टीबी मरीजों को दिया गया पोषण किट

 प्रयागराज : केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया है। इसी के तहत टीबी मरीजों को गोद लेने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बहरिया में टीबी जागरूकता व पोषण किटवितरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में इंदिरा मेडिकेयर हॉस्पिटल ने 25 टीबी मरीजों को पोषण किट प्रदान की। जिला क्षय रोग विभाग से कार्यक्रम में उपस्थित पब्लिक प्राइवेट समन्वयक आशीष सिंह व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक अमरेश वर्मा ने टीबी मरीजों को टीबी के इलाज व पोषण से संबंधी जानकारी दी।

पोषण किट मिलने पर टीबी मरीज मोनिका कुमारी (काल्पनिक नाम) व उनके पिता का चेहरा खुशी से खिल उठा। मोनिका के पिता पेशे से दिहाड़ी मजदूर हैं, उन्होने कहाकि पोषण किट मिलने से अब बेटी का इलाज के दौरान आसानी से पौष्टिक खानपान सुनिश्चित हो सकेगा | अब बेटी के इलाज व पोषण के लिए घर से पैसे न के बराबर ही खर्च होंगे। बेटी के इलाज के लिए सरकार दवा फ्री दे रही थी अब पोषण किट मिलने से पूरा तनाव ख़त्म हो गया है।

टीबी मरीज अंशिका (काल्पनिक नाम ) को भी पोषण किट मिली, अंशिका के पिता जनरल स्टोर चलाते हैं। उन्होने बताया कि सरकार की यह पहल हम गरीबों के लिए वरदान के बराबर है। जनरल स्टोर से केवल परिवार का खर्चा ही निकल पाता है अगर सरकार ने टीबी मरीजों का इलाज निःशुल्क न किया होता तो हम टूट चुके होते | अब पोषण किट मिलने से यह खुशी बढ़ गई है।

पब्लिक प्राइवेट समन्वयक आशीष सिंह ने टीबी मरीजों को टीबी के बारे में जागरूक करते हुए दवा का प्रयोग निरंतर करने की सलाह दी व उन्होने कहा कि टीबी मरीजों को दी जा रही पोषण किट में मूंगफली, चना, गुड़, सत्तू, गजक सहित कुछ सप्लीमेंट हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। हर टीबी मरीज पोषण युक्त भोजन करें व नियमित दवा का सेवन करें। टीबी संक्रमित मरीज पोषाहार व नियमित दवा के सेवन से अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर टीबी को हरा सकते हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ.अमरेश वर्मा नेटीबी मरीजों को इलाज के बारे में समझाया व उनसे कहा कि सरकार टीबी मरीजों का नि:शुल्क उपचार करती है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा संचालित की जा रही निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत क्षय रोगियों को पहली अप्रैल 2018 से इलाज के दौरान पोषण सहायता प्रदान करने हेतु हर माह 500 रूपये सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं | इस मौके पर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी(एचईओ) रमाशंकर यादव, एसटीएस सुनील यादव, सुभाष पाल, राजेश व अन्य स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व स्टाफ उपस्थित रहे।

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