गुरु नानक विद्यालय में सांप्रदायिक पहनावे का विरोध करने पर हिमांशु चतुर्वेदी को जेल
वाराणसी : कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद के बाद से ही हर शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात हो रही है। इसी के मद्देनजर उत्तर-प्रदेश के जनपद वाराणसी में शिवपुर स्थित गुरु नानक स्कूल में मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर आ रही थी। शिक्षण संस्थान में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने एवं हिजाब पहनकर छात्राओं के स्कूल आने के विषय में इसकी शिकायत स्कूल के ही कुछ छात्रों ने प्रधानाचार्या निर्मला राठौर से की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
अंत में छात्र इस सम्बद्ध में अपनी शिकायत लेकर युवा सामाजसेवक हिमांशु चतुर्वेदी के पास गए। हिमांशु ने विद्यालय प्रधानाचार्या निर्मला राठौर से मुलाक़ात की व विद्यालय में हिजाब पहनकर छात्राओं के आने का लिखित जवाब मांगा। इस संवेदनशील विषय पर प्रधानाचार्या ने कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया। मजबूरन हिमांशु चतुर्वेदी अपने कुछ समाजसेवी साथियों के साथ विद्यालय परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए।
हिमांशु के धरने पर बैठते ही विद्यालय प्रशासन के हाथ–पैर फूलने लगे। शांतिपूर्ण चल रहे धरने की खबर कुछ ही घंटों में राष्ट्रीय मीडिया चैनल व डिजिटल प्लेटफॉर्म व सोशल मीडिया पर प्रसारित होने लगी। धरने को भरपूर जनसमर्थन मिलना शुरू हो गया। इसके बाद विद्यालय प्रशासन ने धरने को खत्म करवाने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
भारी सुरक्षाबलों के साथ पुलिस बल मौके पर पहुँच गया व धरना खत्म करने की अपील की। हिमांशु ने विद्यालय में ड्रेस कोड के उल्लंघन को लेकर अपनी बात मजबूती से रखी। उन्होने कहा कि स्कूल प्रबंधन की ओर से मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर स्कूल आने की इजाजत दी गई है। उनके पास प्रधानाचार्य से बातचीत और हिजाब पहनने वाली छात्राओं से बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है।
यह युवा शिक्षा के मंदिर में हिजाब पर प्रतिबंध की मांग व ड्रेस कोड के कानून को विद्यालय में तत्काल लागू करवाने पर डटे रहे। आखिर में सामाजसेवक हिमांशु चतुर्वेदी को पुलिस ने गिरफ्तार कर धारा 151 लगाकर उन्हें जेल भेज दिया गया। जबकि विद्यालय प्रशासन पर कोई कार्यवाही हुई। इस विषय पर कथा-कथित स्थानीय व राष्ट्रीय मीडिया ने भी विद्यालय प्रशासन के सवाल पूछना वाजिब नहीं समझा। सच व अधिकार के हक में लोकतान्त्रिक तरीके से लड़ाई लड़ने के बाद भी युवा समाजसेवी हिमांशु को जेल जाना पड़ा।
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