सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत उच्च जोख़िम गर्भावस्था की महिलाओं को मिलेगा अतिरिक्त लाभ

सुलतानपुर। उच्च जोख़िम गर्भावस्था (एच.आर.पी.) वाली महिलाओं को चिन्हित कर मातृ और शिशु मृत्युदर में और कमी लायी जा सकती है । इसलिए उच्च जोखिम की गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित करना बहुत ही आवश्यक होता है । इसके लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत गर्भवती को प्रसव पूर्व जाँच और संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया जाता है । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.के. त्रिपाठी का ।

डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि एच.आर.पी. के रूप में चिन्हित प्रत्येक गर्भवती  की एम.बी.बी.एस. चिकित्सक या स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की देख-रेख में तीन अतिरिक्त ए.एन.सी. जांच कराना आशा व ए.एन.एम. की ज़िम्मेदारी है । चिन्हित  उच्च जोखिम युक्त (एच.आर.पी.) गर्भवती  की एम.बी.बी.एस. चिकित्सक या स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ द्वारा जांच करने पर लाभार्थी और उसे जाँच के लिए लाने वाली आशा कार्यकर्त्ता दोनों को ही प्रति विज़िट 100-100 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी । उन्होंने बताया कि चिन्हित एच.आर.पी. गर्भवती महिला के सुरक्षित संस्थागत प्रसव एवं प्रसव के बाद भी 45 दिन तक माँ एवं नवजात शिशु की देखभाल करने पर आशा कार्यकर्त्ता को 500 रूपए अतिरिक्त प्रसूता प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी । इसके लिए आशा को अपना कार्य ए.एन.एम. या चिकित्सक से प्रमाणित कराना होगा ।

आर.सी.एच. के नोडल अधिकारी डॉ. ए.एन. राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग माँ और होने वाले बच्चे के समुचित स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से तत्पर है ।प्रत्येक माह की नौ तारीख को सभी केन्द्रों पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है ।सभी गर्भवती अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जा कर प्रसव पूर्व जाँच अवश्य करवायें । 

जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता सुजीत मौर्य ने बताया कि एच.आर.पी. ट्रैकिंग को सुद्रढ़ करते हुए मातृ मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से अभियान को विस्तृत किया गया है । उच्च जोखिम युक्त गर्भावस्था की महिलाओं का चिन्हांकन कर उन्हें उचित देखभाल देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है । सही समय पर जांच से प्रसव के दौरान होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है । इसीलिए प्रसव पूर्व कम से कम तीन बार जाँच आवश्यक है। विशेषज्ञ द्वारा जांच कराने पर विशेषज्ञ स्थिति के आधार पर महिला को उचित परामर्श भी देते हैं जिससे महिला  की सही देखभाल हो सके और माँ व शिशु दोनों स्वास्थ्य रहें ।

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