प्रयागराज : स्वास्थ्य विभाग की
निगरानी में वह सभी निजी चिकित्सालय हैं जो परिवार नियोजन व परिवार कल्याण से जुड़ी
स्वास्थ्य सेवाओं की रिपोर्ट पोर्टल के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को नहीं भेज रहे
है। सभी निजी अस्पताल लाभार्थियों की सूचना की नवीनतम व अपडेटेड रिपोर्ट माह के 21
तारीख तक अवश्य भेज दें। यह बात बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधन व पीएसआई
इंडिया के सहयोग से आयोजित बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ नानक सरन ने कही।
यह बैठक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नानक सरन की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
उन्होने कहा कि “ आज बैठक में
जनपद के 50 निजी चिकित्सालय के संचालक, चिकित्सक व स्टाफ इस बात को स्पष्ट तौर
पर समझ लें की परिवार नियोजन व परिवार कल्याण से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं का डाटा
विभाग सिर्फ इसलिए मांगा जा रहा है ताकि जो लोग निजी चिकित्सालयों में संबन्धित
परिवार नियोजन से जुड़े स्वास्थ्य लाभ लिए हैं उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पास
दर्ज रहे। इससे ताकि परिवार नियोजन के विषय में पूर्ण जानकारी एकत्रित कर विभाग
समुचित रिपोर्ट तैयार कर सके। पोर्टल पर रजिस्टर्ड सभी 51 चिकित्सालयों से प्राप्त
हुई रिपोर्ट संतोषजनक नहीं है। यदि जनपद के सभी निजी चिकित्सालय ससमय पूरी व सही
रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करेंगे तभी जनपद परिवार नियोजन की रैंकिंग में इजाफा
करेगा।
डॉ रावेन्द्र ने कहा कि “ दो
माह पूर्व भी सभी निजी अस्पताल को सूचित किए जाने के बावजूद वह अस्पताल आने वाले
मरीजों का डेटा नहीं भर रहे हैं। यह रिपोर्ट भारत सरकार के पोर्टल हेल्थ मैनेजमेंट
एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) और रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) पर
अंकित की जाती है। जिससे जनपद सहित अन्य जनपदों की रैंकिंग निर्धारित होती है।
इसलिए समय पर सही डाटा विभाग को भेजें। समस्त निजी चिकित्सालय पूर्ण सहयोग करें।
यदि डाटा फीडिंग में किसी प्रकार की दिक्कत आ रही हो तो डाटा मैनेजर सहित प्रत्येक
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी से वह संपर्क कर सकते हैं।
बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ॰ एके तिवारी
ने कहा कि “टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए निजी
चिकित्सालय आगे आएँ। कुछ अस्पतालों के चिकित्सकों व संचालकों ने टीबी मरीजों को
गोद लिया है पर प्रत्येक माह उन्हें इनके माध्यम से पोषण किट प्राप्त नहीं हो रही
है। कृपया ऐसा न करें टीबी के मरीज का हांथ थामें तो कम से कम छह माह तक उन्हें
पोषण किट जरूर दें। इस समय टीबी के मरीजों को आपसे सहयोग और साथ जरूरत है। तभी हम
2025 तक टीबी मुक्त भारत की कल्पना कर सकते हैं।
पीएसआई इंडिया से कृति पाठक ने कहा कि “हमारा
उद्देश्य सभी मुख्य विभागों से आपसी समन्वय स्थापित कर “द चायलेंज
इनिशियेटिव फॉर हेल्दी सिटीज” (टीसीआईएचसी) परियोजना के माध्यम से
शहरी मलिन बस्तियों में अंतिम लाभार्थी तक परिवार नियोजन की सेवाएँ पहुंचाना है।
हम निजी अस्पतालों से सहयोग की अपेक्षा करते हैं।
इस दौरान नीरज कुमार जायसवाल जिला एचएमआईएस
पोर्टल ऑपरेटर ने इसके बारे में विस्तार से चर्चा की उन्होंने कहा कि यह भारत
सरकार का महत्वपूर्ण पोर्टल है जिसमें पारदर्शिता के साथ सही जानकारी भी है।
उन्होंने कहा कि फार्मेट में कुछ बदलाव किये गए हैं जिससे जानकारी को और बेहतर करने
का प्रयास किया गया ताकि रिपोर्टिंग में कोई गलती न हों |बैठक में सभी प्राइवेट नर्सिंग होम, अस्पताल
के संचालक, चिकित्सक व स्टाफ सहित पीएसआई इंडिया से कृति
पाठक व अशरफ हुसैन अंसारी व सहयोगी संस्थाओं में सीफार के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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