2022 में बढ़ सकती है टीबी मरीजों की संख्या

 प्रयागराज  : राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में सघन क्षय रोगी खोज अभियान एसीएफ (एक्टिव केस फाइंडिंग) आज से शुरू हो रहा है। यह अभियान 22 मार्च 2022 तक जनपद के सभी ब्लाकों में चलेगा। इसके तहत जनपद की 13 लाख 28810 अत्यधिक संवेदनशील और लक्षित आबादी के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम टीबी के नए रोगियों की खोज के लिए घर-घर दस्तक देगी।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत अभियान के सफल संचालन हेतु आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सुपरवाइज़र लगाए गए हैं। जो घर-घर जाकर क्षयरोग के बारे में लोगों को जागरूक करेगें एवं सम्भावित टी०बी मरीजों की खोज कर उनकी जांच एवं उपचार का पूर्ण प्रबन्ध करेंगे।

इसके लिए जनपद में कुल 313 टीम गठित की गई है। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य रहेंगे व प्रत्येक पाँच टीम के कार्यों पर नजर रखने के लिए एक सुपरवाइजर नियुक्त हैं। इसलिए कुल 65 सुपरवाईजर (एसटीएस/ एसटीएलएस / टीबीएचबी) भी अभियान में लगाए गए हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक दिन जिला क्षयरोग अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक, व टीबीएचआई क्वार्डिनेटर टीम के कार्यों का औचक निरीक्षण करेंगे।

2021 में एसीएफ अभियान में मिले 328 मरीज
वर्ष 2021 में चले एसीएफ अभियान में जनपद की कुल जनसंख्या का 20 प्रतिशत जनसंख्या को आच्छादित किया गया। जिसमें 1238287 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी। जिसमें 4543 लोगों के बलगम जांच की गयी। इसमें 328 मरीज टीबी के मिले थे। जिसमें बलगल से 246 एवं 82 मरीज एक्स-रे से धनात्मक पाये गये। 328 मरीजों में से 316 मरीजों की जांच के उपरान्त तत्काल दवा प्रारम्भ कर दी गयी। इन्हें निक्षय पोषण योजना का लाभ भी दिया गया।

2022 में बढ़ सकती है टीबी मरीजों की संख्या
डॉ अरुण ने बताया कि दुनिया में हर पांचवा क्षय रोग का मरीज भारत से है। वहीं भारत में हर पांचवा क्षय रोग का मरीज उत्तर-प्रदेश से है। इसका सबसे बड़ा कारण है जन जागरूकता की कमी व मरीज द्वारा टीबी के इलाज में कोर्स को अधूरा छोड़ना है। इसके साथ ही टीबी के संक्रमण का फैलाव भी मुख्य कारण है क्योंकि एक टीबी का मरीज अगर अहतियात का पालन न करे तो वह 10-15 और लोगों तक टीबी का संक्रमण फैला सकता है। हमने देखा है कि कोरोनाकाल में लोगों ने मास्क का प्रयोग किया इसके कारण भी टीबी संक्रमण थोड़ा स्थायी रहा। अगर जनपद में टीबी मरीजों के आंकड़ों कि बात करें तो 2019 में 16 हजार 134 व 2020 में 11 हज़ार 651 व 2021 में 14 हज़ार 11 मरीज चिन्हित किए गए हैं। मास्क का प्रयोग लोगों ने अब कम कर दिया है इस कारण इस वर्ष टीबी संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।

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