुकसान जैसे शारीरिक एवं मानसिक विकास में कमी होना जैसे बिंदुओं पर प्रकाश डाला | उन्होंने कहा की बच्चे का पूर्ण विकास दो वर्ष तक होता हैं ऐसे में उसे सही और पूर्ण पोषण की आवश्यकता होती हैं | इसकी जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से अभिभावक को मिलती हैं , जिससे समय से बच्चे का वजन, लम्बाई, ऊंचाई मानक के अनुरूप हो सके |
डी.एस दीक्षित प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर रामा फाउन्डेशन (यूनिसेफ) ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ही ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करती हैं और उसका समय समय से प्रशिक्षित होना बहुत जरुरी हैं ताकि उनके काम में गुणवत्ता बनी रहे | इसी क्रम में परियोजना से जुड़े लोगो को प्रशिक्षण देकर कार्य को गुणवत्ता पूर्ण बनाया जाता है |
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