खांसी व आवाज़ के नमूने से हो सकेगी टी.बी. की पहचान
सुलतानपुर । आज के समय में हर दिन एक नई तकनीक ईजाद हो रही है । यह तकनीक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कमाल दिखा रही है । इसी क्रम में संभावित क्षय या टी.बी. रोगी की पहचान के लिए भी नवीन तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है । इसमें संभावित रोगी की आवाज़ के नमूने लेकर उससे टी.बी. की जांच की जा रही है ।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर.के. कन्नौजिया ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश से क्षय रोग को पूरी तरह ख़त्म करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं । इसी क्रम में क्षय रोग की पहचान के लिए एक नई तकनीक का प्रयोग भी किया जा रहा है । इसमें फील्डी नामक एप का इस्तेमाल कर संभावित टी.बी. रोगी की आवाज़ के नमूने लेकर जांच की जा रही हैं । आवाज़ के कई प्रकार के नमूने लेकर सभी को जाँचा जाता है । अभी इस तकनीक का ट्रायल किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि जिले में 60 से अधिक लोगों की आवाज़ का नमूना लिया गया है ।
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक विवेक मिश्र ने बताया कि इस एप के माध्यम से आवाज़ का सैंपल लेने में कई अलग-अलग संभावित टी.बी. रोगी की आवाज़ के नमूने लिए गए हैं । इसमें - माइक्रोस्कोपी में पॉजिटिव पाए गए, माइक्रोस्कोपी में निगेटिव लेकिन सीबी नॉट में पॉजिटिव पाए गए, माइक्रोस्कोपी और सीबीनॉट दोनों में निगेटिव लेकिन एक्स-रे में पॉजिटिव पाए गए, माइक्रोस्कोपी, सीबीनॉट और एक्स-रे तीनों में निगेटिव, ऐसे मरीज़ जिनका टी.बी. का उपचार चल रहा है उनके परिवार के लोगों की आवाज़ का नमूना लिया गया है ।
जांच के लिए आवाज़ के नमूने में एक से दस तक गिनती, हिंदी वर्ण माला के स्वर- अ आ इ ई आदि, खाँसने की आवाज़ शामिल है । खास बात यह है कि इसमें उन्ही लोगों की आवाज़ के नमूने लिए गए हैं जिनमें टी.बी. से मिलते-जुलते लक्षण हैं ।
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