परिवार पूरा कर चुके दंपति कराएं नसबंदी, सुखमय बनाएँ दाम्पत्य जीवन : सीएमओ

प्रयागराज  : जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है। वहीं प्रयागराज के पुरुष इसके प्रति बेहद सचेत हैं। तभी तो पिछले छह वर्ष से पूरे प्रदेश में पुरुष नसबंदी के मामले में प्रयागराज शीर्ष पर रहा है। इसी क्रम में 21 नवंबर से जनपद में पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के पहले चरण की शुरुवात हो चुकी है। पखवाड़ा के अंतर्गत अपनी भूमिका दर्ज कराते हुए परिवार पूरा कर चुके पुरुष अपनी नसबंदी कराएगा व जनपद दोबारा से जनसंख्या स्थिरीकरण में विशेष योगदान कर अपना इतिहास दोहराएगा। यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ नानक सरन ने कही है।

उन्होने कहा कि “पुरुष नसबंदी पखवाड़ा का पहला चरण 21 नवंबर से 27 नवम्बर तक चलेगा। इस वर्ष “अब पुरुष निभाएंगे ज़िम्मेदारी, परिवार नियोजन अपनाकर दिखाएंगे अपनी जिम्मेदारी” थीम पर पखवाड़ा चलेगा। इस बीच प्रचार-प्रसार के माध्यम से पुरुषों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करते हुए नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। आशा और एएनएम घर-घर जाकर परिवार पूरा कर चुके दंपति को परिवार नियोजन के स्थायी साधन की जानकारी देंगी। पखवाड़े का दूसरा चरण 28 नवम्बर से चार दिसम्बर तक चलेगा। इसके तहत चिकित्सा संस्थानों पर पुरुष लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण नसबंदी सेवाएं प्रदान की जाएगी।“ 

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ. सत्येन राय ने बताया कि “ पुरुष नसबंदी को लेकर जनपद के लोगों में काफी जागरूकता आई है। जो कुछ मिथक हैं उन्हें दूर करने के लिए सारथी वाहन व अन्य माध्यम से क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है। हर ब्लॉक में 10 लोगों की नसबंदी का लक्ष्य रखा गया है। पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए परिवार नियोजन विशेषज्ञों के द्वारा जनपद स्तरीय कार्यशाला कराकर आशा-एएनएम को प्रशिक्षित भी किया गया है। जनपद स्तरीय चिकित्सालय के अतिरिक्त फूलपुर, मांडा, यूपीएससी प्रथम दारागंज व क्रियाशील ऑपरेशन थियेटर (ओटी) वाले फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफआरयू) अथवा ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) पर पुरुष नसबन्दी के साथ साथ महिला नसबंदी व परिवार नियोजन की सभी सुविधाएं दी जाएंगी। ज्यादा से ज्यादा पुरुष इसका लाभ उठाएँ व नसबंदी कराएं।

जिला कार्यक्रम प्रबन्धक विनोद सिंह ने बताया कि “पुरुष नसबंदी एक मामूली सी शल्य क्रिया है। महिला नसबंदी के मुकाबले यह न सिर्फ सरल है बल्कि कारगर भी है। बल्कि वैवाहिक जीवन इससे और भी सुखमय हो जाता है। पुरुष नसबंदी के बाद किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है। पुरुष नसबंदी के लिए यदि इच्छुक लाभार्थी नसबंदी के लिए राज़ी हो जाता है तो नसबंदी के बाद 3000 रुपये की प्रोत्साहन दी जाती है। महिला को नसबंदी के लिए 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।“

छह वर्ष के यह हैं आकंड़ें

जिला परिवार नियोजन एवं सामग्री प्रबंधक सचिन चौरसिया ने बताया कि पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान वर्ष 2016 में 52, 2017 में 85 व 2018 में 84 पुरुषों ने नसबंदी कराई थी। वर्ष 2019 में 85 लोगों ने ही नसंबदी कराई। वर्ष 2020 में 113 लोगों ने नसबंदी कराई थी। 2021 में 62 लोगों ने नसबंदी कराई थी। जनपद की समस्त स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रचुर मात्र में परिवार नियोजन की सामाग्री उपलब्ध है। इस पखवाड़े के दौरान परिवार नियोजन की अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी।

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