अंधविश्वास व झाड़-फूक नहीं, स्कीज़ोफ्रेनिया का मेडिकल इलाज : डॉ इंदु कनौजिया

 प्रयागराज : जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, प्रयागराज की टीम ने विश्व स्किज़ोफ्रेनिया दिवस पर मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन) में एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण जन जागरूकता कार्यक्रम व मनोचिकित्सा शिविर लगा। कार्यक्रम काल्विन चिकित्सालय की प्रमुख अधीक्षिका डॉ इंदु कनौजिया व नोडल अधिकारी एन.सी.डी सेल डॉ आर. सी पांडे के संयुक्त निर्देशन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ. ईशान्या राज ने किया।

डॉ आर.सी. पांडे ने बताया कि स्किज़ोफ्रेनिया का मरीज हमेशा भ्रम की स्थिति में रहता है। वह अकेले रहना और खुद से बातें करना पसंद करता है। उसे ऐसी चीजें दिखाई व सुनाई देती हैं, जो हकीकत में होती ही नहीं हैं। धीरे-धीरे उसका व्यवहार हिंसक और आक्रामक हो जाता है। यह बीमारी इस हद तक बढ़ जाती है कि व्यक्ति अपना ही दुश्मन बन जाता है। यह मानसिक बीमारी कई बार आत्महत्या का कारण बन जाती है। बीमारी का कारण आनुवंशिक, तनाव, पारिवारिक झगड़े व नशे की लत हो सकती है। ऐसे में समय से समुचित इलाज बेहद जरूरी है। इलाज शुरू होने पर 8 से 10 माह में मरीज ठीक हो सकता है।

डॉ इंदु कनौजिया ने बताया कि जानकारी के अभाव में आमतौर पर लोग इस बीमारी की चपेट में आने वाले युवाओं की सनक या भूत-प्रेत का साया समझ बैठते हैं। जबकि इसमें अपनी भावनाओं व विचारों पर मरीज़ का कोई नियंत्रण नहीं रहता। ऐसे मरीजों के परिजन कई बार झाड़-फूक कराने में लग जाते हैं जो इनकी मानसिक स्थिति को और खराब कर देते हैं। इसलिए अंधविश्वास में न पड़कर ऐसी स्थिति में मरीज को इलाज के लिए चिकित्सक के पास ले जाएँ।

स्कीज़ोफ्रेनिया दिवस को ध्यान में रखते हुए ज्योति हॉस्पिटल एवं नर्सिंग कॉलेज के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक का प्रस्तुतीकरण किया। जिसमें उन्होंने स्कीज़ोफ्रेनिया के लक्षण व सही उपचार की जागरूकता को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया। मां शारदा नर्सिंग कॉलेज के छात्रों ने पोस्टर प्रेजेंटेशन व छात्र उत्कर्ष ने स्कीज़ोफ्रेनिया पर रैप सॉन्ग गाकर मरीजों को इलाज के लिए प्रेरित किया। ज्योति, तृषा, वीर, अंशु एवं खुशी ने स्कीज़ोफ्रेनिया पर एक लघु नाटक प्रस्तुत किया गया जिसमे स्कीज़ोफ्रेनिया से ग्रसित व्यक्ति के साथ जानकारी के आभाव में किस तरह का व्यवहार करते हैं उनकी इस नाट्य प्रस्तुति से लोगो में जागरूकता की किरण जरुर जलेगी । कार्यक्रम में कॉल्विन हॉस्पिटल से मनोचिकित्सक डॉ राकेश कुमार पासवान, डॉ माया देवी, डॉ अरुण कुमार शर्मा, डॉ एमएम त्रिपाठी, डॉक्टर संजीव यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वहीं अंकित यादव व उदय कांत मिश्रा का कार्यक्रम में विशेष सहयोग रहा।

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