डेंगू से बचाव के लिए सुबह के समय अहतियात का करें विशेष पालन : जिला मलेरिया अधिकारी
डेंगू के अन्डे 10 माह तक निष्क्रिय अवस्था में भी रहते हैं जिंदा
· पानी के स्रोतों खत्म करने के बाद भी टलता नहीं डेंगू का खतरा
· साफ सुथरे शहरी इलाकों में रहने वालों को डेंगू का ज्यादा खतरा
उन्होने कहा कि “डेंगू के मच्छर साफ जगह (नमी व साफ और ठहरा हुआ पानी) में पनपते हैं। ऐसे लोग जो शहरों में या साफ सुथरी जगह रहते हैं उन्हें डेंगू के मच्छर से विशेष तौर पर सावधान रहने की जरूरत है। डेंगू का मच्छर केवल सुबह के समय ही काटता है। दोपहर और रात को यह नमी वाली जगह या ठहरे हुए साफ पानी पर छिप जाता है। यह मच्छर ज्यादा ऊंची उड़ान नहीं भर सकता। इस कारण केवल पैरों से लेकर घुटनों तक (लोअर लिंब्स) पर ही यह काटता है। इसलिए सुबह के समय विशेष तौर पर फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। बच्चों व बुजुर्गों को फुल आस्तीन के कपड़े व जूते पहनाकर ही बाहर भेजें। रात को सोते समय मच्छरदानी व मच्छर भगाने वाले लोशन व तेल का इस्तेमाल करें।
पानी के स्रोतों को खत्म करने के बाद भी खतरा टलता नहीं
उन्होने बताया कि डेंगू के अन्डे 8 से 10 माह तक निष्क्रिय अवस्था में भी रह सकता है। उसका जीवन चक्र पानी के संपर्क में आते ही शुरू हो जाता है। मच्छर पनपने वाले स्रोत जैसे कि कूलर, गमला, फ्रिज की ट्रे, छत पर पड़े कबाड़, प्लास्टिक की बोतल आदि में अगर पानी जमा है तो उसमें डेंगू के अन्डे अपना विस्तार कर सकते हैं। इन स्रोतों से पानी खाली करने पर भी अंडे उसी स्रोत में ही चिपके रह जाते हैं। यदि उस पानी को जमीन पर फेंक दिया जाए तो वह पानी किसी गड्ढे, तालाब या नाली में जमा हो जाता है जहां अन्डे दोबारा से सक्रिय हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि घर या आसपास कहीं पानी जमा न होने दें।
जागरूकता जरूर बरतें
· पेंट व कमीज पूरी बाजू वाली पहनें
· आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें
· सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
डेंगू बुखार के लक्षण
· जोड़ों में दर्द
· उल्टी आना
· डिहाइड्रेशन
· शरीर में दर्द
· तेज बुखार
· कमजोरी व थकान
· गले में दर्द
· सिर दर्द
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