कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में डेंगू के संक्रमण के बाद खतरा अधिक

 प्रयागराज : समय पर डेंगू के लक्षण पहचान कर बीमारी को गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है। डेंगू के लक्षण शुरुआत में फ्लू के जैसे हो सकते हैं। इसलिए चिकित्सक की सलाह के अनुसार पहले जांच कराएँ फिर रिपोर्ट के आधार पर इलाज शुरू करें। डेंगू के मरीज व जनसमुदाय डेंगू के सामान्य लक्षण को भी गंभीरता से लें व पूरे अहतियात के साथ पूरा इलाज कराएं। डेंगू को लेकर जरा सी लापरवाही पड़ सकती है जीवन पर भारी। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह का।

उन्होने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बच्चे व बुजुर्गों के साथ-साथ ऐसे लोग जो डायबिटीजटीबीएचआईवी और कैंसर से पीड़ित हैं उन्हें डेंगू का खतरा ज्यादा है। डेंगू संक्रमित होने पर ऐसे लोगों में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगता है व इन्हें रिकवर होने में अन्य लोगों की तुलना में अधिक समय लग सकता है। इसके अलावा यदि किसी को पहले भी डेंगू बुखार हो चुका है और दोबारा फिर से संक्रमित हो जाता है तो डेंगू संक्रमण का जोखिम उस व्यक्ति को अधिक रहता है।

खुद न बनें डॉक्टरप्रमाणित चिकित्सालय में कराएं इलाज

डॉक्टर की सलाह के बिना सामान्य बुखार या डेंगू के बुखार में मरीज को कोई भी दर्दनिवारक दवा या एंटीबॉयटिक दवा न दें अधिक आवश्यकता पड़ने पर केवल पैरासीटामॉल दें। बुखार 100 से 102 के बीच रहे शरीर को ठंडे पानी से स्पंेज करें। यह तब तक करेंजब तक शरीर का तापमान सामान्य न हो जाए। डेंगू होने पर केवल प्रमाणित चिकित्सालय में ही इलाज कराना चाहिए।

डिहाइड्रेशन से करें बचाव व खान-पान का रखें ख्याल

मरीज में को पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन कराएं। डिहाइड्रेशन की समस्या होने से तबीयत और ज्यादा खराब हो सकती है। सादा पानीनींबू पानीदूधलस्सीछाछ और नारियल पानी का भरपूर सेवन कराएं। शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए। मरीज ले शरीर में प्रत्येक दिन कम से कम 3 से 4 लीटर पानी लिक्विड जाना चाहिए। इसके साथ ही हर 1 से 2 घंटे में रोगी को कुछ ना कुछ खाने के लिए देते रहें। फास्ट फूड न लें।

मच्छरदानी का उपयोग व साफ-सफाई का रखें ध्यान

मरीज के पर्सनल हाइजीन का पूरा ध्यान रखें। मरीज के कमरे में नमी न रहे क्योंकि डेंगू का मच्छर साफ पानी व नमी वाली जगह पर छिपे हो सकते हैं। मरीज के कपड़े व बिस्तर रोजाना बदलें व हाथ-पैर धोने या नहाने के लिए हल्के गुनगुने पानी का प्रयोग करें। बेड पर मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें। साथ ही घर के अन्य सदस्य भी मच्छरों से बचाव के लिए हर संभव तरीका अपनाएं। ताकि मच्छर रोगी को काटने के बाद परिवार के अन्य लोगों में यह बीमारी ना फैला सकें।

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