बच्चों को फाइलेरिया से बचाने के लिए स्कूलों में खिलाई जाएगी दवा

 


सुल्तानपुर । फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एम.डी.ए. राउंड) कार्यक्रम 12 मई से शुरू हो रहा है । इसी क्रम में 10 व 11 मई को जिले के सभी स्कूलों में फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 10 व 11 मई को जिले के सभी स्कूलों में अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा बच्चों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी । इसके लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से सभी स्कूलों में सूचना दी जा चुकी है ।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और वेक्टर बॉर्न डिज़ीज के नोडल अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि फाइलेरिया के पूर्ण समापन के लिए आवश्यक है कि सभी लोग फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करें । फाइलेरिया या हाथी पाँव एक संचारी रोग है जो क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा फैलता है । जब किसी संक्रमित व्यक्ति को मच्छर काटता है तो संक्रमण मच्छर में आ जाता है, और जब यही संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है । उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवा खाना ही फाइलेरिया से बचाव का एकमात्र उपाय है । यदि कोई व्यक्ति हर साल एक बार फाइलेरिया रोधी दवा (डी.ई.सी. व अल्बेंडाज़ोल) का सेवन पांच साल तक लगातार करता है तो वह व्यक्ति हाथी पाँव या फाइलेरिया रोग से बचा रहेगा ।

डॉ. सिंह ने कहा कि आमतौर पर फाइलेरिया का संक्रमण होने पर कोई लक्षण नहीं दिखता है । लक्षणों को सामने आने में कई बार 5 से 10 साल भी लग जाते हैं । इसलिए आवश्यक है कि सभी लोगों के साथ बच्चों को भी समय से फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाये ताकि उन्हें फाइलेरिया से बचाया जा सके । दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को छोड़ कर सभी को दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करना है । 12 मई से जिले में सामुदायिक स्तर पर घर-घर जा कर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी ।

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