आशा कार्यकर्ता की पहचान उनकी एकता को प्रतीक हैं उनकी ड्रेस,

 कौशाबी नवंबर: गाँवके अंतिम झोर तक सेवाएँ पहुँचाने का काम करने वाली आशा या शहर अब क्षेत्र में तैनात आशा व आशा संगिनी निर्धारित यूनीफार्म में ही कार्य क्षेत्र में भ्रमण करेंगी। इसके लिए जिन आशा व आशा संगिनी कार्यकर्ताओं के पास यूनीफार्म नहीं है विभाग उनकी सूची तैयार कर रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि आशाओं की पहचान उनकी  एकता को प्रतिक हैं उनकी ड्रेस ऊन्होने कहा कि  “राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से प्राप्त शासनादेश का अनुपालन कराने का निर्देश सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों समेत सभी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को दिया गया है।

डॉ॰ सुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि “अभी तक सख्ती न किए जाने के चलते कुछ आशा व आशा संगिनी कार्यकर्ता बैठक में प्रतिभाग करने या कार्यक्षेत्र में भ्रमण के दौरान यूनिफार्म नहीं पहनती हैं। शासन से मिले निर्देश के अनुसार अब यदि कोई आशा व आशा संगिनी बिना यूनिफार्म के क्षेत्र में भ्रमण करती है व बैठक में भाग लेगी है तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष में यूनीफार्म के लिए प्रति आशा व आशा संगिनी को 1000 रुपये की दर से धनराशि आवंटित की जाएगी। पूर्व में यूनिफार्म के मद में छह सौ रुपये मिलते रहे हैं। उन्होंने  कहा कि प्राप्त शासनादेश के अनुसार जनपद में कार्यरत प्रत्येक आशा एवं आशा संगिनी निर्धारित यूनीफार्म में ही कार्य करें। इसी क्रम में शासनादेश का अनुपालन कराने का निर्देश सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों समेत सभी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को दिया गया है।

जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर संजय कुमार ने बताया कि जनपद में कुल 1605 आशा कार्यकर्ता सेवा दे रही हैं। इनमें 1599 ग्रामीण व 6 आशा शहरी व 58 आशा संगिनी हैं। यूनीफार्म खरीदने के लिए विभाग के पास पर्याप्त बजट मौजूद है। जल्द ही आशा व आशा संगिनी के यूनिफार्म मद में प्राप्त धनराशि उन्हें उपलब्ध करा दी जाएगी। यदि किसी आशा व आशा संगिनी के पास ड्रेस नहीं है तो वह अपने केंद्र प्रभारी चिकित्साधिकारी को सूचित करें। इस बार ड्रेस लेने कि राशि बढ़ा दी गयी है जिससे सभी आशा को सहूलियत भी होगी | 

आशा दीदी की जुबानी 

संजना आशा कार्यकर्ता गांधी नगर बस्ती मंझनपुर ने कहा कि यह ड्रेस हमारी पहचान है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान यह हमारी पहचान में मदद करती है। दूर से ही लोग पहचान लेते हैं। वह बताती है कि लोग कहते हैं वह देखों योजनाओं का भंडार आ रहा है। वहीं मिथलेश, आशा कार्यकता, गाँधी नगर कालोनी मंझनपुर ने बताया कि यह ड्रेस आशा की एक जुड़ता दर्शाती है। अपनी ड्रेस पहन कर कार्य करने में एक पहचान बनती है और ख़ुशी भी होती है।

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