दो दिवसीय दौरे पर टीम, फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चल रहे अभियान की प्रगति पर रहेगी नजर

 भारत सरकार की टीम ने देखा आईडीए अभियान, जाना अभियान की प्रगति 


दो दिवसीय दौरे पर टीम, फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चल रहे अभियान की प्रगति पर रहेगी नजर


केंद्रीय टीम ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को दिया निर्देश-


• दवा का सेवन न करने वालों की सूची तैयार रखें आशा कार्यकर्ता

• स्तनपान कराने वाली माताओं को भी दवा का सेवन कराएं

• दवा खिलाने के बाद अंगुली पर निशान जरूर लगाएं

• रैपिड रिस्पांस टीम के संपर्क में रहे आशा

प्रयागराज 20 फरवरी 2024:  राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में चल रहे आईडीए अभियान को देखने के लिए भारत सरकार की तीन सदस्यीय टीम दो दिवसीय दौरे पर है। मंगलवार को टीम कौड़िहार ब्लॉक के मलाक हरहर गांव पहुंची। केंद्रीय टीम में शामिल बीएमजीएफ संस्था से डॉ. राज शंकर घोष व पाथ संस्था से डॉ. सत्यव्रत राउत्रे व डॉ. पी बिस्वाल ने गांव में भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों से मिलकर अभियान की प्रगति  का जायजा लिया। 

भ्रमण के दौरान टीम कुछ घरों के परिवारों से मिली, जहां उनकी अंगुली पर दवा सेवन का निशान देखकर टीम ने उन्हें जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बताया। वहीं आशा ने टीम को ऐसे एक परिवार से भी मिलाया जिन्होंने दवा खाने से इनकार कर दिया था। टीम परिवार से मिली और उन्हें फाइलेरिया की गंभीरता बताते हुए दवा सेवन करने के लिए प्रेरित किया। टीम की अपील से प्रेरित होकर परिवार के सभी पांच सदस्यों ने टीम के सामने दवा का सेवन किया।

टीम में शामिल राज शंकर ने कहा कि “फाइलेरिया की चेन तोडऩे के लिए दवा का सेवन जरूरी है। इसके लिए आशा व स्वास्थ्यकर्मी विद्यालय, राशन वितरण के समय व ग्राम पंचायत केन्द्रों पर लोगों को बुलाकर सामूहिक तौर पर दवा सेवन कराने पर अधिक ज़ोर दें, ताकि बड़ी संख्या में लोगों को दवा का सेवन करते देख समुदाय जागरूक हो। अभियान के दौरान आशा रैपिड रिस्पांस टीम के संपर्क में रहें और आपातकालीन परिस्थिति पड़ने पर उन्हें सूचित करें। स्तनपान कराने वाली माताओं को भी दवा का सेवन कराएं। दवा खिलाने के बाद उंगली पर निशान अवश्य लगाएं। साथ ही आशा ऐसे लोगों की सूची तैयार करे जिन्होंने दवा के सेवन से मना किया है, ताकि ऐसे लोगों की काउन्सलिग कर उन्हें माप अप राउंड के दौरान दवा का सेवन कराया जा सके। “



केंद्रीय टीम के भ्रमण के बारे में जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि " केंद्रीय टीम ने गांव में दवा सेवन की स्थिति को जाना जिससे वह सतुष्ट दिखें। वहीं टीम ने अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के पास दवा, चाक, मार्कर और बुकलेट की उपलब्धता तथा घरों पर मार्किंग का गहनता से जांच कर रिकॉर्ड दस्तावेजो का अवलोकन किया। टीम ने आशा के कार्यों में परिवार रजिस्टर की भूमिका भी देखी । अभियान को सफल बनाने के लिए टीम के द्वारा प्राप्त दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।

केंद्रीय टीम के साथ दौरे पर स्वास्थ्य विभाग से जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह,पाथ संस्था के मंडलीय समन्वयक डॉ शाश्वत त्रिपाठी, मलेरिया निरीक्षक आशीष यादव, मलेरिया निरीक्षक सौम्या, क्षेत्र की आशा कार्यकत्री व सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के प्रतिनिधि और पीसीआई संस्था के प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

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