पोषण पाठशाला” आज, स्तनपान और पोषण पर मिलेगी महत्वपूर्ण जानकारी
सुल्तानपुर । समेकित बाल विकास सेवा (आई.सी.डी.एस.) की ओर से दी जा रही विभागीय सेवाओं, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा, कुपोषण प्रबंधन आदि महत्वपूर्ण विषयों पर समुदाय और लाभार्थियों को जागरूक किया जायेगा । इसके लिए दिनांक 26 मई 2022 को अपरान्ह 12:00 से 02:00 बजे के मध्य प्रमुख सचिव, बाल विकास एवं पुष्टाहार, उ.प्र. शासन, लखनऊ की अध्यक्षता में ‘‘पोषण पाठशाला” अयोजित की जा रही है । इस कार्यक्रम की मुख्य थीम ‘‘शीघ्र स्तनपान - केवल स्तनपान” है। इस पाठशाला में विभागीय अधिकारियों के साथ ही विषय विशेषज्ञ थीम की आवश्यकता, महत्व एवं उपयोगिता आदि के सम्बन्ध में चर्चा करने के साथ ही वीडियों कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से लाभार्थियों एवं समुदाय द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर भी देंगे।
कार्यक्रम का लाइव वेब-कास्ट भी किया जायेगा, जिसका वेब लिंक https://webcast.gov.in/up/icds है । इस लिंक के माध्यम से कोई भी लाभार्थीं व आम जन-मानस सीधे जुड़ सकता है । प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आर.के.राव ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि समस्त मुख्य सेविकाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता एवं स्वास्थ्य विभाग की आशा एवं संगिनी को “पोषण पाठशाला” में वेब लिंक से जुड़ने के लिए निर्देशित किया जा चुका है । आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता अपने स्मार्ट फोन से कार्यक्रम में जुड़ेंगी और अपने केंद्र पर पंजीकृत गर्भवती एवं धात्री माताओं व उनके अभिभावकों को भी कार्यक्रम से जोड़ना सुनिश्चित करेंगी ।
श्री राव ने बताया कि बाल पोषण, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा आदि पर लाभार्थियों और जन समुदाय को जागरूक करना बाल विकास विभाग की एक आवश्यक सेवा है । इसी के तहत विभाग की ओर से “पोषण पाठशाला” कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा । शिशुओं में शीघ्र स्तनपान व केवल स्तनपान, उनके जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है, पर जानकारी के अभाव में और समाज में प्रचलित मान्यताओं व मिथकों के कारण यह सुनिश्चित नहीं हो पाता है, इससे शिशु के स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव पड़ते हैं ।
इन्हीं भ्रन्तियों और मिथकों को दूर करने के लिए मई और जून में “पानी नहीं, सिर्फ स्तनपान” अभियान चलाया जा रहा है, आज आयोजित होने वाली पाठशाला में भी विषय विशेषज्ञ स्तनपान की आवश्यकता और उसके महत्त्व पर जानकारी देंगे । जनसमुदाय से अपेक्षा है कि वह वेब लिंक के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़कर जानकारी प्राप्त करें और दूसरों को भी पोषण और स्तनपान की आवश्यकता पर जागरूक करें । यदि सभी लोग जन्म के समय शीघ्र स्तनपान और छह माह तक सिर्फ स्तनपान का महत्त्व समझेंगे तो निश्चित ही हम मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में और कमी ला सकेंगे ।
Comments
Post a Comment