जनपद में आज मनाया गया राष्ट्रीय डेंगू दिवस

प्रयागराज | राष्ट्रीय डेंगू दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग की जागरूकता रैली मुख्य चिकित्सा आधिकारी कार्यालय से होते हुए बेली गाँव तक निकाली गई। इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे। रैली के दौरान बेली गाँव क्षेत्र में रहने वाले लोगों व अन्य जनसमुदाय को डेंगू के प्रति जागरूकता बरतने को लेकर जानकारी दी गई।

इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि डेंगू बीमारी को लेकर इस बार अभी तक अधिकारियों व विभाग की कड़ी मेहनत के चलते डेंगू पर नियंत्रण लगा हुआ है। विभाग आने वाले दिनों की तैयारियों में लग गया है। मानसून आने से पहले तक विभाग जागरूकता के माध्यम से लोगों में यह संदेश देना चाहता है की कोरोना से कम घातक नहीं डेंगू का डंक, बचना है तो बरतनी होगी सावधानी व रहना होगा जागरूक। आपकी जागरूकता ही आपको डेंगू से बचा सकती है। इसलिए अपने आस पास पानी न जमा होने दें व गड्ढों को मिट्टी से ढक दें। साफ-सफाई का रखेंगे ख्याल इस बार डेंगू पर जनता करेगी वार।

रैली को समाप्त करते हुए आनद सिंह ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच जनपद में डेंगू ने अपने पाँव पसार रखे थे। डेंगू का डंक तराई क्षेत्र में ज्यादा हाबी रहा। ऐसे में वर्ष 2021 में 299 पॉज़िटिव केस डेंगू के मिले व इनमें दो मरीजों की मौत हुई थी। उस समय संवेदनशील क्षेत्र में गोविंदपुर, छोटा बघाड़ा, मेडिकल कालेज गर्ल्स हास्टल व धूमनगंज डेंगू से ज्यादा प्रभावी रहा।

उन्होने बताया कि डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है, जो दिन में काटता है। इस मच्छर के शरीर पर सफेद धारियां होती हैं, जिसके कारण इसे टाइगर मच्छर भी कहा जाता है। यह मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता। इसके लार्वा साफ पानी में पनपता है। इसलिए अपने आस पास कूलर, फ्रिज की ट्रे, छत पर रखे टायर, गमला आदि में पानी न इकट्ठा होने दें व लार्वा को पनपने का मौका न दें।

डेंगू का क्या है लक्षण
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि तेज बुखार, गंभीर सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी, सूजी हुई ग्रंथियां या दाने। यह लक्षण आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहते हैं। संक्रमित मच्छर के काटने के 4 से 10 दिनों बाद गंभीर डेंगू एक संभावित घातक जटिलता है जो प्लाज्मा के रिसाव, पानी की कमी, श्वसन संकट, गंभीर रक्तस्राव, या अंग हानि के कारण होता है। इसके अलावा गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी, तेजी से सांस लेना, मसूड़ों से खून आना, थकान, बेचैनी और खून उलटी करना। यदि रोगी का समय से इलाज न किया गया तो अवस्था और भी घातक हो सकती है।

कैसे होगा रोकथाम
साप्ताहिक आधार पर घरेलू जल भंडारण कंटेनरों को ढंकना, खाली करना और साफ करना,घर की छत पर रखे गमलों या किसी अन्य बर्तनों, नारियल के खोल, टायरों में पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। पानी के भंडारण कंटेनरों को ढक्कन के साथ कवर किया जाना चाहिए। बरसात के मौसम के दौरान, सभी व्यक्ति ऐसे कपड़े पहन सकते हैं जो हाथ और पैर को कवर करते हों। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। मच्छरों के काटने से बचाव के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय जैसे कीटनाशक से उपचारित बेडनेट, कॉइल और वेपोराइज़र का उपयोग किया जा सकता है। मच्छरों के काटने से रोकने के लिए दिन के समय में मच्छर दूर भगाने के लिए क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।

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