विश्व ब्रेल दिवस : दृष्टिबाधितों के जीवन में रंग भर रहा है मीत फाउंडेशन
लखनऊ : ब्रेल लिपि की सहायता से रोहित कुमार मीत दृष्टिबाधितों के जीवन में रंग भर रहे हैं। लखनऊ चिड़ियाघर में ब्रेल लाइब्रेरी जैसा प्रोजेक्ट हो, लखनऊ मेट्रो में पहला मेट्रो स्मार्ट कार्ड हो या साहित्य को ब्रेल में अनुवाद करना हो, इन सब कार्यों से दृष्टिबबाधितों के लिए वह बेहतरीन काम कर रहे हैं।
2009 में रोहित कुमार मीत ने वायस पब्लिकेशन नाम से खुद का प्रकाशन केंद्र खोला एवं नामचीन शायरों और कवियों की रचनाओं पर किताबें तैयार करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने ब्रेल लिपि में तमाम साहित्यिक रचनाओं का अनुवाद किया। साथ ही रोहित कुमार मीत ने ब्रेल लिपि में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी पठन सामग्री भी तैयार की।
वे देख नहीं सकते पर पढ़ेंगे कॉमिक्स
मीत वेलफेयर फाउंडेशन ने लखनऊ चिड़ियाघर के साथ मिलकर लखनऊ जू में देश का पहला ब्रेल कॉरिडोर बनाया। रोहित कुमार मीत के मुताबिक इस लाइब्रेरी में गजल, काव्य, साहित्य के साथ ही दूसरी किताबें भी शामिल की गई हैं। मीत फाउंडेशन के इस कार्य को महामहिम राज्यपाल सहित तमाम मूर्धन्य हस्तियों ने सराहा है एवं अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
ब्रेल मेट्रो कार्ड
रोहित कुमार मीत ने लखनऊ मेट्रो में दृष्टिबाधित बच्चों के लिए ब्रेल मेट्रो कार्ड का बनाया। जिससे उन्हें मेट्रो के सफर में सुविधा मिल रही है।
मीत फाउंडेशन के अन्य कार्य
- दृष्टिबाधित बच्चों को एजुकेशन एवं कंपटीशन की तैयारी मदद कर रहा है।
- मीत फाउंडेशन जगह-जगह हिंदुस्तान के कई शहरों में ब्रेल की लाइब्रेरी की स्थापना करने का कार्य लगातार कर रहा है।
- ब्रेल पाउच तैयार किये। जिससे नेत्रहीन बच्चे बीपी और शुगर की सटीक डोज ले सकते हैं। पहले इसमें समस्या होती थी, कई बार वह दवाइयों की डबल डोज ले लेते थे।
-मीत फाउंडेशन जल्द ही भारतीय रेल एवं मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर जगह-जगह दृष्टिबाधितो के लिए ब्रेल संग्रहालय एवं लाइब्रेरी की स्थापना करेगा।
लोगों के और सपोर्ट की आवश्यकता
रोहित मीत बताते हैं कि मीत फाउंडेशन लगातार नेत्रहीन बच्चों के जीवन को संवारने के काम कर रहा है। रोहित ने कहा कि इस कार्य को काफी लोग सराह रहे हैं। वह कहते हैं कि वह अपने माध्यम से अपील करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पुण्य कार्य में मीत फाउंडेशन का सहयोग करें।
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