कोविड टीकाकरण एवं कोविड अनुपूरक व्यवहार है जरुरी

  प्रयागराज  : पिछले दो माह से संक्रमितों का आंकड़ा जनपद में लगभग शून्य पर टिका था। पर बीते हफ्ते में रविवार तक चार मरीज मिले हैं। अब तक कुल 9 कोरोना संक्रमित मामले जनपद में दर्ज किए गए हैं। यह राहत की खबर नहीं है बल्कि हमें अब अपने जीवनशैली में कोविड अनुपूरक व्यहार का सख्ती से पालन करना होगा। क्रिसमस व नए वर्ष पर्व की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बाजार बिना मास्क पहने लोगों से पटा पड़ा है। डेल्टा व ओमिक्रोन का संक्रमण एक साथ बढ़ रहा है। संक्रमण को न्योता न दें हमें अब सचेत हो जाना चाहिए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नानक ने बताया कि डेल्टा व ओमिक्रोन का संक्रमण एक साथ बढ़ रहा है। नया वेरिएंट ओमिक्रोन से संक्रमित हुए लोगों की संख्या देश में 200 से ऊपर पहुंच चुकी है। यह कोविड 19 से संक्रमित हुए लोगों को भी यह अपनी चपेट में ले रहा है। इसका ट्रांसमिशन रेट पिछले सभी वेरिएंट से बहुत ज्यादा है। उन्होंने बताया कि यह वेरिएंट अब तक के सभी स्ट्रेन से बिलकुल अलग है। अफ्रीका से चला ओमिक्रोन लगभग एक माह में दुनिया के 91 देशों में फैल चुका है। इसलिए कोविड प्रोटोकाल के साथ रहें और सतर्क रहें।

दो डोज़ लगा चुके लोग ज्यादा सुरक्षित

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि प्रयागराज में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ लगवाने वालों की संख्या लगभग 80 % प्रतिशत है। 36.16% ऐसे लोग हैं जिन्होंने दूसरी डोज़ लगवाई हैं ऐसे लोग जिनका नंबर आ गया है लेकिन वह जानकारी के बाद भी टीकाकरण केंद्र पर उपस्थित नहीं हो रहे हैं। ऐसे लोगों से स्वास्थ्य विभाग यह आग्रह करता है कि अगर आप जनपद में नहीं हैं तो किसी दूसरे जनपद में भी रहकर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से नजदीकी ,कोविड टीकाकरण स्वास्थ्य केंद्र में जाकर दूसरे डोज़ का टीका लगवाएँ। टीकाकरण निःशुल्क है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट टीकाकरण न करवाने वाले लोगों पर ज्यादा असर डाल रहा है। दो डोज़ लगा चुके लोग इससे ज्यादा सुरक्षित माने जा रहे हैं। हालांकि कई मामलों में उनके भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।

सावधानी और सतर्कता आज की आवश्यकता

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ए.के तिवारी ने बताया कि देश में लगभग 70 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज़ लगवा ली है। दोनों डोज़ वैक्सीन की ले चुके लोगों की संख्या लगभग 56 प्रतिशत है। जिन लोगों ने वैक्सीन की अभी एक भी डोज़ नहीं लगवायी है वह अपने साथ अन्य सभी के जीवन को खतरे में डाल सकते हैं। इसलिए घर के बच्चों व बुजुर्गों को भीड़-भाड़ वाले स्थान पर ना जाने दें। बच्चों को कोरोना से सतर्क रहने हेतु अहतियात के तरीके समझाएँ व उन्हें जागरूक करें। पान मसालों का उपयोग ना करें व सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें। दो गज की दूरी व मास्क जरूरी की समझ हम सभी के जीवनशैली में रच-बस जाना चाहिए। सेनिटाइजर, बार-बार हाथ घोने और गुनगुने पानी के सेवन जैसी सावधानियां हर किसी के लिए रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन जाना चाहिए। सावधानी और सतर्कता आज की आवश्यकता है और यह हमें ध्यान रखना ही होगा।

पूर्ण टीकाकरण बचा रहा कोविड संक्रमण से जान

ओमिक्रोन व डेल्टा से बचने के लिए टीके से ज्यादा कारगर है मास्क का उपयोग। बिना मास्क के बाज़ारों में भटकते लोग संक्रमण को हल्के में लेकर खुद के साथ पूरे समाज के लिए खतरा बन गए हैं। जिसके भयावह परिणाम के संकेत को समय रहते समझना जरूरी है। नासमझी से बढ़ रही संक्रमण के प्रति लापरवाही जनपद की जनता को संकट में डालने के लिए पर्याप्त है।

कमजोर / कम इम्यूनिटी वाले रहें ज्यादा सतर्क

बच्चे, बुजुर्ग या हों गर्भवती इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इन्हें खास ख्याल रखने की आवश्यकता बनी रहती है। ऐसे में इन्हें या किसी भी उम्र के व्यक्ति में बंद नाक, गले में खराश व दर्द, मांसपेशियों में दर्द व दस्त के लक्षण दिखे तो इसे नजरंदाज न करें। खराब इम्यूनिटी इसका प्रमुख कारण हो सकती है। इससे सतर्क होने की आवश्यकता है। ओमिक्रोन का संक्रमण खराब इम्यूनिटी वालों को ज्यादा और जल्दी अपनी चपेट लेता है। यह सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। इसके साथ ही एक स्वस्थ व्यक्ति के संक्रमित होने पर भले उसे कोई विशेष समस्या न हो, लेकिन वह किसी बीमार व बुजुर्ग व बच्चों तक संक्रमण फैलाकर उनके लिए समस्या जरूर खड़ी कर सकता है।

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