टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी से खत्म होगी टीबी

 प्रयागराज 21 जुलाई 2022: क्षय रोग का प्रसार को रोकने के लिए ही टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) कार्यक्रम चलाए जा रहा है जिसे अभी पांच वर्ष तक के बच्चो को ही दिया जाता था लेकिन अब ये थेरेपी टी.बी ग्रसित रोगी के परिवार के लोगों को भी दी जाएगी यह कहना है डॉ. अरुण कुमार तिवारी |

 


सीएमओ डॉ नानक सरन ने बताया कि क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए समाजसेवी संस्थाओं के जरिये लगातार प्रयास किया जा रहा है। इन प्रयासों में और भी तेजी लाने की आवश्यकता है 

 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अरुण कुमार तिवारी ने कहा कि क्षय रोग को समाप्तय करने में स्वाास्य्एग  विभाग के साथ ही सामाजिक संगठन आम जनप्राइवेट चिकित्सषकों तथा अन्यह लोगों को समन्वित रुप से आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों के इलाज के साथ ही उनके पोषण में भी सहयोग आवश्यनक हैतभी इस रोग को जड़ से समाप्तह किया जा सकता है।

 

जिला कार्यक्रम समन्वयक सैमसन ने बताया कि टीपीटी(टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी) पर क्षय रोग उन्मूसलन अभियान के तहत टीपीटी कार्यक्रम चलाया जाता है। इसके तहत क्षय रोगी के परिवार के लोगों को छह महीने तक क्षय रोग की प्रतिरोधी दवाएं मौजूद परिवार के सदस्योंह के आयु वय के हिसाब से दी जाती हैं। इसे बड़े लोगों के लिए जल्द शुरू किया जायेगा |

 

टीपीटी कार्यक्रम की जानकारी:

डॉ अरुण कुमार तिवारी ने टीपीटी माडल के बारे में विस्ताेर से जानकारी दी। उन्होंने चिकित्सेकों को दवाओं की डोज के साथ ही बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया उन्होंने बताया कि इससे पहले 5 वर्ष से कम आयु तक के सक्रिय टीबी मरीज के संपर्क में आने वाले मरीजों को उक्त थेरेपी दी जाती थी लेकिन अब टीबी मरीज के प्रत्येक संपर्क वाले व्यक्ति को स्क्रीनिंग उपरांत टीपीटी दी जाएगी।

 

क्षय रोगी 15 व्ययक्तियों तक करता है रोग प्रसार:

पी.पी.एम धर्मेन्द्र सिंह बताते हैं कि यदि किसी आदमी को फेफड़े की टीबी है तो वह कम से कम 15 व्यतक्तियों को टीबी फैलाता है। इसलिए टीबी मरीजों के परिवार के लोगों के उपर विशेष ध्या न देने की आवश्यहकता होती है |

प्रिवेंटिव थेरेपी टीबी को करेगी जड़ से खत्म

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया की टीबी रोगियों के परिजनों व सम्पर्क में आने वालों का भी जाँच कराया जाएगा। जांच में टीबी के लक्षण ना दिखाई देने पर परिवार के सदस्यों को प्रीवेंटिव दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं साथ ही एच.आई.वी के मरीज को भी प्रीवेंटिव दवाएं दी जाती हैं ।

उन्होंने बताया कि यदि जाँच में किसी सदस्य में टीबी के लक्षण पाए गए तो उसका पूरा इलाज डॉट सेंटर के माध्यम से किया जायेगा |

लाभार्थी -ब्रिजेश प्रजापति उम्र 37 वर्ष निवासी झलवा ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से मेरा इलाज काल्विन अस्पताल में चल रहा हैं और अब मैं पहले से ठीक हूँ इस बीमारी से बचाव के लिए मेरे दो वर्षीय बेटे को भी प्रिवेंशन की दवा दी गई हैं जिसे पूरे नियम से खिलाते हैं |

स्टाफ की हो रही स्क्रीनिंग

टीबी को समाप्त करने के लिये जिला क्षय रोग विभाग के अधिकारी कर्मचारी लगे हुए हैं। प्रीवेंटिव थेरेपी के तहत सभी की एक्स-रे व ट्यूबर क्विलिन टेस्ट से स्क्रीनिंग की जा रही है। उनकी यदि किसी में टीबी के लक्षण मिले तो छह माह तक थेरेपी दी जाएगी क्षय रोग विभाग का स्टाफ क्षय रोगियों के संपर्क में रहता हैइसलिये स्टाफ को प्रीवेंटिव थेरेपी देने के लिये प्रक्रिया पूरी की जा रही है।


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