ब्लाक स्तरीय इकाई से होगा फाइलेरिया उन्मूलन, 44 टीम करेंगी नाईट सर्वे

प्रयागराज : जनपद को फाइलेरिय मुक्त बनाने के लिए फाइलेरिया रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में ब्लाक स्तरीय इकाई बनाकर सघन सर्वे अभियान चलाया जायेगा । यह अभियान 26 अगस्त से 12 सितम्बर तक (12 दिन) चलाया जायेगा इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नानक सरन ने दी |

जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि फाइलेरिया रोग उन्मूलन अभियान के तहत जनपद के सभी ब्लाक में दो क्षेत्र चिन्हित कर विशेष फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जायेगा साथ ही नगरीय क्षेत्र में भी दो क्षेत्र को चिन्हित कर विशेष फाइलेरिया उन्मूलन अभियान | जिसमे पहला फाइलेरिया रोग प्रसार के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र (हाई रिस्क) जिसमें फाइलेरिया के लक्षणों वाले रोगियों को चिन्हित किया हो | दूसरा रेंडम (सामान्य) क्षेत्र को चिन्हित किया गया हैं | जिसमे स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा नाईट ब्लड सर्वेक्षण किया जायेगा  | उन्होंने बताया कि हर साइड पर एक नाईट ब्लड सर्वे कि टीम होगी 44 टीम का गठन किया गया हैं हर टीम में चार सदस्य होंगे | जो चिन्हित क्षेत्र में रात्रि 8.00 बजे से रात्रि 12 बजे तक नाईट ब्लड सर्वे करेगी | इसके अंतर्गत 20 वर्ष व उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का ब्लड सर्वे किया जायेगा | प्रतिदिन 50 ब्लड स्लाइड बनाने का लक्ष्य दिया गया हैं | वर्तमान में कोविड.19 संक्रमण से बचाव हेतु आवश्यक व अनिवार्य नियमों का पालन करते हुए यह सर्वे किये जाने के निर्देश दिए गए हैं |

उन्होंने बताया कि जनपद में वर्तमान में हाथीपांव के 1100, हाइड्रोसील 856 केस के साथ फाइलेरिया के कुल 1856 केस हैं। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह कार्यक्रम वर्ष 2021 में फतेहपुर में चला था। जो काफी सफल रहा है। ऐसे संभावित क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर बीमारी रोकने कारगर होता है।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलता है इसलिए बेहतर है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसके लिए घर के आसपास व भीतर साफ सफाई रखें। पानी जमा न होने दें और समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोग से हुई शारीरिक विकलांगता मरीज के मानसिक स्थिति पर भी बुरा असर डालती है। क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 साल में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। महिलाओं को स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है।

फाइलेरिया के लक्षण

             -सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।

             -बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।

             -पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।

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